बॉटेनिकल गार्डन से कालिंदी कुंज रूट पर काम आगे बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। डीएमआरसी ने प्राधिकरण से कास्टिंग यार्ड बनाने के लिए अस्थाई तौर पर 55 हजार वर्ग मीटर जमीन मांगी है।
मंगलवार को प्राधिकरण के अधिकारियों पीके अग्रवाल व अखिलेश सिंह के साथ बैठक में डीएमआरसी ने जमीन देने की मांग रखी।
इससे पहले डीएमआरसी ने 40 हजार वर्ग मीटर जमीन देने को कहा था, मगर अब ज्यादा जमीन की जरूरत बताते हुए 55 हजार वर्ग मीटर की मांग की है।
कास्टिंग यार्ड में रूट के निर्माण के लिए मैटेरियल रखा जाएगा। यहीं पर बीम तैयार किया जाएगा। डीएमआरसी ने यह जमीन दस किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध कराने को कहा है।
सूत्रों के मुताबिक प्राधिकरण सेक्टर 51 की तरफ खाली भूखंड को कास्टिंग यार्ड के लिए देने पर विचार कर रहा है।
प्रस्तावित कास्टिंग यार्ड का इस्तेमाल फिलहाल कालिंदी कुंज रूट के लिए किया जाना है, मगर सिटी सेंटर से सेक्टर 62 के रूट के निर्माण के लिए भी इसका इस्तेमाल हो सकता है।
बता दें, कि इस रूट का एमओयू तैयार हो चुका है। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट से अंतिम मुहर लगनी है। 3.96 किलोमीटर इस लंबे रूट को बनाने में 845 करोड़ रुपये खर्च होंगे। काम पूरा करने का लक्ष्य 2016 तय किया गया है।
दिल्ली की तरफ से काम शुरू हो चुका है। बैठक में प्राधिकरण के एके गोयल, परियोजना अभियंता एससी मिश्र व आरएस राघव, डीजीएम डीबी मलिक भी मौजूद रहे।
बॉटेनिकल गार्डन से कालिंदी कुंज रूट पर काम आगे बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। डीएमआरसी ने प्राधिकरण से कास्टिंग यार्ड बनाने के लिए अस्थाई तौर पर 55 हजार वर्ग मीटर जमीन मांगी है।
मंगलवार को प्राधिकरण के अधिकारियों पीके अग्रवाल व अखिलेश सिंह के साथ बैठक में डीएमआरसी ने जमीन देने की मांग रखी।
इससे पहले डीएमआरसी ने 40 हजार वर्ग मीटर जमीन देने को कहा था, मगर अब ज्यादा जमीन की जरूरत बताते हुए 55 हजार वर्ग मीटर की मांग की है।
कास्टिंग यार्ड में रूट के निर्माण के लिए मैटेरियल रखा जाएगा। यहीं पर बीम तैयार किया जाएगा। डीएमआरसी ने यह जमीन दस किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध कराने को कहा है।
सूत्रों के मुताबिक प्राधिकरण सेक्टर 51 की तरफ खाली भूखंड को कास्टिंग यार्ड के लिए देने पर विचार कर रहा है।
प्रस्तावित कास्टिंग यार्ड का इस्तेमाल फिलहाल कालिंदी कुंज रूट के लिए किया जाना है, मगर सिटी सेंटर से सेक्टर 62 के रूट के निर्माण के लिए भी इसका इस्तेमाल हो सकता है।
बता दें, कि इस रूट का एमओयू तैयार हो चुका है। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट से अंतिम मुहर लगनी है। 3.96 किलोमीटर इस लंबे रूट को बनाने में 845 करोड़ रुपये खर्च होंगे। काम पूरा करने का लक्ष्य 2016 तय किया गया है।
दिल्ली की तरफ से काम शुरू हो चुका है। बैठक में प्राधिकरण के एके गोयल, परियोजना अभियंता एससी मिश्र व आरएस राघव, डीजीएम डीबी मलिक भी मौजूद रहे।