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Punjab: अब जीवनसाथी को साथ नहीं ले जा सकेंगे यूके में पढ़ने वाले विद्यार्थी, स्पाउस वीजा पर लगा प्रतिबंध

सुरिंदर पाल, अमर उजाला, जालंधर (पंजाब) Published by: निवेदिता वर्मा Updated Thu, 25 May 2023 10:09 AM IST
सार

ब्रिटेन में 2020 में 48,639 भारतीय छात्र पहुंचे थे। 2021 में 55903 व 2022 मार्च तक 200978 लोग यूके में पहुंचे, जिसमें 80 प्रतिशत पंजाब मूल थे। इस साल यह आंकड़ा मार्च 2023 तक दो लाख पार कर गया, जिसमें 85 प्रतिशत विद्यार्थी शादीशुदा थे।

Students going to UK for studies will no longer get facility of Spouse Visa
वीजा - फोटो : प्रतीकात्मक

विस्तार

पढ़ाई के लिए ब्रिटेन (यूके) जाने वाले विद्यार्थियों को अब स्पाउस वीजा की सुविधा नहीं मिलेगी। यूके सरकार ने अब यह सुविधा बंद कर दी है। इस फैसले से पढ़ाई के लिए यूके जाने वाले विद्यार्थी अपने जीवनसाथी को साथ नहीं ले जा सकेंगे। हालांकि, यह फैसला इस साल सितंबर में जाने वाले विद्यार्थियों पर लागू नहीं होगा। 


अगले साल जनवरी में जो विद्यार्थी यूके में दाखिला लेंगे, उन पर यह नियम लागू होगा। पहले यूके में स्टडी के लिए जाने वाले विद्यार्थियों को स्पाउस वीजा भी दिया जाता था। पढ़ाई के बाद छात्र और उसके जीवनसाथी को भी दो साल का वर्क वीजा मिलता था।


पिछले साल अक्तूबर के पहले सप्ताह में यूके की आंतरिक मंत्री सुवेला ब्रेवरमैन ने यह कहकर भारतीय खासकर पंजाबी मूल के विद्यार्थियों में हड़कंप मचा दिया था कि स्पाउस वीजा पर प्रतिबंध लग सकता है, क्योंकि ऐसे बहुत से लोग यूके आ रहे हैं, जिनके पास प्रतिभा नहीं है। इतना ही नहीं, उनके पास कोई तकनीकी शिक्षा भी नहीं है, जिससे यूके को फायदा हो सके। 

ये है एक बड़ा कारण
दरअसल, ब्रिटिश सरकार ने जनवरी 2021 में वहां काम करने वालों के लिए कम से कम 25 हजार 600 पाउंड प्रतिवर्ष की आय निर्धारित कर दी थी, लेकिन भारतीय खासकर पंजाब से ऐसे लोग यूके पहुंच गए, जो खेतीबाड़ी के अलावा हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री में कम पगार पर काम करने लगे। इससे वहां पर सिस्टम गड़बड़ा गया और यूके में राइट टू वर्क पर असर पड़ने लगा। यूके के मूल निवासी कम पगार पर काम करने के लिए मजबूर होने लगे। इससे वहां की सरकार खासा दबाव महसूस कर रही थी।

2022 में मार्च तक गए 2 लाख छात्र, इनमें 80 प्रतिशत पंजाब के
ब्रिटेन में 2020 में 48,639 भारतीय छात्र पहुंचे थे। 2021 में 55903 व 2022 मार्च तक 200978 लोग यूके में पहुंचे, जिसमें 80 प्रतिशत पंजाब मूल थे। इस साल यह आंकड़ा मार्च 2023 तक दो लाख पार कर गया, जिसमें 85 प्रतिशत विद्यार्थी शादीशुदा थे, जिनका मकसद किसी तरह ब्रिटेन पहुंचना था। वहां जाकर विद्यार्थी के जीवनसाथी कम पगार पर काम धंधे में लग गए।

हमने अपनी साख खुद खराब की
यूके स्टडी वीजा के माहिर गुणदीप सिंह का कहना है कि हमने अपनी साख खुद खराब की है। पंजाबी मूल के लोगों ने वहां पर जाकर न केवल नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि कम वेतन पर काम करने से वहां के मूल निवासियों को संकट में डाला है। विद्यार्थियों के जीवनसाथी जो यूके गए, वह भी स्किल या तकनीकी माहिर नहीं थे। जो यूके में 150 प्रतिशत वीजा प्रतिशत बढ़ गया था वह अब गिर जाएगा। 
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ग्रे मैटर की एमडी सोनिया धवन का कहना है कि यूके स्टडी वीजा स्पाउस पर पाबंदी का असर पड़ेगा, क्योंकि पिछले कुछ सालों में यूके के स्टडी वीजा का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा था। लिहाजा, अब गिरावट आएगी और इसका रुझान कनाडा व अन्य देशों की तरफ अधिक होगा।

अमर उजाला ने पिछले साल जता दी थी आशंका
अमर उजाला ने पिछले साल 5 अक्तूबर को इसकी आशंका पहले ही जाहिर कर दी थी कि यूके की सरकार स्पाउस वीजा पर पाबंदी लगाने की तैयारी कर रही है। इसकी विधिवत घोषणा किसी भी वक्त की जा सकती है।
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