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बेअदबी मामले के मुख्य आरोपी मोहिंदर पाल बिट्टू की नाभा जेल में कैदियों द्वारा हत्या को जेल प्रबंधन की लापरवाही बताते हुए उसके पिता ने दो करोड़ रुपये मुआवजे की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। याचिका पर न्यायालय ने पंजाब सरकार, डीजीपी और नाभा जेल अधीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मोहिंदर पाल बिट्टू की पिछले वर्ष जून में नाभा जेल में कैदियों द्वारा हत्या कर दी गई थी।
बिट्टू के पिता राम लाल, उसकी पत्नी और दो बेटों द्वारा एडवोकेट बलतेज सिंह सिद्धू के जरिए दायर याचिका में बताया है कि मोहिंदर पाल के खिलाफ बेअदबी को लेकर फरीदकोट के कोटकपूरा में 13 जून 2018 को मामला दर्ज किया गया था। परिवार का कहना है कि बिट्टू को पुलिस ने फंसाया था। उसे गिरफ्तार कर नाभा जेल में रखा गया था, जहां गत वर्ष जेल में अन्य कैदियों ने सिर पर लोहे की रॉड मारकर उसकी हत्या कर दी थी।
पुलिस ने पहले दो कैदियों पर एफआईआर दर्ज की और उसके बाद 2 और को नामजद किया। मृतक मोहिंदर पाल बिट्टू के परिवार का कहना है कि मृतक इस प्रकरण से पहले एक बेकरी चलाता था। वह अकेला पूरे परिवार को भरण-पोषण करता था। उसकी मृत्य के बाद अब यह काम भी बुरी तरह से प्रभावित हो गया है और परिवार पर जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है। बिट्टू पर लगे आरोपों के चलते अब उनके परिवार को भी खतरा बना हुआ है। बिट्टू की मौत जेल प्रबंधन की लापरवाई से हुई है, इसलिए उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए।
सार
- बेअदबी मामले में मोहिंदर पाल नाभा जेल में था बंद
- मृतक के पिता ने उच्च न्यायालय में दाखिल की याचिक
- पंजाब सरकार, डीजीपी और जेल अधीक्षक को नोटिस
विस्तार
बेअदबी मामले के मुख्य आरोपी मोहिंदर पाल बिट्टू की नाभा जेल में कैदियों द्वारा हत्या को जेल प्रबंधन की लापरवाही बताते हुए उसके पिता ने दो करोड़ रुपये मुआवजे की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। याचिका पर न्यायालय ने पंजाब सरकार, डीजीपी और नाभा जेल अधीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मोहिंदर पाल बिट्टू की पिछले वर्ष जून में नाभा जेल में कैदियों द्वारा हत्या कर दी गई थी।
बिट्टू के पिता राम लाल, उसकी पत्नी और दो बेटों द्वारा एडवोकेट बलतेज सिंह सिद्धू के जरिए दायर याचिका में बताया है कि मोहिंदर पाल के खिलाफ बेअदबी को लेकर फरीदकोट के कोटकपूरा में 13 जून 2018 को मामला दर्ज किया गया था। परिवार का कहना है कि बिट्टू को पुलिस ने फंसाया था। उसे गिरफ्तार कर नाभा जेल में रखा गया था, जहां गत वर्ष जेल में अन्य कैदियों ने सिर पर लोहे की रॉड मारकर उसकी हत्या कर दी थी।
पुलिस ने पहले दो कैदियों पर एफआईआर दर्ज की और उसके बाद 2 और को नामजद किया। मृतक मोहिंदर पाल बिट्टू के परिवार का कहना है कि मृतक इस प्रकरण से पहले एक बेकरी चलाता था। वह अकेला पूरे परिवार को भरण-पोषण करता था। उसकी मृत्य के बाद अब यह काम भी बुरी तरह से प्रभावित हो गया है और परिवार पर जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है। बिट्टू पर लगे आरोपों के चलते अब उनके परिवार को भी खतरा बना हुआ है। बिट्टू की मौत जेल प्रबंधन की लापरवाई से हुई है, इसलिए उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए।