भारतीय जनता पार्टी ने योगी सरकार के कैबिनेट व राज्य मंत्रियों पर फिर भरोसा जताया है। गोरखपुर-बस्ती मंडल से आने वाले ज्यादातर मंत्रियों को परंपरागत सीटों से चुनाव मैदान में उतारा गया है। संतकबीरनगर की धनघटा सीट से विधायक व मंत्री श्रीराम चौहान की सीट बदली गई है। श्रीराम अब खजनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। यह सीट 2012 से ही भाजपा के पास है।
गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 विधानसभा सीटों के चुनाव छठवें चरण में तीन मार्च को होंगे। इससे पहले चार से 11 फरवरी तक नामांकन प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। अब तक 25 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए हैं। कुछ सीटें सहयोगी दल निषाद पार्टी व अपना दल एस के खाते में जा सकती हैं। लिहाजा, बाकी बची कई सीटों के लिए मंथन जारी है।
शुक्रवार को जो सूची आई है, उसमें भाजपा के कई दिग्गजों के नाम हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही पर पार्टी ने फिर भरोसा जताया है। वह अपनी परंपरागत सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसी तरह स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह भी अपनी परंपरागत सीट से चुनाव लड़ेंगे। जय प्रताप नौंवी बार चुनाव मैदान में होंगे। सात बार चुनाव जीते थे। एक बार हार का सामना करना पड़ा था।
इन मंत्रियों को मिला टिकट
- देवरिया की पथरदेवा सीट से कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही
- देवरिया की रुद्रपुर सीट से मंत्री जय प्रकाश निषाद
- सिद्धार्थनगर की बांसी सीट से स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह
- सिद्धार्थनगर की इटवा सीट से बेसिक शिक्षामंत्री डॉ. सतीश चंद द्विवेदी
- गोरखपुर की खजनी (सुरक्षित) सीट से श्रीराम चौहान
गोरखपुर-बस्ती मंडल: अब तक नौ विधायकों के टिकट कटे, एक ने पार्टी छोड़ी
भाजपा ने गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 में से 25 सीटों के प्रत्याशी तय कर दिए हैं। कुछ सीटें सहयोगी दल निषाद पार्टी व अपना दल के खाते में जा सकती हैं। भाजपा ने जो टिकट दिए हैं, उसके मुताबिक नौ विधायकों के टिकट काटे गए हैं। एक विधायक ने सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। गोरखपुर में विधायक डॉ आरएमडी अग्रवाल, शीतल पांडेय और संत प्रसाद के टिकट कटे हैं।
इसी तरह कुशीनगर में रजनीकांत मणि त्रिपाठी, पवन केडिया व गंगा सिंह कुशवाहा के टिकट काटे गए हैं। हालांकि, गंगा सिंह कुशवाहा की उम्र ज्यादा हो गई थी। लिहाजा, पार्टी ने गंगा के बेटे सुरेंद्र कुशवाहा को फाजिलनगर सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। देवरिया के भी तीन विधायकों के टिकट काटे गए हैं। उपचुनाव जीतकर विधायक बने डॉ. सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी, सरकार व संगठन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने वाले विधायक सुरेश तिवारी और कमलेश शुक्ला को टिकट नहीं मिला है।
इनकी जगह समान जाति के प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा गया है। खलीलाबाद से भाजपा विधायक जय चौबे पहले ही सपा की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं। इस सीट से अंकुरराज तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा गया है।
जातीय व सामाजिक समीकरण भी साधा
सात जिलों के प्रत्याशियों की सूची से जातीय व सामाजिक समीकरण भी साधा गया है। अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति व ब्राह्मणों को और ज्यादा जोड़ने का प्रयास किया गया है। वैश्य व क्षत्रियों को भी प्रतिनिधित्व मिला है। गोरखपुर की घोषित सात सीट के प्रत्याशियों में से दो पर ब्राह्मण उतारे गए हैं। देवरिया में भी ब्राह्मण प्रत्याशियों की संख्या अच्छी है।
संगठन को तरजीह
टिकट बंटवारे में संगठन को भी तरजीह दी गई है। भाजपा गोरखपुर क्षेत्र की 21 सदस्यीय कार्यकारिणी में से तीन पदाधिकारियों को विधानसभा क्षेत्रों का प्रत्याशी बनाया गया है। सहजनवां विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाए गए प्रदीप शुक्ला क्षेत्रीय महामंत्री हैं। कुशीनगर से चुनाव मैदान में उतारे गए पीएन पाठक भी क्षेत्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। क्षेत्रीय मंत्री मंजू सरोज को आजमगढ़ की मेंहनगर (सुरक्षित) विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है।
नए चेहरे पर भरोसा
भाजपा ने नए चेहरों पर भी भरोसा जताया है। संतकबीरनगर के दोनों प्रत्याशी पहली बार चुनाव मैदान में उतारे गए हैं। गोरखपुर में प्रदीप शुक्ला को पहली बार मौका मिला है। इसी तरह देवरिया में शलभमणि त्रिपाठी, दीपक मिश्र शाका व सुरेंद्र चौरसिया पहली बार चुनाव लड़ेंगे। कुशीनगर के पीएन पाठक, सुरेंद्र कुशवाहा और मोहन वर्मा भी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
इन विधायकों पर भरोसा कायम
गोरखपुर
कैंपियरगंज से फतेहबहादुर सिंह
बांसगांव से डॉ विमलेश पासवान
पिपराइच से महेंद्रपाल सिंह
बस्ती
सदर से दयाराम चौधरी
हर्रैया से अजय कुमार सिंह
कप्तानगंज से सीए चंद्रप्रकाश शुक्ला
महादेवा सुरक्षित रवि सोनकर
देवरिया
पथरदेवा से सूर्य प्रताप शाही
रुद्रपुर से जय प्रकाश निषाद
सिद्धार्थनगर
बांसी से जय प्रताप सिंह
इटवा से डॉ. सतीश चंद द्विवेदी
डुमरियागंज से राघवेंद्र प्रताप सिंह
कपिलवस्तु से श्याम धनी राही
महराजगंज
फरेंदा से बजरंग बहादुर सिंह
पनियरा से ज्ञानेंद्र सिंह सैंथवार
भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह टिकट बंटवारे में सामाजिक समीकरण का ध्यान रखा गया है। जनता की पसंद के हिसाब से प्रत्याशी बनाए गए हैं। विकास के एजेंडे के साथ चुनाव मैदान में हैं। 2017 से बड़ी जीत मिलेगी।
विस्तार
भारतीय जनता पार्टी ने योगी सरकार के कैबिनेट व राज्य मंत्रियों पर फिर भरोसा जताया है। गोरखपुर-बस्ती मंडल से आने वाले ज्यादातर मंत्रियों को परंपरागत सीटों से चुनाव मैदान में उतारा गया है। संतकबीरनगर की धनघटा सीट से विधायक व मंत्री श्रीराम चौहान की सीट बदली गई है। श्रीराम अब खजनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। यह सीट 2012 से ही भाजपा के पास है।
गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 विधानसभा सीटों के चुनाव छठवें चरण में तीन मार्च को होंगे। इससे पहले चार से 11 फरवरी तक नामांकन प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। अब तक 25 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए हैं। कुछ सीटें सहयोगी दल निषाद पार्टी व अपना दल एस के खाते में जा सकती हैं। लिहाजा, बाकी बची कई सीटों के लिए मंथन जारी है।
शुक्रवार को जो सूची आई है, उसमें भाजपा के कई दिग्गजों के नाम हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही पर पार्टी ने फिर भरोसा जताया है। वह अपनी परंपरागत सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसी तरह स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह भी अपनी परंपरागत सीट से चुनाव लड़ेंगे। जय प्रताप नौंवी बार चुनाव मैदान में होंगे। सात बार चुनाव जीते थे। एक बार हार का सामना करना पड़ा था।
इन मंत्रियों को मिला टिकट
- देवरिया की पथरदेवा सीट से कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही
- देवरिया की रुद्रपुर सीट से मंत्री जय प्रकाश निषाद
- सिद्धार्थनगर की बांसी सीट से स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह
- सिद्धार्थनगर की इटवा सीट से बेसिक शिक्षामंत्री डॉ. सतीश चंद द्विवेदी
- गोरखपुर की खजनी (सुरक्षित) सीट से श्रीराम चौहान