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सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल शिक्षा व बुनियादी सुविधाएं मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने बुधवार को अकादमिक सेशन 2020-21 से विभिन्न नर्सिंग कोर्सों के लिए फीसों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। हालांकि, फीस में विस्तार केवल 2020-21 से नए सेशन में दाखिल होने वाले नए विद्यार्थियों पर लागू होगा। पहले से दाखिल विद्यार्थी पूरे कोर्स के लिए पुरानी फीस का भुगतान करेंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के सरकारी/प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में एएनएम नर्सिंग कोर्स और प्राइवेट कालेजों में बीएससी नर्सिंग (बेसिक) और बीएससी नर्सिंग (पोस्ट बेसिक) संबंधी संशोधन प्रस्तावित किया गया है। यह मंजूरी मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की तरफ से गत 29 जनवरी को विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिशों के अनुसार, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से 2 अगस्त, 2017 को सिविल रिट पिटीशन (24359 ऑफ 2016)- नर्सिंग सिखलाई संस्थाएं एसोसिएशन पंजाब संबंधी पास किए गए आदेश का पालन करते हुए दी गई है।
सरकारी संस्थानों की फीस प्राइवेट से कम
प्रवक्ता ने बताया कि कमेटी ने 23 मार्च, 2020 को विस्तार से विचार-विमर्श करने के बाद और अन्य राज्यों में फीसों और समूचे खर्चों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सर्वसम्मति से सिफारिश की है कि सरकारी अदारों के लिए फीस प्राइवेट अदारों की अपेक्षा कम निर्धारित की जाए। जीएनएम कोर्स की फीस में संशोधन नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि भारतीय नर्सिंग काउंसिल की तरफ से इस कोर्स को 2021 से बंद किए जाने की उम्मीद है।
एएनएम कोर्स की फीस सरकारी अदारों के लिए प्रति साल 5000 से बढ़ाकर 7000 रुपये और प्राइवेट अदारों के लिए प्रति साल 14375 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये करने को प्रस्तावित किया गया। बीएससी नर्सिंग (बेसिक) और बीएससी नर्सिंग (पोस्ट बेसिक) कोर्स की फीस में कोई विस्तार नहीं किया जाएगा, जोकि सरकारी अदारों में 40000 रुपये प्रति साल है। हालांकि, प्राइवेट अदारों में इसको 40250 रुपये प्रति साल से बढ़ा कर 50000 रुपये प्रति साल करने का प्रस्ताव दिया गया है।
कैबिनेट ने फीस में हर साल पांच फीसदी बढ़ोतरी को दी मंजूरी
कमेटी ने सरकारी अदारों में एमएससी (नर्सिंग) कोर्स की फीस में कोई विस्तार न करने का प्रस्ताव दिया था। सरकारी अदारों में इस कोर्स की फीस 1,00,000 रुपये प्रति साल और प्राइवेट अदारों में 1,75,000 रुपये है। मंत्रिमंडल ने पांच साल के लिए सरकारी और प्राइवेट अदारों में आगामी बैच के लिए फीसों में हर साल पांच प्रतिशत का विस्तार करने की मंजूरी दे दी है और पांच साल बाद इस फैसले की समीक्षा की जाएगी। मंत्रिमंडल ने मेट्रन के पद के लिए तरक्की देने संबंधी कम से कम तजुर्बे को पांच साल से घटाकर तीन साल करने के लिए पंजाब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तकनीकी (ग्रुप बी) सर्विस रूल्स, 2018 में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद पीएसीएल के विनिवेश का रास्ता साफ
पंजाब मंत्रिमंडल से हरी झंडी मिलने के बाद पंजाब एलक्लीज एंड केमिकल लिमिटेड (पीएसीएल) के विनिवेश का रास्ता साफ हो गया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पीएसीएल की विशेष जनरल मीटिंग की रिपोर्ट के साथ-साथ 17 सितंबर को मंत्रियों के उच्चस्तरीय समूह की सिफारिशों को मंजूर करते हुए पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम (पीएसआईडीसी) द्वारा पंजाब सरकार की तरफ से रखी गई पीएसीएल की 33.49 प्रतिशत बराबर हिस्सेदारी के विनिवेश को हरी झंडी दे दी।
22 सितंबर, 2020 को हुई विशेष जनरल मीटिंग के दौरान विनिवेश के बारे में हाल ही में गठित अफसरों के कोर ग्रुप की विस्तृत रिपोर्ट पर विचार करने के बाद सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया कि पंजाब सरकार/पीएसआईडीसी को कोर ग्रुप की सिफारिशों के मुताबिक पीएसीएल के शेयरों के विनिवेश के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
मंत्रिमंडल ने इसे फिर से मंत्रिमंडल के सामने पेश करने की जगह मामूली संशोधन को मंजूरी देने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया। यह भी निर्धारित किया गया कि इस संबंध में कागजी कार्रवाई और अन्य अपेक्षित प्रक्रिया उद्योग विभाग द्वारा चलाई जाएगी। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने मीटिंग के दौरान बताया कि राज्य को पीएसआईडीसी द्वारा दिए गए अपने हिस्से में से 42 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिसका सरकार के स्तर पर लिया गया कर्ज मौजूदा समय में 900 करोड़ रुपये है।
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सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल शिक्षा व बुनियादी सुविधाएं मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने बुधवार को अकादमिक सेशन 2020-21 से विभिन्न नर्सिंग कोर्सों के लिए फीसों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। हालांकि, फीस में विस्तार केवल 2020-21 से नए सेशन में दाखिल होने वाले नए विद्यार्थियों पर लागू होगा। पहले से दाखिल विद्यार्थी पूरे कोर्स के लिए पुरानी फीस का भुगतान करेंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के सरकारी/प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में एएनएम नर्सिंग कोर्स और प्राइवेट कालेजों में बीएससी नर्सिंग (बेसिक) और बीएससी नर्सिंग (पोस्ट बेसिक) संबंधी संशोधन प्रस्तावित किया गया है। यह मंजूरी मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की तरफ से गत 29 जनवरी को विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिशों के अनुसार, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से 2 अगस्त, 2017 को सिविल रिट पिटीशन (24359 ऑफ 2016)- नर्सिंग सिखलाई संस्थाएं एसोसिएशन पंजाब संबंधी पास किए गए आदेश का पालन करते हुए दी गई है।
सरकारी संस्थानों की फीस प्राइवेट से कम
प्रवक्ता ने बताया कि कमेटी ने 23 मार्च, 2020 को विस्तार से विचार-विमर्श करने के बाद और अन्य राज्यों में फीसों और समूचे खर्चों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सर्वसम्मति से सिफारिश की है कि सरकारी अदारों के लिए फीस प्राइवेट अदारों की अपेक्षा कम निर्धारित की जाए। जीएनएम कोर्स की फीस में संशोधन नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि भारतीय नर्सिंग काउंसिल की तरफ से इस कोर्स को 2021 से बंद किए जाने की उम्मीद है।
एएनएम कोर्स की फीस सरकारी अदारों के लिए प्रति साल 5000 से बढ़ाकर 7000 रुपये और प्राइवेट अदारों के लिए प्रति साल 14375 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये करने को प्रस्तावित किया गया। बीएससी नर्सिंग (बेसिक) और बीएससी नर्सिंग (पोस्ट बेसिक) कोर्स की फीस में कोई विस्तार नहीं किया जाएगा, जोकि सरकारी अदारों में 40000 रुपये प्रति साल है। हालांकि, प्राइवेट अदारों में इसको 40250 रुपये प्रति साल से बढ़ा कर 50000 रुपये प्रति साल करने का प्रस्ताव दिया गया है।
कैबिनेट ने फीस में हर साल पांच फीसदी बढ़ोतरी को दी मंजूरी
कमेटी ने सरकारी अदारों में एमएससी (नर्सिंग) कोर्स की फीस में कोई विस्तार न करने का प्रस्ताव दिया था। सरकारी अदारों में इस कोर्स की फीस 1,00,000 रुपये प्रति साल और प्राइवेट अदारों में 1,75,000 रुपये है। मंत्रिमंडल ने पांच साल के लिए सरकारी और प्राइवेट अदारों में आगामी बैच के लिए फीसों में हर साल पांच प्रतिशत का विस्तार करने की मंजूरी दे दी है और पांच साल बाद इस फैसले की समीक्षा की जाएगी। मंत्रिमंडल ने मेट्रन के पद के लिए तरक्की देने संबंधी कम से कम तजुर्बे को पांच साल से घटाकर तीन साल करने के लिए पंजाब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तकनीकी (ग्रुप बी) सर्विस रूल्स, 2018 में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद पीएसीएल के विनिवेश का रास्ता साफ
पंजाब मंत्रिमंडल से हरी झंडी मिलने के बाद पंजाब एलक्लीज एंड केमिकल लिमिटेड (पीएसीएल) के विनिवेश का रास्ता साफ हो गया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पीएसीएल की विशेष जनरल मीटिंग की रिपोर्ट के साथ-साथ 17 सितंबर को मंत्रियों के उच्चस्तरीय समूह की सिफारिशों को मंजूर करते हुए पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम (पीएसआईडीसी) द्वारा पंजाब सरकार की तरफ से रखी गई पीएसीएल की 33.49 प्रतिशत बराबर हिस्सेदारी के विनिवेश को हरी झंडी दे दी।
22 सितंबर, 2020 को हुई विशेष जनरल मीटिंग के दौरान विनिवेश के बारे में हाल ही में गठित अफसरों के कोर ग्रुप की विस्तृत रिपोर्ट पर विचार करने के बाद सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया कि पंजाब सरकार/पीएसआईडीसी को कोर ग्रुप की सिफारिशों के मुताबिक पीएसीएल के शेयरों के विनिवेश के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
मंत्रिमंडल ने इसे फिर से मंत्रिमंडल के सामने पेश करने की जगह मामूली संशोधन को मंजूरी देने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया। यह भी निर्धारित किया गया कि इस संबंध में कागजी कार्रवाई और अन्य अपेक्षित प्रक्रिया उद्योग विभाग द्वारा चलाई जाएगी। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने मीटिंग के दौरान बताया कि राज्य को पीएसआईडीसी द्वारा दिए गए अपने हिस्से में से 42 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिसका सरकार के स्तर पर लिया गया कर्ज मौजूदा समय में 900 करोड़ रुपये है।
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