प्रधानमंत्री मोदी को 2014 में सत्ता में लाने से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीसरी बार प्रचंड जीत दिलाकर अपनी रणनीति का लोहा मनवाने वाले प्रशांत किशोर ने आज बिहार में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। इसमें उन्होंने न सिर्फ विकास पुरुष कहे जाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर खुलकर हमला बोला बल्कि आने वाले समय में बिहार को क्या दिशा देनी है उस पर भी खुलकर बात की।
इन सबके बीच उन्होंने अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी का संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर क्या रुख है ये भी स्पष्ट किया। जब प्रशांत किशोर से पूछा गया कि केजरीवाल सीएए-एनआरसी पर क्या राय रखते हैं तो उन्होंंने साफ किया कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सीएए और एनआरसी के खिलाफ खड़ी है।
- प्रशांत किशोर ने कहा कि गांधी-गोडसे साथ नहीं चल सकते हैं। इसी को लेकर मेरा नीतीश कुमार से मतभेद था।
- हम एक सशक्त नेता चाहते हैं, हमें पिछलग्गू नेता नहीं चाहिए।
- जो बिहार के लिए खड़ा होगा, बिहार की जनता उसके साथ खड़ी होगी।
- मैं भाजपा के साथ चुनाव लड़ने को लेकर सहमत नहीं हूं।
- पिछले 15 सालों में बिहार में बहुत विकास हुआ है, लेकिन ऐसा विकास नहीं हुआ है जिससे बिहार की स्थिति में अमूल-चूल बदलाव आया है।
- आज भी बिहार की स्थिति दुसरे राज्यों की तुलना में वहीं बनी हुई है जो 2005 में थी।
- नीतीश ने बच्चों को स्कूल तक पहुंचाया, साइकिल और पोशाक बांटी, लेकिन एक अच्छी शिक्षा नहीं दे सके।
- मैं हर घर बिजली पहुंचाने के लिए नीतीश कुमार को धन्यवाद देता हूं। लेकिन अब भी बिहार बिजली खपत में अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत पीछे हैं।
- बिहार में ऐसा दिन भी आना चाहिए जब गुजरात के लोग चलकर बिहार में काम करने आएं।
- 2005 में बिहार के लोगों की प्रति व्यक्ति आय 22वें स्थान पर था आज भी वहीं है। हमें 10वें स्थान पर पहुंचना है।
- सबसे ज्यादा गरीब आज भी बिहार में हैं।
- जो बिहार को अगले दस सालों में टॉप 10 राज्यों में देखना चाहते हैं, नीतीश उन्हें बताएं अगले 10 सालों में क्या करेंगे।
- मैं बिहार में राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर 10 साल पहले अपनी यात्रा की शुरुआत की थी।
- जब तक जीवित हूं बिहार के लिए पूरी तरह समर्पित हूं, मैं कहीं नहीं जाने वाला हूं। मैं आखिरी सांस तक बिहार के लिए लड़ूंगा।
- मैं ऐसे लोगों को जोड़ना चाहता हूं जो बिहार को अग्रणी राज्यों की दौर में शामिल करना चाहते हैं।
- 20 फरवरी से मैं एक नया कार्यक्रम 'बात बिहार की' शुरू करने जा रहा हूं।
- मैं किसी गठबंधन या किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ने जा रहा हूं।
प्रधानमंत्री मोदी को 2014 में सत्ता में लाने से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीसरी बार प्रचंड जीत दिलाकर अपनी रणनीति का लोहा मनवाने वाले प्रशांत किशोर ने आज बिहार में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। इसमें उन्होंने न सिर्फ विकास पुरुष कहे जाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर खुलकर हमला बोला बल्कि आने वाले समय में बिहार को क्या दिशा देनी है उस पर भी खुलकर बात की।
इन सबके बीच उन्होंने अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी का संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर क्या रुख है ये भी स्पष्ट किया। जब प्रशांत किशोर से पूछा गया कि केजरीवाल सीएए-एनआरसी पर क्या राय रखते हैं तो उन्होंंने साफ किया कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सीएए और एनआरसी के खिलाफ खड़ी है।
प्रशांत किशोर की मुख्य बातें:-
- प्रशांत किशोर ने कहा कि गांधी-गोडसे साथ नहीं चल सकते हैं। इसी को लेकर मेरा नीतीश कुमार से मतभेद था।
- हम एक सशक्त नेता चाहते हैं, हमें पिछलग्गू नेता नहीं चाहिए।
- जो बिहार के लिए खड़ा होगा, बिहार की जनता उसके साथ खड़ी होगी।
- मैं भाजपा के साथ चुनाव लड़ने को लेकर सहमत नहीं हूं।
- पिछले 15 सालों में बिहार में बहुत विकास हुआ है, लेकिन ऐसा विकास नहीं हुआ है जिससे बिहार की स्थिति में अमूल-चूल बदलाव आया है।
- आज भी बिहार की स्थिति दुसरे राज्यों की तुलना में वहीं बनी हुई है जो 2005 में थी।
- नीतीश ने बच्चों को स्कूल तक पहुंचाया, साइकिल और पोशाक बांटी, लेकिन एक अच्छी शिक्षा नहीं दे सके।
- मैं हर घर बिजली पहुंचाने के लिए नीतीश कुमार को धन्यवाद देता हूं। लेकिन अब भी बिहार बिजली खपत में अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत पीछे हैं।
- बिहार में ऐसा दिन भी आना चाहिए जब गुजरात के लोग चलकर बिहार में काम करने आएं।
- 2005 में बिहार के लोगों की प्रति व्यक्ति आय 22वें स्थान पर था आज भी वहीं है। हमें 10वें स्थान पर पहुंचना है।
- सबसे ज्यादा गरीब आज भी बिहार में हैं।
- जो बिहार को अगले दस सालों में टॉप 10 राज्यों में देखना चाहते हैं, नीतीश उन्हें बताएं अगले 10 सालों में क्या करेंगे।
- मैं बिहार में राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर 10 साल पहले अपनी यात्रा की शुरुआत की थी।
- जब तक जीवित हूं बिहार के लिए पूरी तरह समर्पित हूं, मैं कहीं नहीं जाने वाला हूं। मैं आखिरी सांस तक बिहार के लिए लड़ूंगा।
- मैं ऐसे लोगों को जोड़ना चाहता हूं जो बिहार को अग्रणी राज्यों की दौर में शामिल करना चाहते हैं।
- 20 फरवरी से मैं एक नया कार्यक्रम 'बात बिहार की' शुरू करने जा रहा हूं।
- मैं किसी गठबंधन या किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ने जा रहा हूं।