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इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के मोस्ट वांटेड जिया-उर-रहमान उर्फ वकास ने पुलिस की पूछताछ में खुलासा किया है कि जून 2011 में आईएम मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर पर हमला करना चाहता था। भीड़-भाड़ वाले दादर के फुटओवर ब्रिज को भी निशाना बनाने की उनकी योजना थी, लेकिन कड़े सुरक्षा इंतजाम के कारण आईएम के चारों आतंकियों वकास, असदउल्लाह उर्फ हड्डी, तहसीन अख्तर उर्फ मोनू और यासीन भटकल ने अपना प्लान बदल लिया।
बाद में झावेरी बाजार और ओपेरा हाउस में बम धमाके किए गए। वकास ने बताया कि पाकिस्तान में बैठे रियाज भटकल और इकबाल भटकल ने उन्हें आदेश दिया था कि मुंबई में सीरियल धमाके करने हैं। इनमें ज्यादा से ज्यादा लोगों की मौत होनी चाहिए। इसके लिए मार्च से ही तैयारी शुरू कर दी गई। इसके लिए उन्होंने मुंबई के हबीब अपार्टमेंट में अपना ठिकाना बनाया।
असदउल्लाह मंगलोर से विस्फोटक लेकर आया था। यासीन, वकास, असदउल्लाह और तहसीन ने सिद्धि विनायक मंदिर व दादर के फुटओवर ब्रिज की रेकी की थी। मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए इन लोगों ने योजना बदली और झावेरी बाजार व ओपेरा हाउस को निशाना बनाया।
योजना के तहत काले रंग के दो एक्टिवा स्कूटर चुराए गए और वकास ने इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाया। कूकर और स्कूटर में विस्फोटक रखकर झावेरी बाजार और ओपेरा हाउस में रख दिया गया और फिर बम विस्फोट के लिए 6.30 बजे का टाइम सेट कर दिया गया था।
आईएम के आतंकी वकास ने खुलासा किया है कि वाराणसी में बम बनाने के दौरान डिटोनेटर निकलने से धमाका हो गया था।
इसकी वजह से वकास की बाएं हाथ की दो अंगुलियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थीं। वकास ने बताया कि बिहार में धमाके के बाद वह वाराणसी आ गए।
यहां उसने यासीन भटकल के साथ मिलकर हाईड्रोजन परऑक्साइड की मदद से आईईडी बनाया। वाराणसी में टाइमर और डिटोनेटर लगाते समय अचानक डिटोनेटर निकल गया और धमाका हो गया था। वाराणसी में बम विस्फोट करने के बाद वकास मुंबई चला गया था।
विशेष पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि जामिया नगर से हिरासत में लिए गए युवकों को रविवार रात में ही छोड़ दिया गया था। हिरासत में लिया गया युवक यासीर अम्मार जयपुर में उसी बिल्डिंग में रहता है, जहां वकार रहता था।
यासीर धनबाद (झारखंड) का रहने वाला है। वह धनबाद जा रहा था और दिल्ली केजामिया नगर में जानकार शाहिद के घर में रुका था। पुलिस के अनुसार, पुलिस यासीर और शाहिद को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने गई थी। शाहिद के घर पर न मिलने के बाद पुलिस वहां से यासीर और वाहिद को ले आई थी।
लोधी कॉलोनी स्थित स्पेशल सेल कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस के कमांडो, सीआरपीएफ और नागालैंड पुलिस के जवान सुरक्षा में तैनात हैं। वाहनों को भी चेकिंग के बाद प्रवेश करने दिया जा रहा है। गिरफ्तार लोगों को स्पेशल सेल कार्यालय में ही रखा गया है।
आतंकी ट्रेनिंग के लिए वकास ने ताज मोहम्मद नामक शख्स की खूब मिन्नतें की थीं। ताज ने वकास की गंभीरता का इम्तिहान लेने के बाद उसे 2009 में पाकिस्तान के नौशेरा में ट्रेनिंग कैंप भेजा था। उसे 20 से 25 लड़कों के बैच में ट्रेनिंग दिलाई गई। वकास ने बताया कि इस दौरान जो लड़के फेल हो गए, उन्हें वहां से निकाल दिया गया।
वकास के मुताबिक, ट्रेनिंग के दौरान कैंप का मुखिया अबु मंजूर था जबकि अबू बकर, अब्दुल्लाह, असान, नईम व अजहर ने उसे ट्रेनिंग दी। कैंप में सुबह 5.30 बजे फज्र की नमाज के लिए इनको उठाया जाता था। वहां इन्हें एके-47, इंसास, .32 व .30 बोर की पिस्टल चलाना सिखाया गया। 21 दिन की ट्रेनिंग के बाद वकास ने अब्दुर्रहमान से संपर्क किया।
उसने उसे वजीरस्तान के फाटा में 25 दिन की दूसरी ट्रेनिंग के लिए भेज दिया। यहां उसको हैंड ग्रेनेड चलाना भी सिखाया गया। यहीं पर अहमद भाई ने उसे बम बनाने की ट्रेनिंग दी। उसे बताया गया कि हाईड्रोजन पैराक्साइड, पोटेशियम क्लोराइड और अमोनियम नाइट्रेट की कितनी मात्रा से बड़ा धमाका किया जा सकता है।
यहां उसने इलेक्ट्रॉनिक सर्किट टाइमर के जरिए बम बनाना सीखा। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद वकास 2010 में कराची के एक होटल में रियाज भटकल से मिला। रियाज उससे जावेद बनकर मिला। 2010 में ही वकास को काठमांडू के रास्ते भारत भेज दिया गया। यहीं पर उसकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू से मुलाकात हुई।
पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई और इंडियन मुजाहिद्दीन के आकाओं ने भारत में तबाही का जिम्मा तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को सौंपा था। भारत में करीब-करीब खत्म कर दिए गए आईएम को जिंदा करने की जिम्मेदारी भी मोनू पर थी। पुलिस अभी उसकी तलाश कर रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मोनू ने इसके लिए राजस्थान को इसलिए चुना क्योंकि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, बिहार के दरभंगा और मेवात मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद ये सबकी नजरों में आ चुके थे।
पुलिस के अनुसार, आतंकियों के कब्जे से जो विस्फोटक बरामद किया गया है, वह बहुत बढ़िया क्वालिटी का है। स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि यासीन भटकल की गिरफ्तारी से पहले ही राजस्थान मॉड्यूल को खड़ा करना शुरू कर दिया गया था। इसमें ज्यादातर युवक राजस्थान के हैं। मो. मारूफ, मो. वकार अजहर और साकिब अंसारी इसी मॉड्यूल के प्रमुख सदस्य हैं। हालांकि, इनको यह नहीं पता है कि गंगा मंदिर के अलावा इनको कहां धमाके करने थे।
देश में तबाही की साजिश तहसीन अख्तर रच रहा था। उसको आईएसआई और आईएम के आकाओं से निर्देश मिल रहे थे। अधिकारी ने बताया कि बरामद विस्फोटक वकार अजहर और साकिब अंसारी के कब्जे से मिला है। ये जयपुर के सांगानेर थाना क्षेत्र में किराए पर रह रहे थे। इन्होंने काफी दिन से ये विस्फोटक रखा हुआ था। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है कि यह विस्फोटक कहां से और कैसे आया।
आईएम के गिरफ्तार कथित राजस्थान मॉड्यूल के आतंकी राजस्थान के गोपालगढ़ और यूपी के मुजफ्फरनगर दंगों की प्रतिक्रिया में बम धमाका करना चाहते थे। गोपालगढ़ दंगों के रिएक्शन के लिए इन लोगों ने भरतपुर के प्रसिद्ध गंगा मंदिर को चुना था। उसकी रेकी भी की गई थी, लेकिन वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं पाए थे।
सूत्रों ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक और बड़े आतंकी को पकड़ लिया है जबकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकी गंगा मंदिर की दो बार रेकी कर चुके हैं। तहसीन अख्तर व वकार अजहर रेकी करने भरतपुर गए थे। इनकी योजना वर्ष 2013 में रक्षा बंधन के मौके पर वहां धमाका करने की थी। उस दिन मंदिर में काफी भीड़ होती है।
इसके बाद इन लोगों ने मुजफ्फरनगर दंगों की प्रतिक्रिया में धमाके करने की योजना बनाई। पुलिस के अनुसार, आतंकियों ने दिल्ली व आगरा की रेकी की थी। सर्दियों में ये दिल्ली आए थे और फिर आगरा चले गए। वहां से ये जयपुर व जोधपुर चले गए।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और बिहार के दरभंगा के बाद आईएम ने नया मॉड्यूल खड़ा करने के लिए राजस्थान को चुना। वहां इन लोगों ने काफी युवकों की भर्ती की थी। इस मॉड्यूल के कई सदस्य अभी फरार हैं। दिल्ली पुलिस अन्य राज्यों की टीमों के साथ मिलकर कई जगहों पर दबिश दे रही है। वहीं, पुलिस ने मो. मारूफ, वकार अजहर और साकिब अंसारी को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने इनको दो अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। वकास पहले से ही दो अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर है।
इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के मोस्ट वांटेड जिया-उर-रहमान उर्फ वकास ने पुलिस की पूछताछ में खुलासा किया है कि जून 2011 में आईएम मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर पर हमला करना चाहता था। भीड़-भाड़ वाले दादर के फुटओवर ब्रिज को भी निशाना बनाने की उनकी योजना थी, लेकिन कड़े सुरक्षा इंतजाम के कारण आईएम के चारों आतंकियों वकास, असदउल्लाह उर्फ हड्डी, तहसीन अख्तर उर्फ मोनू और यासीन भटकल ने अपना प्लान बदल लिया।
बाद में झावेरी बाजार और ओपेरा हाउस में बम धमाके किए गए। वकास ने बताया कि पाकिस्तान में बैठे रियाज भटकल और इकबाल भटकल ने उन्हें आदेश दिया था कि मुंबई में सीरियल धमाके करने हैं। इनमें ज्यादा से ज्यादा लोगों की मौत होनी चाहिए। इसके लिए मार्च से ही तैयारी शुरू कर दी गई। इसके लिए उन्होंने मुंबई के हबीब अपार्टमेंट में अपना ठिकाना बनाया।
असदउल्लाह मंगलोर से विस्फोटक लेकर आया था। यासीन, वकास, असदउल्लाह और तहसीन ने सिद्धि विनायक मंदिर व दादर के फुटओवर ब्रिज की रेकी की थी। मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए इन लोगों ने योजना बदली और झावेरी बाजार व ओपेरा हाउस को निशाना बनाया।
योजना के तहत काले रंग के दो एक्टिवा स्कूटर चुराए गए और वकास ने इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाया। कूकर और स्कूटर में विस्फोटक रखकर झावेरी बाजार और ओपेरा हाउस में रख दिया गया और फिर बम विस्फोट के लिए 6.30 बजे का टाइम सेट कर दिया गया था।
वाराणसी में बम बना रहा था वकास
आईएम के आतंकी वकास ने खुलासा किया है कि वाराणसी में बम बनाने के दौरान डिटोनेटर निकलने से धमाका हो गया था।
इसकी वजह से वकास की बाएं हाथ की दो अंगुलियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थीं। वकास ने बताया कि बिहार में धमाके के बाद वह वाराणसी आ गए।
यहां उसने यासीन भटकल के साथ मिलकर हाईड्रोजन परऑक्साइड की मदद से आईईडी बनाया। वाराणसी में टाइमर और डिटोनेटर लगाते समय अचानक डिटोनेटर निकल गया और धमाका हो गया था। वाराणसी में बम विस्फोट करने के बाद वकास मुंबई चला गया था।
मोदी पर हमले के शक में गिरफ्तार युवक छूटे
विशेष पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि जामिया नगर से हिरासत में लिए गए युवकों को रविवार रात में ही छोड़ दिया गया था। हिरासत में लिया गया युवक यासीर अम्मार जयपुर में उसी बिल्डिंग में रहता है, जहां वकार रहता था।
यासीर धनबाद (झारखंड) का रहने वाला है। वह धनबाद जा रहा था और दिल्ली केजामिया नगर में जानकार शाहिद के घर में रुका था। पुलिस के अनुसार, पुलिस यासीर और शाहिद को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने गई थी। शाहिद के घर पर न मिलने के बाद पुलिस वहां से यासीर और वाहिद को ले आई थी।
लोधी कॉलोनी स्थित स्पेशल सेल कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस के कमांडो, सीआरपीएफ और नागालैंड पुलिस के जवान सुरक्षा में तैनात हैं। वाहनों को भी चेकिंग के बाद प्रवेश करने दिया जा रहा है। गिरफ्तार लोगों को स्पेशल सेल कार्यालय में ही रखा गया है।
हुई थी आला दर्जे की ट्रेनिंग
आतंकी ट्रेनिंग के लिए वकास ने ताज मोहम्मद नामक शख्स की खूब मिन्नतें की थीं। ताज ने वकास की गंभीरता का इम्तिहान लेने के बाद उसे 2009 में पाकिस्तान के नौशेरा में ट्रेनिंग कैंप भेजा था। उसे 20 से 25 लड़कों के बैच में ट्रेनिंग दिलाई गई। वकास ने बताया कि इस दौरान जो लड़के फेल हो गए, उन्हें वहां से निकाल दिया गया।
वकास के मुताबिक, ट्रेनिंग के दौरान कैंप का मुखिया अबु मंजूर था जबकि अबू बकर, अब्दुल्लाह, असान, नईम व अजहर ने उसे ट्रेनिंग दी। कैंप में सुबह 5.30 बजे फज्र की नमाज के लिए इनको उठाया जाता था। वहां इन्हें एके-47, इंसास, .32 व .30 बोर की पिस्टल चलाना सिखाया गया। 21 दिन की ट्रेनिंग के बाद वकास ने अब्दुर्रहमान से संपर्क किया।
उसने उसे वजीरस्तान के फाटा में 25 दिन की दूसरी ट्रेनिंग के लिए भेज दिया। यहां उसको हैंड ग्रेनेड चलाना भी सिखाया गया। यहीं पर अहमद भाई ने उसे बम बनाने की ट्रेनिंग दी। उसे बताया गया कि हाईड्रोजन पैराक्साइड, पोटेशियम क्लोराइड और अमोनियम नाइट्रेट की कितनी मात्रा से बड़ा धमाका किया जा सकता है।
यहां उसने इलेक्ट्रॉनिक सर्किट टाइमर के जरिए बम बनाना सीखा। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद वकास 2010 में कराची के एक होटल में रियाज भटकल से मिला। रियाज उससे जावेद बनकर मिला। 2010 में ही वकास को काठमांडू के रास्ते भारत भेज दिया गया। यहीं पर उसकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू से मुलाकात हुई।
इसे सौंपा गया था भारत की तबाही का जिम्मा
पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई और इंडियन मुजाहिद्दीन के आकाओं ने भारत में तबाही का जिम्मा तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को सौंपा था। भारत में करीब-करीब खत्म कर दिए गए आईएम को जिंदा करने की जिम्मेदारी भी मोनू पर थी। पुलिस अभी उसकी तलाश कर रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मोनू ने इसके लिए राजस्थान को इसलिए चुना क्योंकि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, बिहार के दरभंगा और मेवात मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद ये सबकी नजरों में आ चुके थे।
पुलिस के अनुसार, आतंकियों के कब्जे से जो विस्फोटक बरामद किया गया है, वह बहुत बढ़िया क्वालिटी का है। स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि यासीन भटकल की गिरफ्तारी से पहले ही राजस्थान मॉड्यूल को खड़ा करना शुरू कर दिया गया था। इसमें ज्यादातर युवक राजस्थान के हैं। मो. मारूफ, मो. वकार अजहर और साकिब अंसारी इसी मॉड्यूल के प्रमुख सदस्य हैं। हालांकि, इनको यह नहीं पता है कि गंगा मंदिर के अलावा इनको कहां धमाके करने थे।
देश में तबाही की साजिश तहसीन अख्तर रच रहा था। उसको आईएसआई और आईएम के आकाओं से निर्देश मिल रहे थे। अधिकारी ने बताया कि बरामद विस्फोटक वकार अजहर और साकिब अंसारी के कब्जे से मिला है। ये जयपुर के सांगानेर थाना क्षेत्र में किराए पर रह रहे थे। इन्होंने काफी दिन से ये विस्फोटक रखा हुआ था। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है कि यह विस्फोटक कहां से और कैसे आया।
गंगा मंदिर भी आतंकियों के निशाने पर
आईएम के गिरफ्तार कथित राजस्थान मॉड्यूल के आतंकी राजस्थान के गोपालगढ़ और यूपी के मुजफ्फरनगर दंगों की प्रतिक्रिया में बम धमाका करना चाहते थे। गोपालगढ़ दंगों के रिएक्शन के लिए इन लोगों ने भरतपुर के प्रसिद्ध गंगा मंदिर को चुना था। उसकी रेकी भी की गई थी, लेकिन वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं पाए थे।
सूत्रों ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक और बड़े आतंकी को पकड़ लिया है जबकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकी गंगा मंदिर की दो बार रेकी कर चुके हैं। तहसीन अख्तर व वकार अजहर रेकी करने भरतपुर गए थे। इनकी योजना वर्ष 2013 में रक्षा बंधन के मौके पर वहां धमाका करने की थी। उस दिन मंदिर में काफी भीड़ होती है।
इसके बाद इन लोगों ने मुजफ्फरनगर दंगों की प्रतिक्रिया में धमाके करने की योजना बनाई। पुलिस के अनुसार, आतंकियों ने दिल्ली व आगरा की रेकी की थी। सर्दियों में ये दिल्ली आए थे और फिर आगरा चले गए। वहां से ये जयपुर व जोधपुर चले गए।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और बिहार के दरभंगा के बाद आईएम ने नया मॉड्यूल खड़ा करने के लिए राजस्थान को चुना। वहां इन लोगों ने काफी युवकों की भर्ती की थी। इस मॉड्यूल के कई सदस्य अभी फरार हैं। दिल्ली पुलिस अन्य राज्यों की टीमों के साथ मिलकर कई जगहों पर दबिश दे रही है। वहीं, पुलिस ने मो. मारूफ, वकार अजहर और साकिब अंसारी को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने इनको दो अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। वकास पहले से ही दो अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर है।