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कोरोना संक्रमण हृदय से जुड़ी समस्या भी पैदा कर रहा है। जो मरीज हृदय रोग का इलाज करा रहे थे और वह कोरोना से भी संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे मरीजों में खतरा बढ़ गया है।
जीबी पंत अस्पताल के डॉक्टर अंकित कंसल ने बताया कि उनके यहां दिल की बीमारी के इलाज के लिए सात ऐसे मरीजों पर अध्ययन किया गया, जिनको कोरोना संक्रमण हो गया था। इन मरीजों में ह्रदय गति घटकर 30 से 42 बीपीएम प्रति मिनट रह गयी थी।
इनमें पांच मरीजों को स्थायी पेसमेकर(दिल की धड़कनों को नियमति करने के लिए लगाया गया उपकरण) लगाया जा चुका है। दो अन्य रोगियों की हृदय गति में अस्थायी पेसिंग और इलाज में सुधार हुआ है पर इस तरह के मामले साफ दर्शा रहे है कि अब कोरोना दिल से जुड़ी समस्याओं को भी पैदा करता और बढ़ाता है।
कोरोना पीड़ित मरीजों में दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा अधिक होता है। मरीजों के इलाज करने वाली हिंदूराव अस्पताल की डॉक्टर अंकिता सिंह का कहना है कि आईसीयू में भर्ती गम्भीर मरीजों के इलाज के दौरान जांच में डी डायमर स्तर का पता लगाते हैं, ताकि पता चल सके कि मरीज की धमनियों में खून का थक्का तो नहीं पड़ने वाला है। यही वजह है कि कोरोना के मरीजों में खून को जमने से रोकने के लिए दवाओं पर जोर दिया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण हृदय से जुड़ी समस्या भी पैदा कर रहा है। जो मरीज हृदय रोग का इलाज करा रहे थे और वह कोरोना से भी संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे मरीजों में खतरा बढ़ गया है।
जीबी पंत अस्पताल के डॉक्टर अंकित कंसल ने बताया कि उनके यहां दिल की बीमारी के इलाज के लिए सात ऐसे मरीजों पर अध्ययन किया गया, जिनको कोरोना संक्रमण हो गया था। इन मरीजों में ह्रदय गति घटकर 30 से 42 बीपीएम प्रति मिनट रह गयी थी।
इनमें पांच मरीजों को स्थायी पेसमेकर(दिल की धड़कनों को नियमति करने के लिए लगाया गया उपकरण) लगाया जा चुका है। दो अन्य रोगियों की हृदय गति में अस्थायी पेसिंग और इलाज में सुधार हुआ है पर इस तरह के मामले साफ दर्शा रहे है कि अब कोरोना दिल से जुड़ी समस्याओं को भी पैदा करता और बढ़ाता है।
कोरोना पीड़ित मरीजों में दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा अधिक होता है। मरीजों के इलाज करने वाली हिंदूराव अस्पताल की डॉक्टर अंकिता सिंह का कहना है कि आईसीयू में भर्ती गम्भीर मरीजों के इलाज के दौरान जांच में डी डायमर स्तर का पता लगाते हैं, ताकि पता चल सके कि मरीज की धमनियों में खून का थक्का तो नहीं पड़ने वाला है। यही वजह है कि कोरोना के मरीजों में खून को जमने से रोकने के लिए दवाओं पर जोर दिया जा रहा है।