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पंजाब विश्वविद्यालय में एलएलएम पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब न देना विश्वविद्यालय को भारी पड़ गया।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब विश्वविद्यालय पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक जुर्माना राशि जमा नहीं करवाई जाएगी तब तक पंजाब विश्वविद्यालय का जवाब स्वीकार नहीं होगा।
जस्टिस जितेंदर चौहान पर आधारित खंडपीठ ने पिछली सुनवाई पर पंजाब विश्वविद्यालय को चेतावनी दी थी कि अगर अगली सुनवाई पर जवाब नहीं दिया गया तो हाईकोर्ट जुर्माना लगा देगा। जुर्माने की राशि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के कोविड रिलीफ फंड में जमा करवाई जाएगी। आदेश के बावजूद जवाब नहीं दिया गया।
पंजाब विश्वविद्यालय ने तर्क दिया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार उपलब्ध नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति में जवाब दाखिल करना संभव नहीं है। पंजाब विश्वविद्यालय ने जुर्माना न लगाने का आग्रह करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत मांगी।
हाईकोर्ट ने पीयू को दो टूक शब्दों में कहा कि पहले भी हाईकोर्ट कई बार पंजाब विश्वविद्यालय को जवाब दाखिल करने का मौका दे चुका है। पिछली सुनवाई पर ही यह चेतावनी दी गई थी कि यदि जवाब दाखिल नहीं किया गया तो जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसे में अब जवाब तभी स्वीकार किया जाएगा जब जुर्माने के 25000 हजार रुपये जमा करवाएं जाएंगे।
पंजाब विश्वविद्यालय में एलएलएम पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब न देना विश्वविद्यालय को भारी पड़ गया।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब विश्वविद्यालय पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक जुर्माना राशि जमा नहीं करवाई जाएगी तब तक पंजाब विश्वविद्यालय का जवाब स्वीकार नहीं होगा।
जस्टिस जितेंदर चौहान पर आधारित खंडपीठ ने पिछली सुनवाई पर पंजाब विश्वविद्यालय को चेतावनी दी थी कि अगर अगली सुनवाई पर जवाब नहीं दिया गया तो हाईकोर्ट जुर्माना लगा देगा। जुर्माने की राशि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के कोविड रिलीफ फंड में जमा करवाई जाएगी। आदेश के बावजूद जवाब नहीं दिया गया।
पंजाब विश्वविद्यालय ने तर्क दिया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार उपलब्ध नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति में जवाब दाखिल करना संभव नहीं है। पंजाब विश्वविद्यालय ने जुर्माना न लगाने का आग्रह करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत मांगी।
हाईकोर्ट ने पीयू को दो टूक शब्दों में कहा कि पहले भी हाईकोर्ट कई बार पंजाब विश्वविद्यालय को जवाब दाखिल करने का मौका दे चुका है। पिछली सुनवाई पर ही यह चेतावनी दी गई थी कि यदि जवाब दाखिल नहीं किया गया तो जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसे में अब जवाब तभी स्वीकार किया जाएगा जब जुर्माने के 25000 हजार रुपये जमा करवाएं जाएंगे।