जेएनयू कैंपस में 9 फरवरी को कथित देश विरोधी नारेबाजी के चार वीडियो को लैब जांच में सही पाया गया है। गांधीनगर स्थित फॉरेंसिक लैब ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को दी अपनी रिपोर्ट में नारेबाजी वाली 4 वीडियो को सही बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो फुटेज से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है।
बता दें कि पुलिस की स्पेशल सेल ने मामले की जांच के दौरान विश्वविद्यालय का दौरा किया था। इस दौरान उन्हें पता चला कि कई लोगों ने मोबाइल से घटनाक्रम का वीडियो बनाया था।
पुलिस ने वीडियो बनाने वाले लोगों को चिन्हित किया और उनसे वीडियो फुटेज जब्त की। इसके बाद स्पेशल सेल ने चार वीडियो गुजरात के गांधीनगर स्थित सीएफएसएल में जांच के लिए भेजे थे। ये वीडियो मार्च में भेजे गए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो से साफ जाहिर होता है कि जेएनयू में उस दिन देश विरोधी नारे लगे थे। बताया जा रहा है कि वीडियो फुटेज यूनिवर्सिटी के सुरक्षाकर्मियों और छात्रों से मिली थी। वीडियो सही पाए जाने के बाद पुलिस देश विरोधी नारे लगाने वालों को पूछताछ के लिए बुला सकती है।
एक न्यूज चैनल से ली गई फुटेज को दिल्ली स्थित सीएफएसएल में भेजा गया था। न्यूज चैनल के वीडियो फुटेज की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने हैदराबाद की लैब में सात वीडियो भेजे थे। इनमें से तीन के साथ छेडख़ानी की बात सामने आई थी। 9 फरवरी को जेएनयू कैंपस में कथित देश विरोधी नारों के मामले में जेएनयू की उच्च स्तरीय समिति ने 21 छात्रों को दोषी पाया था।
जेएनयू कैंपस में 9 फरवरी को कथित देश विरोधी नारेबाजी के चार वीडियो को लैब जांच में सही पाया गया है। गांधीनगर स्थित फॉरेंसिक लैब ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को दी अपनी रिपोर्ट में नारेबाजी वाली 4 वीडियो को सही बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो फुटेज से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है।
बता दें कि पुलिस की स्पेशल सेल ने मामले की जांच के दौरान विश्वविद्यालय का दौरा किया था। इस दौरान उन्हें पता चला कि कई लोगों ने मोबाइल से घटनाक्रम का वीडियो बनाया था।
पुलिस ने वीडियो बनाने वाले लोगों को चिन्हित किया और उनसे वीडियो फुटेज जब्त की। इसके बाद स्पेशल सेल ने चार वीडियो गुजरात के गांधीनगर स्थित सीएफएसएल में जांच के लिए भेजे थे। ये वीडियो मार्च में भेजे गए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो से साफ जाहिर होता है कि जेएनयू में उस दिन देश विरोधी नारे लगे थे। बताया जा रहा है कि वीडियो फुटेज यूनिवर्सिटी के सुरक्षाकर्मियों और छात्रों से मिली थी। वीडियो सही पाए जाने के बाद पुलिस देश विरोधी नारे लगाने वालों को पूछताछ के लिए बुला सकती है।
एक न्यूज चैनल से ली गई फुटेज को दिल्ली स्थित सीएफएसएल में भेजा गया था। न्यूज चैनल के वीडियो फुटेज की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने हैदराबाद की लैब में सात वीडियो भेजे थे। इनमें से तीन के साथ छेडख़ानी की बात सामने आई थी। 9 फरवरी को जेएनयू कैंपस में कथित देश विरोधी नारों के मामले में जेएनयू की उच्च स्तरीय समिति ने 21 छात्रों को दोषी पाया था।