चिंगरावठी चौकी पर हुए बवाल प्रकरण में पुलिस ने चार माह 20 दिन बाद एक अन्य आरोपी कलुवा को सोमवार देर रात धर दबोचा। आरोपी को मंगलवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। मामले में अब तक 41 आरोपी जेल जा चुके हैं।
तीन दिसंबर, 2018 को महाव गांव में हुई कथित गोकशी की घटना के विरोध में लोगों द्वारा चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हिंसा, आगजनी व तोड़फोड़ की गई थी। गुस्साए लोगों ने चिंगरावठी पुलिस चौकी पर खड़े दर्जनों वाहनों को भी आग लगा दी थी। इसी घटना के दौरान स्याना के पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह व ग्राम चिंगरावठी के युवक सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस द्वारा इस घटना में 27 लोगों को नामजद किया गया व 50-60 अज्ञात लोगों के विरुद्ध स्याना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया।
इस घटना के बाद पुलिस द्वारा चिंगरावठी, महाव व नयाबांस में ताबड़ तोड़ दबिशें दी गई थी। जिसमें लगभग दो माह तक गांवों में दहशत व सन्नाटे का माहौल रहा। पुलिस की कार्यवाई के दौरान गांवों में केवल महिलायें व वृद्ध ही रहे थे। पुलिस द्वारा आरोपियों के फरार रहने पर कुर्की की प्रारंभिक कार्रवाई भी की गई थी। पुलिस के डर के कारण गांव के अधिकांश लोग पलायन कर गये थे।
पुलिस मामले में बीते दिनों तक 40 आरोपियों को जेल भेज चुकी थी। वहीं, बीते दिनों पुलिस ने मामले में 38 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। जिनमें से पांच को पुलिस ने इंस्पेक्टर की हत्या का दोषी माना था, जबकि अन्य आरोपियों को विभिन्न धाराओं में दोषी माना था। वहीं, मंगलवार को कोतवाल विजय कुमार सिंह ने बताया कि इस घटना की चल रही जांच में ग्राम महाव निवासी कलुवा पुत्र बाबूराम का नाम प्रकाश में आया था। जिसे सोमवार देर रात स्याना कोतवाली के एसआई भंवर पाल सिंह ने महाव गांव से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
चिंगरावठी चौकी पर हुए बवाल प्रकरण में पुलिस ने चार माह 20 दिन बाद एक अन्य आरोपी कलुवा को सोमवार देर रात धर दबोचा। आरोपी को मंगलवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। मामले में अब तक 41 आरोपी जेल जा चुके हैं।
तीन दिसंबर, 2018 को महाव गांव में हुई कथित गोकशी की घटना के विरोध में लोगों द्वारा चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हिंसा, आगजनी व तोड़फोड़ की गई थी। गुस्साए लोगों ने चिंगरावठी पुलिस चौकी पर खड़े दर्जनों वाहनों को भी आग लगा दी थी। इसी घटना के दौरान स्याना के पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह व ग्राम चिंगरावठी के युवक सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस द्वारा इस घटना में 27 लोगों को नामजद किया गया व 50-60 अज्ञात लोगों के विरुद्ध स्याना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया।
इस घटना के बाद पुलिस द्वारा चिंगरावठी, महाव व नयाबांस में ताबड़ तोड़ दबिशें दी गई थी। जिसमें लगभग दो माह तक गांवों में दहशत व सन्नाटे का माहौल रहा। पुलिस की कार्यवाई के दौरान गांवों में केवल महिलायें व वृद्ध ही रहे थे। पुलिस द्वारा आरोपियों के फरार रहने पर कुर्की की प्रारंभिक कार्रवाई भी की गई थी। पुलिस के डर के कारण गांव के अधिकांश लोग पलायन कर गये थे।
पुलिस मामले में बीते दिनों तक 40 आरोपियों को जेल भेज चुकी थी। वहीं, बीते दिनों पुलिस ने मामले में 38 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। जिनमें से पांच को पुलिस ने इंस्पेक्टर की हत्या का दोषी माना था, जबकि अन्य आरोपियों को विभिन्न धाराओं में दोषी माना था। वहीं, मंगलवार को कोतवाल विजय कुमार सिंह ने बताया कि इस घटना की चल रही जांच में ग्राम महाव निवासी कलुवा पुत्र बाबूराम का नाम प्रकाश में आया था। जिसे सोमवार देर रात स्याना कोतवाली के एसआई भंवर पाल सिंह ने महाव गांव से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।