एसवाईएल नहर के नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम मंगलवार को नहर पर पहुंची। टीम ने नहर के तोड़े गए किनारों और स्लैबों की जांच की। इस दौरान किसानों और अकाली वर्करों ने टीम के खिलाफ नारेबाजी कर काली झंडियां दिखाईं। टीम की अगुवाई एक सीनियर आईएएस अधिकारी दलीप कुमार कर रहे थे। उनके साथ पंजाब सिंचाई विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू, चीफ इंजीनियर अशोक गोयल और डायरेक्टर अनिल कुमार शर्मा भी मौजूद रहे।
केंद्रीय टीम दोपहर करीब 12 बजे नहर पर पहुंची और पुल की दोनों साइडों का बारीकी से जायजा लिया। इसके साथ ही नहर के किनारे काटे हुए पेड़ों की भी जांच की। इस दौरान बड़ी संख्या में अकाली दल के वर्कर भी वहां पहुंच गए और काली झंडियां दिखाकर टीम का विरोध किया। वहीं किसानों ने भी टीम के खिलाफ नारेबाजी की। अकाली वर्कर पंजाब का पानी किसी कीमत बाहर न जाने की बात कह रहे थे।
पुलिस के पुख्ता प्रबंध होने के कारण किसी को भी टीम के नजदीक नहीं फटकने दिया गया। केंद्रीय टीम कुछ देर नहर पर रुकी और बिना बातचीत किए वहां से निकल गई। टीम ने मीडिया से भी बात करने से इनकार कर दिया। टीम ने रोपड़ के गांव इंद्रपुरा और डूमछेड़ी का भी जायजा लिया। इंद्रपुरा में किसानों ने एसवाईएल नहर को तोड़कर गांव को नेशनल हाईवे से जोड़ने के लिए रास्ता बना दिया था। वहीं, गांव डूमछेड़ी में किसानों ने नहर को पाट दिया था।
यहां भी टीम के पहुंचने पर किसानों ने जमकर विरोध किया। बता दें कि पंजाब सरकार की ओर से एसवाईएल नहर की अधिग्रहीत जमीन संबंधित मालिकों को वापस करने के फैसले से नहर को कई जगह पाट दिया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस काम पर रोक लग गई। टीम ने बनूड़ में भी नहर का दौरा किया। टीम के पास मौजूद नक्शे के मुताबिक, किसानों ने नहर बंद करते समय साइफनों को भी तोड़ दिया है।
इसके अलावा नहर के दोनों किनारे पर मजबूत बाधों को तोड़ दिया है। सैकड़ों पेड़ों की कटाई की जांच की जाएगी। मुख्य जांच अधिकारी दलीप कुमार के साथ आए चीफ इंजीनियर अशोक गोयल और निदेशक आईएएस अनिल कुमार समेत टीम ने एसवाईएल नहर के दोनों तरफ हुए नुकसान की जांच की।
केंद्र पंजाब के साथ पानी के मसले पर अन्याय कर रहा है। पंजाब के पास एक बूंद अतिरिक्त पानी नहीं है। हम किसी कीमत पर पंजाब का पानी बाहर नहीं जाने देंगे। चाहे इसके लिए अकाली दल को कोई भी कुर्बानी देनी पड़े।
- हरिंदरपाल चंदूमाजरा, अकाली नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा के बेटे
टीम उन स्थानों का दौरा कर रही है जहां किसानों ने नहर तोड़कर कब्जा किया है। टीम नहर के नुकसान का जायजा लेने के लिए आई है। यह सर्वे के बाद अपनी रिपोर्ट देगी।
- काहन सिंह पन्नू, ज्वांइट सेकेट्री, पंजाब सिंचाई विभाग
एसवाईएल नहर के नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम मंगलवार को नहर पर पहुंची। टीम ने नहर के तोड़े गए किनारों और स्लैबों की जांच की। इस दौरान किसानों और अकाली वर्करों ने टीम के खिलाफ नारेबाजी कर काली झंडियां दिखाईं। टीम की अगुवाई एक सीनियर आईएएस अधिकारी दलीप कुमार कर रहे थे। उनके साथ पंजाब सिंचाई विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू, चीफ इंजीनियर अशोक गोयल और डायरेक्टर अनिल कुमार शर्मा भी मौजूद रहे।
केंद्रीय टीम दोपहर करीब 12 बजे नहर पर पहुंची और पुल की दोनों साइडों का बारीकी से जायजा लिया। इसके साथ ही नहर के किनारे काटे हुए पेड़ों की भी जांच की। इस दौरान बड़ी संख्या में अकाली दल के वर्कर भी वहां पहुंच गए और काली झंडियां दिखाकर टीम का विरोध किया। वहीं किसानों ने भी टीम के खिलाफ नारेबाजी की। अकाली वर्कर पंजाब का पानी किसी कीमत बाहर न जाने की बात कह रहे थे।
पुलिस के पुख्ता प्रबंध होने के कारण किसी को भी टीम के नजदीक नहीं फटकने दिया गया। केंद्रीय टीम कुछ देर नहर पर रुकी और बिना बातचीत किए वहां से निकल गई। टीम ने मीडिया से भी बात करने से इनकार कर दिया। टीम ने रोपड़ के गांव इंद्रपुरा और डूमछेड़ी का भी जायजा लिया। इंद्रपुरा में किसानों ने एसवाईएल नहर को तोड़कर गांव को नेशनल हाईवे से जोड़ने के लिए रास्ता बना दिया था। वहीं, गांव डूमछेड़ी में किसानों ने नहर को पाट दिया था।
यहां भी टीम के पहुंचने पर किसानों ने जमकर विरोध किया। बता दें कि पंजाब सरकार की ओर से एसवाईएल नहर की अधिग्रहीत जमीन संबंधित मालिकों को वापस करने के फैसले से नहर को कई जगह पाट दिया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस काम पर रोक लग गई। टीम ने बनूड़ में भी नहर का दौरा किया। टीम के पास मौजूद नक्शे के मुताबिक, किसानों ने नहर बंद करते समय साइफनों को भी तोड़ दिया है।
इसके अलावा नहर के दोनों किनारे पर मजबूत बाधों को तोड़ दिया है। सैकड़ों पेड़ों की कटाई की जांच की जाएगी। मुख्य जांच अधिकारी दलीप कुमार के साथ आए चीफ इंजीनियर अशोक गोयल और निदेशक आईएएस अनिल कुमार समेत टीम ने एसवाईएल नहर के दोनों तरफ हुए नुकसान की जांच की।
केंद्र पंजाब के साथ पानी के मसले पर अन्याय कर रहा है। पंजाब के पास एक बूंद अतिरिक्त पानी नहीं है। हम किसी कीमत पर पंजाब का पानी बाहर नहीं जाने देंगे। चाहे इसके लिए अकाली दल को कोई भी कुर्बानी देनी पड़े।
- हरिंदरपाल चंदूमाजरा, अकाली नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा के बेटे
टीम उन स्थानों का दौरा कर रही है जहां किसानों ने नहर तोड़कर कब्जा किया है। टीम नहर के नुकसान का जायजा लेने के लिए आई है। यह सर्वे के बाद अपनी रिपोर्ट देगी।
- काहन सिंह पन्नू, ज्वांइट सेकेट्री, पंजाब सिंचाई विभाग