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Chandigarh: कौमी इंसाफ मोर्चा के प्रदर्शन के खिलाफ याचिका पर यूटी प्रशासन को नोटिस, जवाब दाखिल करने का आदेश

अमर उजाला नेटवर्क, चंडीगढ़ Published by: विजय पुंडीर Updated Wed, 22 Mar 2023 08:06 PM IST
सार

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के साथ ही अब यूटी प्रशासन को भी नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

Notice to UT administration on petition against Qaumi Insaf Morcha's protest
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर कौमी इंसाफ मोर्चा के प्रदर्शन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के साथ ही अब यूटी प्रशासन को भी नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने इस मामले को संवेदनशील बताते हुए कहा कि बल प्रयोग से स्थिति बिगाड़ सकती है। पंजाब सरकार की दलीलें सुनने के बाद अब हाईकोर्ट ने सरकार को 11 अप्रैल तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।



अराइव सेफ सोसाइटी चंडीगढ़ के अध्यक्ष हरमन सिंह सिद्धू की याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पेश हुए और प्रदर्शनकारियों को लेकर वर्तमान स्थिति की हाईकोर्ट को जानकारी दी। वाईपीएस चौक को छोड़ कर अन्य मार्गों को सुचारु कर दिया गया है। सरकार ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए बातचीत के दौर को जारी रखा है। प्रदर्शन व्यापक न हो इसके लिए रणनीतिक तौर पर काम किया जा रहा है और इसे बैरिकेड से 500 मीटर पीछे धकेला गया है। प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों से सरकार लगातार संपर्क में है और वह चंडीगढ़ की तरफ आगे न बढ़ें इसके लिए बैरिकेड के अतिरिक्त रेत के टिप्पर रिजर्व रखे गए हैं ताकि बैरिकेड टूटने की स्थिति में इन्हें रोका जा सके। साथ ही शरारती तत्व इनके बीच मिल कर उपद्रव न मचाएं और ऐसा करने वालों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी कैमरा व वीडियोग्राफी की व्यवस्था की गई है।


पंजाब सरकार ने इस दौरान बताया कि प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में सीमा की दूसरी ओर चंडीगढ़ में मौजूद हैं और उनसे निपटने के लिए पंजाब सरकार ने कमांडो की दो कंपनियां दी हैं। इस दौरान याची पक्ष ने कहा कि इस आंदोलन को समाप्त करने व प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन को पक्ष बनाना जरूरी है। इसपर हाईकोर्ट ने प्रशासक के सलाहकार, गृह सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इस दौरान हाईकोर्ट ने मामले की संवेदनशीलता की पंजाब सरकार की दलील को स्वीकार किया लेकिन अनावश्यक देरी से बचने की हिदायत दी। पंजाब सरकार को अब इस मामले में 11 अप्रैल तक जवाब दाखिल करना होगा।

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