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शाहीन बाग में 16 दिसंबर से नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा है कि कोरोना से संक्रमण के खतरे के बीच भी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने एक जगह पर 20 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इन महिलाओं का कहना है कि जब सरकार ने 50 से ज्यादा लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया था, तब वे 50-50 के समूह में धरना दे रही थीं, लेकिन अब वे 20-20 के ग्रुप में धरना देंगी। लेकिन किसी भी हालत में वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगी। क्योंकि उनके लिए नागरिकता कानून का मुद्दा कोरोना वायरस से भी ज्यादा बड़ा है।
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए यहां पर भी लोगों के इसके चपेट में आने की आशंका पैदा हो गई है।
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों में अहम भूमिका निभा रही रूबी ने अमर उजाला को बताया कि कोरोना वायरस का खतरा बड़ा है, लेकिन इस खतरे से कुछ लोगों की ही जान जाएगी, जबकि एनआरसी जैसे कानून पास होने से उनके जैसे लाखों लोगों की जिन्दगी एक पल में उजड़ जायेगी।
महिलाओं और बच्चों को डीटेंशन कैंपों में रखा जाएगा, जो उनके लिए मौत से बदतर हालात होंगे। इसलिए उनके जैसी महिलाओं की इच्छा है कि इस प्रदर्शन को किसी भी कीमत पर जारी रखा जाना चाहिए। कोरोना से कुछ ही लोगों की मौत होगी जबकि इस कानून से लाखों-करोड़ों जिंदगियां खतरे में आ जाएंगी।
कोरोना वायरस के विश्वव्यापी खतरे के बीच प्रदर्शनकारी महिलाओं के जवाब यह साफ कर देते हैं कि संसद में गृहमंत्री अमित शाह का बयान इनके लिए पर्याप्त नहीं है। गृहमंत्री ने कांग्रेस नेता के सवाल पर कहा था कि अपना प्रमाणपत्र पेश न कर सकने वालों के नाम के सामने डी (डाउटफुल) नहीं लिखा जाएगा।
एक जगह एकत्रित होने पर लगा प्रतिबंध
दिल्ली सरकार ने गुरुवार को किसी भी एक जगह पर 20 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया। नियम का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है। सरकार ने गुरुवार से सभी रेस्टोरेंट्स पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया है। अब केवल पैकेट में बंद भोजन सामग्री को ही बेचा जा सकेगा। खाने की होम डिलीवरी भी की जा सकेगी।
सार
- दिल्ली सरकार ने एक जगह पर 20 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर लगाया प्रतिबंध
- महिलाएं बोलीं, एनआरसी जैसे कानून पास होने से लाखों लोगों की जिन्दगी एक पल में उजड़ेगी
विस्तार
शाहीन बाग में 16 दिसंबर से नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा है कि कोरोना से संक्रमण के खतरे के बीच भी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने एक जगह पर 20 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इन महिलाओं का कहना है कि जब सरकार ने 50 से ज्यादा लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया था, तब वे 50-50 के समूह में धरना दे रही थीं, लेकिन अब वे 20-20 के ग्रुप में धरना देंगी। लेकिन किसी भी हालत में वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगी। क्योंकि उनके लिए नागरिकता कानून का मुद्दा कोरोना वायरस से भी ज्यादा बड़ा है।
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए यहां पर भी लोगों के इसके चपेट में आने की आशंका पैदा हो गई है।
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों में अहम भूमिका निभा रही रूबी ने अमर उजाला को बताया कि कोरोना वायरस का खतरा बड़ा है, लेकिन इस खतरे से कुछ लोगों की ही जान जाएगी, जबकि एनआरसी जैसे कानून पास होने से उनके जैसे लाखों लोगों की जिन्दगी एक पल में उजड़ जायेगी।
महिलाओं और बच्चों को डीटेंशन कैंपों में रखा जाएगा, जो उनके लिए मौत से बदतर हालात होंगे। इसलिए उनके जैसी महिलाओं की इच्छा है कि इस प्रदर्शन को किसी भी कीमत पर जारी रखा जाना चाहिए। कोरोना से कुछ ही लोगों की मौत होगी जबकि इस कानून से लाखों-करोड़ों जिंदगियां खतरे में आ जाएंगी।
कोरोना वायरस के विश्वव्यापी खतरे के बीच प्रदर्शनकारी महिलाओं के जवाब यह साफ कर देते हैं कि संसद में गृहमंत्री अमित शाह का बयान इनके लिए पर्याप्त नहीं है। गृहमंत्री ने कांग्रेस नेता के सवाल पर कहा था कि अपना प्रमाणपत्र पेश न कर सकने वालों के नाम के सामने डी (डाउटफुल) नहीं लिखा जाएगा।
एक जगह एकत्रित होने पर लगा प्रतिबंध
दिल्ली सरकार ने गुरुवार को किसी भी एक जगह पर 20 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया। नियम का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है। सरकार ने गुरुवार से सभी रेस्टोरेंट्स पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया है। अब केवल पैकेट में बंद भोजन सामग्री को ही बेचा जा सकेगा। खाने की होम डिलीवरी भी की जा सकेगी।