लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Delhi ›   Delhi NCR News ›   Sunanda Pushkar suicide case: Congress MP Shashi Tharoor's clean chit challenged in Delhi High Court

सुनंदा पुष्कर आत्महत्या मामला: कांग्रेस सांसद शशि थरूर को मिली क्लीन चिट को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: अनुराग सक्सेना Updated Thu, 01 Dec 2022 08:34 PM IST
सार

जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस की याचिका दायर करने में देरी को माफ करने की मांग वाली अर्जी पर थरूर को नोटिस जारी किया है। अदालत ने मामले की सुनवाई 7 फरवरी 2023 तय की है।

सुनंदा पुष्कर-शशि थरूर (फाइल फोटो)
सुनंदा पुष्कर-शशि थरूर (फाइल फोटो) - फोटो : PTI

विस्तार

दिल्ली पुलिस ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर को निचली अदालत द्वारा प्रदान क्लीन चिट को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सत्र न्यायालय द्वारा थरूर को मामले से आरोपमुक्त किए जाने के एक साल से अधिक समय बाद यह बात सामने आई है।



जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस की याचिका दायर करने में देरी को माफ करने की मांग वाली अर्जी पर थरूर को नोटिस जारी किया है। अदालत ने मामले की सुनवाई 7 फरवरी 2023 तय की है।


शशि थरूर पर अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर को मौत के लिए उकसाने का आरोप था और इस मौत को आत्महत्या करार दिया गया। दिल्ली पुलिस ने शुरुआत में हत्या के आरोप में मामला दर्ज किया था लेकिन जांच के बाद चार्जशीट में इसे आत्महत्या करार दिया गया। शशि थरूर पर पुलिस ने अपनी चार्जशीट में वैवाहिक क्रूरता (धारा 498ए) और आत्महत्या के लिए उकसाने (धारा 306) का आरोप लगाया था।

हालांकि, कांग्रेस नेता को अगस्त 2021 में विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने यह कहते हुए आरोपमुक्त कर दिया कि यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि थरूर ने पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाया, प्रोत्साहित किया या उकसाया। अदालत ने कहा था कि पर्याप्त सामग्री के बिना थरूर को मुकदमे का सामना करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।

दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई के दौरान थरूर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत में कहा कि याचिका की प्रति उन्हें नहीं दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने याचिका की प्रति एक ईमेल आईडी पर भेजी जिसे पुलिस ने निलंबित कर रखा है।

उन्होंने यह भी आग्रह किया कि मामले के रिकॉर्ड को दिल्ली उच्च न्यायालय के नियमों के अध्याय 17 का हवाला देते हुए मीडिया सहित मामले से संबंधित किसी भी व्यक्ति के साथ साझा नहीं किया जाना चाहिए। पुलिस के वकील ने कहा कि कोई आपत्ति नहीं है। अदालत ने कहा कि याचिका और दस्तावेज की प्रति किसी भी व्यक्ति को नहीं दी जा सकती जो मामले में पक्षकार नहीं है।
विज्ञापन

सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 को रहस्यमयी परिस्थितियों में दिल्ली के एक होटल में मृत पाई गई थीं। पोस्टमॉर्टम के बाद मौत का कारण अल्प्राजोलम पॉइजनिंग बताया गया। जबकि पुलिस की चार्जशीट कहती है कि उन्होंने अत्यधिक मात्रा में अल्प्राजोलम की गोलियां लीं। ऐसे कई लोग हैं जो मानते हैं कि दवा खिलाई गई थी या जबरन इंजेक्शन लगाया गया था।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

;

Followed

;