पंजाब में अब ड्रग माफिया की कमर टूटने लगी है, मतलब सरकार ने प्रदेश में नशा खत्म करने के लिए जो वादा किया था, वह पूरा होता दिख रहा है। कई बार प्रोफेशनल रिश्तों के अलावा निजी रिश्ते भी खास अहमियत रखते हैं। इसका फायदा जमीनी स्तर पर देखने को मिलने लगता है। ऐसा ही कुछ पंजाब पुलिस और बीएसएफ के बीच हुआ है। डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने विशेष बातचीत में कहा कि सीमा सुरक्षा बल के डायरेक्टर जनरल केके शर्मा 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मैं भी उसी बैच में उनके साथ था।
हमारी दोस्ती भी है और पारिवारिक संबंध भी हैं। इसलिए हम दोनों 1982 बैच के आईपीएस अधिकारियों ने नशे को खत्म करने के लिए एक दूसरे साथ चलने का फैसला लिया। यही वजह थी कि बीते साल बीएसएफ, पंजाब पुलिस, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (पंजाब), एसटीएफ के बीच संयुक्त अभियान चला। हमने भारी ड्रग्स रिकवर की और हमारे इनपुट पर बीएसएफ ने बार्डर से भी आगे जाकर हेरोइन बरामद की। वह लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को आयोजित एक निजी समारोह में हिस्सा लेने आए थे।
डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने कहा कि हमारे संयुक्त ऑपरेशन और ऊपरी स्तर पर तालमेल का असर जमीन पर हुआ। कांस्टेबल और इंस्पेक्टर स्तर पर बीएसएफ व पुलिस जवानों के बीच तालमेल बन चुका है। हम एक दूसरे से सूचनाएं शेयर कर रहे हैं। उन्होंने माना कि पंजाब में नशे का अभी पूर्ण खात्मा नहीं हुआ है, क्योंकि पंजाब से पाकिस्तान की 553 किलोमीटर की सीमा सटी हुई है। अफगानिस्तान में भारी मात्रा में हेरोइन तैयार होकर पाकिस्तान के जरिये पंजाब में भेजी जाती है। ऐसे में पंजाब में ड्रग का सफाया नहीं हो सकता, लेकिन हमारी रिकवरी बढ़ती जा रही है।
आतंकवाद की कमर तोड़ी
डीजीपी अरोड़ा ने कहा कि आतंकवाद के आठ मोड्यूल को हम भंग कर चुके हैं। यह कहना ठीक नहीं होगा कि आतंकवादियों के स्लीपर सेल का पंजाब से पूर्ण रूप से सफाया कर दिया गया है। एजेंसियों की ओर से लगातार इनपुट मिलते रहते हैं, हम उन पर काम कर रहे हैं। कई बातें ऐसी होती हैं, जिनको पूर्ण रूप से कभी खत्म नहीं किया जा सकता। आतंकवादी संगठन अपनी कोशिश करते रहते हैं और पुलिस उनके नेटवर्क ब्रेक करती रहती है।
‘सोशल मीडिया पर सक्रिय होगी पंजाब पुलिस’
फेसबुक और यू-ट्यूब पर आतंकवादी हिमायती अभियान की बात पर डीजीपी ने कहा कि आने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इसको लेकर महत्वपूर्ण फैसले को पारित किया जा रहा है। पंजाब पुलिस फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर सक्रिय हो जाएगी। हम जहां नई पीढ़ी को जागरूक करेंगे कि वह कट्टरपंथियों के अभियान से दूर रहे हैं। वहीं ऐसे लोगों को करारा जवाब देने के लिए हमारी तैयारी चल रही है, जो सोशल मीडिया पर युवाओं को भ्रमित कर उनको कट्टरपंथी लहर से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
पंजाब में अब ड्रग माफिया की कमर टूटने लगी है, मतलब सरकार ने प्रदेश में नशा खत्म करने के लिए जो वादा किया था, वह पूरा होता दिख रहा है। कई बार प्रोफेशनल रिश्तों के अलावा निजी रिश्ते भी खास अहमियत रखते हैं। इसका फायदा जमीनी स्तर पर देखने को मिलने लगता है। ऐसा ही कुछ पंजाब पुलिस और बीएसएफ के बीच हुआ है। डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने विशेष बातचीत में कहा कि सीमा सुरक्षा बल के डायरेक्टर जनरल केके शर्मा 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मैं भी उसी बैच में उनके साथ था।
हमारी दोस्ती भी है और पारिवारिक संबंध भी हैं। इसलिए हम दोनों 1982 बैच के आईपीएस अधिकारियों ने नशे को खत्म करने के लिए एक दूसरे साथ चलने का फैसला लिया। यही वजह थी कि बीते साल बीएसएफ, पंजाब पुलिस, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (पंजाब), एसटीएफ के बीच संयुक्त अभियान चला। हमने भारी ड्रग्स रिकवर की और हमारे इनपुट पर बीएसएफ ने बार्डर से भी आगे जाकर हेरोइन बरामद की। वह लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को आयोजित एक निजी समारोह में हिस्सा लेने आए थे।
डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने कहा कि हमारे संयुक्त ऑपरेशन और ऊपरी स्तर पर तालमेल का असर जमीन पर हुआ। कांस्टेबल और इंस्पेक्टर स्तर पर बीएसएफ व पुलिस जवानों के बीच तालमेल बन चुका है। हम एक दूसरे से सूचनाएं शेयर कर रहे हैं। उन्होंने माना कि पंजाब में नशे का अभी पूर्ण खात्मा नहीं हुआ है, क्योंकि पंजाब से पाकिस्तान की 553 किलोमीटर की सीमा सटी हुई है। अफगानिस्तान में भारी मात्रा में हेरोइन तैयार होकर पाकिस्तान के जरिये पंजाब में भेजी जाती है। ऐसे में पंजाब में ड्रग का सफाया नहीं हो सकता, लेकिन हमारी रिकवरी बढ़ती जा रही है।
आतंकवाद की कमर तोड़ी
डीजीपी अरोड़ा ने कहा कि आतंकवाद के आठ मोड्यूल को हम भंग कर चुके हैं। यह कहना ठीक नहीं होगा कि आतंकवादियों के स्लीपर सेल का पंजाब से पूर्ण रूप से सफाया कर दिया गया है। एजेंसियों की ओर से लगातार इनपुट मिलते रहते हैं, हम उन पर काम कर रहे हैं। कई बातें ऐसी होती हैं, जिनको पूर्ण रूप से कभी खत्म नहीं किया जा सकता। आतंकवादी संगठन अपनी कोशिश करते रहते हैं और पुलिस उनके नेटवर्क ब्रेक करती रहती है।
‘सोशल मीडिया पर सक्रिय होगी पंजाब पुलिस’
फेसबुक और यू-ट्यूब पर आतंकवादी हिमायती अभियान की बात पर डीजीपी ने कहा कि आने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इसको लेकर महत्वपूर्ण फैसले को पारित किया जा रहा है। पंजाब पुलिस फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर सक्रिय हो जाएगी। हम जहां नई पीढ़ी को जागरूक करेंगे कि वह कट्टरपंथियों के अभियान से दूर रहे हैं। वहीं ऐसे लोगों को करारा जवाब देने के लिए हमारी तैयारी चल रही है, जो सोशल मीडिया पर युवाओं को भ्रमित कर उनको कट्टरपंथी लहर से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।