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गुड़गांव के सेक्टर 56 थाना क्षेत्र में दिल्ली की एक बिल्डर कंपनी पर 65 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। आरोप है कि कंपनी ने शिकायत कर्ता का फ्लैट बिना उसकी इजाजत के किसी दूसरे व्यक्ति को बेच दिया।
सेक्टर 57 में रहने वाले शिव कुमार भाटिया ने स्थानीय पुलिस को अपनी शिकायत में बताया कि दिल्ली के नेहरू प्लेस में एईजेड इंफ्रास्टक्चर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का कार्यालय है। उसने सेक्टर 57 में कंपनी के दो फ्लैट बुक कराए थे। दोनों फ्लैट अलग-बगल ही थे।
इसमें से एक फ्लैट की पूरी किश्त अदा कर देने के बाद उन्होंने अपना कब्जा भी ले लिया था और इसी फ्लैट में रहने लगे थे। लेकिन किसी कारण वश उन्हें यह फ्लैट छोड़कर किसी दूसरी जगह पर जाना पड़ा और दूसरे नए पते के संबंध में उन्होंने कंपनी को भी सूचित कर दिया था।
अपना पता बदल देने के बाद भी शिव कुमार भाटिया अक्सर कंपनी में आते जाते रहते थे। इसी साल दूसरे फ्लैट के किश्त के बीस लाख रुपये उन्हें अदा करने थे। इसकी किश्त समय पर दी जा रही थी। लेकिन इसी दौरान कंपनी ने उन्हें बिना बताए उनका फ्लैट किसी और को 65 लाख रुपये में बेच दिया। आर्थिक अपराध शाखा की जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर छानबीन करने में जुटी है।
गुड़गांव के सेक्टर 56 थाना क्षेत्र में दिल्ली की एक बिल्डर कंपनी पर 65 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। आरोप है कि कंपनी ने शिकायत कर्ता का फ्लैट बिना उसकी इजाजत के किसी दूसरे व्यक्ति को बेच दिया।
सेक्टर 57 में रहने वाले शिव कुमार भाटिया ने स्थानीय पुलिस को अपनी शिकायत में बताया कि दिल्ली के नेहरू प्लेस में एईजेड इंफ्रास्टक्चर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का कार्यालय है। उसने सेक्टर 57 में कंपनी के दो फ्लैट बुक कराए थे। दोनों फ्लैट अलग-बगल ही थे।
इसमें से एक फ्लैट की पूरी किश्त अदा कर देने के बाद उन्होंने अपना कब्जा भी ले लिया था और इसी फ्लैट में रहने लगे थे। लेकिन किसी कारण वश उन्हें यह फ्लैट छोड़कर किसी दूसरी जगह पर जाना पड़ा और दूसरे नए पते के संबंध में उन्होंने कंपनी को भी सूचित कर दिया था।
अपना पता बदल देने के बाद भी शिव कुमार भाटिया अक्सर कंपनी में आते जाते रहते थे। इसी साल दूसरे फ्लैट के किश्त के बीस लाख रुपये उन्हें अदा करने थे। इसकी किश्त समय पर दी जा रही थी। लेकिन इसी दौरान कंपनी ने उन्हें बिना बताए उनका फ्लैट किसी और को 65 लाख रुपये में बेच दिया। आर्थिक अपराध शाखा की जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर छानबीन करने में जुटी है।