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भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी जनरल वीके सिंह शुक्रवार को बिना किसी शोर-शराबे के नामांकन करने कलक्ट्रेट पहुंचे। तय समय के अनुसार जनरल वीके सिंह की गाड़ी जैसे ही कलक्ट्रेट के गेट रुकी तो पुलिस प्रशासन में हरकत में आ गया।
जनरल सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच अंदर ले जाया गया। इस दौरान भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं और पुलिस के बीच प्रवेश को लेकर जमकर नोंकझोंक हुई।
शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजकर 20 मिनट पर जनरल वीके सिंह नामांकन दाखिल करने कलक्ट्रेट पहुंचे। उनके साथ गाजियाबाद के मेयर तेलूराम कांबोज, भाजपा नेता नीरज सिंह, चंद्रमोहन शर्मा, सुनील शर्मा, रूप चौधरी, पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी थे।
प्रवेश के दौरान पुलिस ने केवल चार लोगों को ही अंदर जाने की इजाजत दी और बालेश्वर त्यागी एवं रूप चौधरी के अलावा सभी लोग अंदर चले गए।
यह दोनों जनरल सिंह के प्रस्तावक थे। प्रस्तावकों को प्रवेश न देने पर पुलिस से काफी नोंकझोंक हुई। काफी देर बाद पुलिस ने दोनों को भीतर जाने की इजाजत दी। जनरल वीके सिंह ने आचार संहिता का पूर्ण आदर करते हुए अपना पर्चा दाखिल किया।
जब जनरल ने कहा, आप घर जाइए
जब नामांकन का समय आया तो वीके सिंह ने कार्यालय पर मौजूद कार्यकर्ताओं के हुजूम से विनम्रतापूर्वक वापस अपने घर जाने को कह दिया।
यह सुनते ही कार्यकर्ता स्तब्ध रह गए। कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ आए थे कि वह जुलूस निकाल कलक्ट्रेट पहुंचेंगे और नामांकन होगा।
कविनगर में रामलीला मैदान के सामने शुक्रवार को बीजेपी के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन हुआ। उस दौरान दर्जनों कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद थे। तय कार्यक्रम के अनुसार पहले हवन हुआ।
सभी ने विजयी होने के लिए यज्ञ में आहुतियां डाली। हवन के बाद जब कार्यकर्ता जुलूस निकालने के लिए तैयार हुए तभी जनरल वीके सिंह ने आचार संहिता का उल्लंघन न हो जाए इसलिए कार्यकर्ताआें से कह दिया कि आप आराम से अपने घर जाएं।
मैं सिर्फ निर्धारित छह लोगों के साथ नामांकन करने जाऊंगा। उनकी अपील पर कार्यकर्ता कार्यालय में ही रुके रहे।
बाहर निकलते ही लगे नारे
नामांकन दाखिल करने के बाद जैसे ही जनरल बाहर निकले तो समर्थकों ने वीके सिंह जिंदाबाद के खूब नारे लगाए। हालांकि जनरल ने समर्थकों को रोकना चाहा लेकिन उत्साह से भरे समर्थक नहीं थमे और बाहर तक नारे लगाते रहे।
भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी जनरल वीके सिंह शुक्रवार को बिना किसी शोर-शराबे के नामांकन करने कलक्ट्रेट पहुंचे। तय समय के अनुसार जनरल वीके सिंह की गाड़ी जैसे ही कलक्ट्रेट के गेट रुकी तो पुलिस प्रशासन में हरकत में आ गया।
जनरल सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच अंदर ले जाया गया। इस दौरान भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं और पुलिस के बीच प्रवेश को लेकर जमकर नोंकझोंक हुई।
शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजकर 20 मिनट पर जनरल वीके सिंह नामांकन दाखिल करने कलक्ट्रेट पहुंचे। उनके साथ गाजियाबाद के मेयर तेलूराम कांबोज, भाजपा नेता नीरज सिंह, चंद्रमोहन शर्मा, सुनील शर्मा, रूप चौधरी, पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी थे।
प्रवेश के दौरान पुलिस ने केवल चार लोगों को ही अंदर जाने की इजाजत दी और बालेश्वर त्यागी एवं रूप चौधरी के अलावा सभी लोग अंदर चले गए।
यह दोनों जनरल सिंह के प्रस्तावक थे। प्रस्तावकों को प्रवेश न देने पर पुलिस से काफी नोंकझोंक हुई। काफी देर बाद पुलिस ने दोनों को भीतर जाने की इजाजत दी। जनरल वीके सिंह ने आचार संहिता का पूर्ण आदर करते हुए अपना पर्चा दाखिल किया।
जब जनरल ने कहा, आप घर जाइए
जब नामांकन का समय आया तो वीके सिंह ने कार्यालय पर मौजूद कार्यकर्ताओं के हुजूम से विनम्रतापूर्वक वापस अपने घर जाने को कह दिया।
यह सुनते ही कार्यकर्ता स्तब्ध रह गए। कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ आए थे कि वह जुलूस निकाल कलक्ट्रेट पहुंचेंगे और नामांकन होगा।
कविनगर में रामलीला मैदान के सामने शुक्रवार को बीजेपी के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन हुआ। उस दौरान दर्जनों कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद थे। तय कार्यक्रम के अनुसार पहले हवन हुआ।
सभी ने विजयी होने के लिए यज्ञ में आहुतियां डाली। हवन के बाद जब कार्यकर्ता जुलूस निकालने के लिए तैयार हुए तभी जनरल वीके सिंह ने आचार संहिता का उल्लंघन न हो जाए इसलिए कार्यकर्ताआें से कह दिया कि आप आराम से अपने घर जाएं।
मैं सिर्फ निर्धारित छह लोगों के साथ नामांकन करने जाऊंगा। उनकी अपील पर कार्यकर्ता कार्यालय में ही रुके रहे।
बाहर निकलते ही लगे नारे
नामांकन दाखिल करने के बाद जैसे ही जनरल बाहर निकले तो समर्थकों ने वीके सिंह जिंदाबाद के खूब नारे लगाए। हालांकि जनरल ने समर्थकों को रोकना चाहा लेकिन उत्साह से भरे समर्थक नहीं थमे और बाहर तक नारे लगाते रहे।