पंजाब में बढ़ते बिजली चोरी के मामलों पर पावरकॉम ने नकेल कसने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बिजली चोरी के पकड़े जाने पर पावरकॉम अब प्रति यूनिट 10 रुपये जुर्माना लगा रहा है। मीटर जल जाने के बाद भी जिग तकनीक के जरिए विभाग चोरी हुई बिजली की यूनिट का 15 मिनट में पता लगा रहा है।
बिजली की खपत अधिक होने के बाद उपभोक्ता आए दिन मीटरों को जानबूझकर आग लगा देते हैं या क्षतिग्रस्त कर देते हैं। ऐसे मीटरों से खर्च हुई बिजली की यूनिट का सही आकलन करने के लिए पावरकॉम जिग तकनीक का उपयोग कर रहा है। अब तक इस तकनीक से विभाग 3000 से अधिक मीटरों की चेकिंग कर बिजली चोरी के मामले पकड़ चुका है। इस तकनीक से यह भी पता चल जाता है कि मीटर में आग स्वयं लगी है या फिर उसमें आग लगाई गई है। इसका खुलासा होने के बाद विभाग अब 10 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपभोक्ताओं से जुर्माना वसूल रहा है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार मीटर से छेड़छाड़ करने के बाद बिल औसतन आने लगता है। जबकि आम दिनों की तुलना में बिजली बिल कई गुना बढ़ जाता है। विभाग के पास औसत बिल एक-दो बार बनकर जाता है, जिसके बाद जांच के लिए मीटर को एमई लैब मंगवाया जाता है, जांच के बाद ही खुलासा होता है कि सही मायनों में कितने यूनिट बिजली की चोरी हुई है।
रोज होती है दो करोड़ की बिजली चोरी
ग्रामीण फीडरों से मिले आंकड़ों के अनुसार राज्य में 66 फीसदी बिजली की चोरी ग्रामीण करते हैं। लगभग दो करोड़ रुपये की बिजली हर रोज गांवों से ही चोरी की जाती है। एक करोड़ की बिजली चोरी में उद्योग और आम उपभोक्ता शामिल हैं। हर साल बिजली चोरी के नाम पर 1200 करोड़ रुपये की चपत पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को लगती है।
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पंजाब में बढ़ते बिजली चोरी के मामलों पर पावरकॉम ने नकेल कसने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बिजली चोरी के पकड़े जाने पर पावरकॉम अब प्रति यूनिट 10 रुपये जुर्माना लगा रहा है। मीटर जल जाने के बाद भी जिग तकनीक के जरिए विभाग चोरी हुई बिजली की यूनिट का 15 मिनट में पता लगा रहा है।
बिजली की खपत अधिक होने के बाद उपभोक्ता आए दिन मीटरों को जानबूझकर आग लगा देते हैं या क्षतिग्रस्त कर देते हैं। ऐसे मीटरों से खर्च हुई बिजली की यूनिट का सही आकलन करने के लिए पावरकॉम जिग तकनीक का उपयोग कर रहा है। अब तक इस तकनीक से विभाग 3000 से अधिक मीटरों की चेकिंग कर बिजली चोरी के मामले पकड़ चुका है। इस तकनीक से यह भी पता चल जाता है कि मीटर में आग स्वयं लगी है या फिर उसमें आग लगाई गई है। इसका खुलासा होने के बाद विभाग अब 10 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपभोक्ताओं से जुर्माना वसूल रहा है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार मीटर से छेड़छाड़ करने के बाद बिल औसतन आने लगता है। जबकि आम दिनों की तुलना में बिजली बिल कई गुना बढ़ जाता है। विभाग के पास औसत बिल एक-दो बार बनकर जाता है, जिसके बाद जांच के लिए मीटर को एमई लैब मंगवाया जाता है, जांच के बाद ही खुलासा होता है कि सही मायनों में कितने यूनिट बिजली की चोरी हुई है।
रोज होती है दो करोड़ की बिजली चोरी
ग्रामीण फीडरों से मिले आंकड़ों के अनुसार राज्य में 66 फीसदी बिजली की चोरी ग्रामीण करते हैं। लगभग दो करोड़ रुपये की बिजली हर रोज गांवों से ही चोरी की जाती है। एक करोड़ की बिजली चोरी में उद्योग और आम उपभोक्ता शामिल हैं। हर साल बिजली चोरी के नाम पर 1200 करोड़ रुपये की चपत पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को लगती है।