हरियाणा सरकार के तीन दिवसीय बजट पूर्व परामर्श कार्यक्रम में विधायकों ने लगभग 250 सुझाव दिए हैं। बुधवार को कार्यक्रम संपन्न हो गया। अंतिम दिन के दो सत्र में विधायकों ने अवैध कालोनियों, पानी, बिजली और सड़क सहित अनेक मुद्दों पर सरकार को घेरा और सुझाव भी दिए। शहरी और ग्रामीण विकास को लेकर विधायकों ने अपनी अनेक चिंताएं जाहिर कीं।
अनेक विधायकों ने दिल्ली की तर्ज पर बिजली, पानी, सड़क सुविधाएं मुहैया कराने और अवैध कालोनियां न बसने देने का सुझाव दिया। इंद्री से भारतीय जनता पार्टी के विधायक राम कुमार कश्यप ने हरियाणा को पॉलिथीन फ्री करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कुछ ऐसे गांव हैं जिनके पास पंचायती जमीन नहीं है।
इस कारण उनकी खुद की आय जीरो हो जाती है। इसलिए वे अपने स्तर पर गांव का विकास नहीं कर सकते। इस बार आने वाले बजट में ऐसे गांवों को अतिरिक्त राशि आवंटित करें। गांवों में सामुदायिक केंद्र बन रहे हैं, नए सरकारी परिसर भी बन रहे, लेकिन इनके रखरखाव को लेकर भारी दिक्कतें आ रही हैं। सरकार बजट में ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी भवनों की रिपेयर का प्रावधान करे।
चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि दिल्ली को डार्क जोन घोषित करने के बाद वहां के उद्योग धंधे हरियाणा में शिफ्ट हो रहे हैं। इसलिए सरकार को भविष्य में आने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए इनके लिए एक अलग से नीति तैयार करनी चाहिए। शहरों में लोगों के सामने रहने की दिक्कतें भी आ रही हैं। इसलिए लोग मजबूर होकर अवैध कालोनियों की तरफ भाग रहे हैं। सरकार को इस तरह कुछ ध्यान देना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्री बजट बैठकों को सरकार का इवेंट मैनेजमेंट बताया है। उन्होंने कहा कि बिना आर्थिक सर्वे के पता ही नहीं चलेगा कि बजट किस दिशा में जाएगा। भाजपा सरकार इवेंट मैनेजमेंट की सरकार है।
जितनी आय बढ़ेगी, उतना बजट का वजन बढ़ेगा: सीएम
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि प्री बजट परामर्श कार्यक्रम अच्छा रहा। सभी विधायकों की तरफ से सुझाव आए हैं। उन्होंने विचारधारा से ऊपर उठकर प्रदेश हित में सुझाव दिए हैं। राजस्व बढ़ाने के भी सुझाव आए हैं। हर एक सत्र में लगभग 35 से 50 सुझाव आए हैं। तीन दिन में ढाई सौ के करीब सुझाव विधायकों ने दिए। प्रदेश की जितनी आय बढ़ेगी उतना बजट का वजन बढ़ेगा।
कांग्रेस ने हरियाणा सरकार की प्री बजट बैठक पर निशाना साधा है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता बजरंग गर्ग ने कहा कि सुझाव लेने के लिए आयोजित इस तरह की प्री बैठक की बजाय सरकार 2014 और अब 2019 के चुनावी घोषणा पत्र को ईमानदारी से लागू कर दे, इससे ही जनता को राहत मिल जाएगी।
उनके अनुसार सरकार की नीयत यदि साफ है तो तुरंत प्रभाव से घोषणा पत्र के सभी वादों को सरकार पूरा करे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ घोषणाओं की सरकार है। जबकि भाजपा सरकार ने प्रदेश की जनता पर 1 लाख 81 हजार करोड़ रुपये कर्ज लादकर हरियाणा को कर्ज में डुबो दिया है। हरियाणा की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है।
गर्ग ने कहा कि सरकार को इस बजट में बेरोजगारों को रोजगार देने की योजना लागू करनी चाहिए। प्रदेश का किसान बेहद दुखी है। किसानों को फसल के पूरे भाव नहीं मिल रहे। सरकारी स्कूलों के मर्जिंग की तैयारी चल रही है, स्वास्थ्य सेवाएं सुचारु नहीं है, क्राइम बढ़ रहा है और आम आदमी महंगाई के बोझ तले भी दबता जा रहा है। मगर इस ओर सरकार का ध्यान नहीं है। सरकार को अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने चाहिए।
हरियाणा सरकार आगामी बजट को जनहितैषी बनाने के लिए समाज के हर वर्ग से चर्चा कर रही है। विधायकों से सुझाव लेने के लिए तीन दिवसीय बजट पूर्व परामर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया, लेकिन सरकार ने प्रदेश के लगभग साढ़े तीन लाख सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से प्री बजट चर्चा नहीं की है। 28 फरवरी को बजट भी आ जाएगा, इसलिए अब चर्चा की संभावना न के बराबर है। इस पर सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा ने नाराजगी जताई है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार की कार्यप्रणाली से लगता है कि सरकारी कर्मचारियों की मांगें उनके एजेंडे में नहीं है। उन्होंने 20 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाली का प्रस्ताव पारित करने के साथ, पार्ट टाइम व अन्य सभी प्रकार के अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण बिल पारित कराकर ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग की है। अगर सरकार ने 26 फरवरी तक ऐसा नहीं किया तो 27 फरवरी को सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
संघ के महासचिव सतीश सेठी व वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि 20 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व सरकार के बीच बातचीत हुई थी। इसमें मानी गई मांगों को अभी तक लागू नहीं किया गया है। सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है। विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों, नगर निगमों, परिषदों, पालिकाओं व विश्वविद्यालय के हजारों ठेका कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया है। पंचकूला नगर निगम से 10 फरवरी को 258 कर्मचारी नौकरी से निकाल दिए गए।
विधायकों की प्री-बजट बैठक में इनेलो नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा में गिरते भू-जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर जल संरक्षण योजनाएं चालू न की गई तो विशेषज्ञों के अनुसार भू-जल स्तर इस तरह घटता रहेगा इंसान को पीने के पानी के लाले पड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि गिरते भू-जल स्तर के कारण हरियाणा प्रदेश एक-एक बूंद पानी को तरसने को मजबूर होगा।
अभय सिंह ने कहा कि हरियाणा के प्रसिद्ध जल विज्ञानी एसपी गुप्ता के अनुसार अगर भू-जल स्तर इसी तरह घटता रहा तो पानी की राशनिंग करने की नौबत भी आ सकती है। गिरते भू-जल स्तर के कारण कृषि का धंधा चौपट हो जाएगा और पहले ही हरियाणा के अधिकतर जिलों को भू-जल स्तर की दृष्टि से डार्कजोन घोषित कर दिया गया है।
इनेलो नेता ने कहा कि उनको आज दादूपुर-नलवी नहर की संघर्ष समिति के सदस्यों ने ज्ञापन देकर अम्बाला, यमुनानगर एवं कुरुक्षेत्र आदि जिलों में गिरते भू-जल स्तर के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने दादूपुर-नलवी नहर की योजना रद्द करने से इस क्षेत्र के किसानों के कृषि के धंधे पर विपरीत असर पड़ा है।
भू-जल स्तर प्रति वर्ष 10 से 12 फीट तक नीचे जा रहा है। संघर्ष समिति के सदस्यों ने आग्रह किया कि वह प्री-बजट बैठक में दादूपुर-नलवी योजना को दोबारा चालू करने के लिए सरकार से मौजूदा बजट सत्र में राशि प्रस्तावित करने के लिए अपना पक्ष रखें। जिससे किसानों को पानी की आवश्यकता को देखते हुए राहत मिल सके।
इनेलो नेता ने बताया कि यह योजना 1985 में जननायक चौधरी देवी लाल ने 13 करोड़ रुपए की राशि सहित स्वीकृत करके मंजूर की थी। जमीन अधिग्रहण प्रक्त्रिस्या 2004 में 166 करोड़ रुपए का मुआवजा देकर शुरू की गई थी। दादूपुर-नलवी योजना इस इलाके की जीवनरेखा है जिसको भाजपा सरकार ने 2017 में रद्द करके अपना किसान विरोधी चेहरा उजागर किया है।
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हरियाणा सरकार के तीन दिवसीय बजट पूर्व परामर्श कार्यक्रम में विधायकों ने लगभग 250 सुझाव दिए हैं। बुधवार को कार्यक्रम संपन्न हो गया। अंतिम दिन के दो सत्र में विधायकों ने अवैध कालोनियों, पानी, बिजली और सड़क सहित अनेक मुद्दों पर सरकार को घेरा और सुझाव भी दिए। शहरी और ग्रामीण विकास को लेकर विधायकों ने अपनी अनेक चिंताएं जाहिर कीं।
अनेक विधायकों ने दिल्ली की तर्ज पर बिजली, पानी, सड़क सुविधाएं मुहैया कराने और अवैध कालोनियां न बसने देने का सुझाव दिया। इंद्री से भारतीय जनता पार्टी के विधायक राम कुमार कश्यप ने हरियाणा को पॉलिथीन फ्री करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कुछ ऐसे गांव हैं जिनके पास पंचायती जमीन नहीं है।
इस कारण उनकी खुद की आय जीरो हो जाती है। इसलिए वे अपने स्तर पर गांव का विकास नहीं कर सकते। इस बार आने वाले बजट में ऐसे गांवों को अतिरिक्त राशि आवंटित करें। गांवों में सामुदायिक केंद्र बन रहे हैं, नए सरकारी परिसर भी बन रहे, लेकिन इनके रखरखाव को लेकर भारी दिक्कतें आ रही हैं। सरकार बजट में ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी भवनों की रिपेयर का प्रावधान करे।
चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि दिल्ली को डार्क जोन घोषित करने के बाद वहां के उद्योग धंधे हरियाणा में शिफ्ट हो रहे हैं। इसलिए सरकार को भविष्य में आने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए इनके लिए एक अलग से नीति तैयार करनी चाहिए। शहरों में लोगों के सामने रहने की दिक्कतें भी आ रही हैं। इसलिए लोग मजबूर होकर अवैध कालोनियों की तरफ भाग रहे हैं। सरकार को इस तरह कुछ ध्यान देना चाहिए।
प्री बजट बैठकें सरकार का इवेंट मैनेजमेंट: हुड्डा
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्री बजट बैठकों को सरकार का इवेंट मैनेजमेंट बताया है। उन्होंने कहा कि बिना आर्थिक सर्वे के पता ही नहीं चलेगा कि बजट किस दिशा में जाएगा। भाजपा सरकार इवेंट मैनेजमेंट की सरकार है।
जितनी आय बढ़ेगी, उतना बजट का वजन बढ़ेगा: सीएम
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि प्री बजट परामर्श कार्यक्रम अच्छा रहा। सभी विधायकों की तरफ से सुझाव आए हैं। उन्होंने विचारधारा से ऊपर उठकर प्रदेश हित में सुझाव दिए हैं। राजस्व बढ़ाने के भी सुझाव आए हैं। हर एक सत्र में लगभग 35 से 50 सुझाव आए हैं। तीन दिन में ढाई सौ के करीब सुझाव विधायकों ने दिए। प्रदेश की जितनी आय बढ़ेगी उतना बजट का वजन बढ़ेगा।
नीयत साफ तो ईमानदारी से घोषणा पत्र लागू करे सरकार
कांग्रेस ने हरियाणा सरकार की प्री बजट बैठक पर निशाना साधा है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता बजरंग गर्ग ने कहा कि सुझाव लेने के लिए आयोजित इस तरह की प्री बैठक की बजाय सरकार 2014 और अब 2019 के चुनावी घोषणा पत्र को ईमानदारी से लागू कर दे, इससे ही जनता को राहत मिल जाएगी।
उनके अनुसार सरकार की नीयत यदि साफ है तो तुरंत प्रभाव से घोषणा पत्र के सभी वादों को सरकार पूरा करे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ घोषणाओं की सरकार है। जबकि भाजपा सरकार ने प्रदेश की जनता पर 1 लाख 81 हजार करोड़ रुपये कर्ज लादकर हरियाणा को कर्ज में डुबो दिया है। हरियाणा की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है।
गर्ग ने कहा कि सरकार को इस बजट में बेरोजगारों को रोजगार देने की योजना लागू करनी चाहिए। प्रदेश का किसान बेहद दुखी है। किसानों को फसल के पूरे भाव नहीं मिल रहे। सरकारी स्कूलों के मर्जिंग की तैयारी चल रही है, स्वास्थ्य सेवाएं सुचारु नहीं है, क्राइम बढ़ रहा है और आम आदमी महंगाई के बोझ तले भी दबता जा रहा है। मगर इस ओर सरकार का ध्यान नहीं है। सरकार को अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने चाहिए।
प्री-बजट चर्चा न करने पर कर्मचारियों में नाराजगी
हरियाणा सरकार आगामी बजट को जनहितैषी बनाने के लिए समाज के हर वर्ग से चर्चा कर रही है। विधायकों से सुझाव लेने के लिए तीन दिवसीय बजट पूर्व परामर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया, लेकिन सरकार ने प्रदेश के लगभग साढ़े तीन लाख सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से प्री बजट चर्चा नहीं की है। 28 फरवरी को बजट भी आ जाएगा, इसलिए अब चर्चा की संभावना न के बराबर है। इस पर सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा ने नाराजगी जताई है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार की कार्यप्रणाली से लगता है कि सरकारी कर्मचारियों की मांगें उनके एजेंडे में नहीं है। उन्होंने 20 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाली का प्रस्ताव पारित करने के साथ, पार्ट टाइम व अन्य सभी प्रकार के अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण बिल पारित कराकर ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग की है। अगर सरकार ने 26 फरवरी तक ऐसा नहीं किया तो 27 फरवरी को सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
संघ के महासचिव सतीश सेठी व वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि 20 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व सरकार के बीच बातचीत हुई थी। इसमें मानी गई मांगों को अभी तक लागू नहीं किया गया है। सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है। विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों, नगर निगमों, परिषदों, पालिकाओं व विश्वविद्यालय के हजारों ठेका कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया है। पंचकूला नगर निगम से 10 फरवरी को 258 कर्मचारी नौकरी से निकाल दिए गए।
प्री बजट बैठक में पानी के गिरते स्तर पर बोले अभय
विधायकों की प्री-बजट बैठक में इनेलो नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा में गिरते भू-जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर जल संरक्षण योजनाएं चालू न की गई तो विशेषज्ञों के अनुसार भू-जल स्तर इस तरह घटता रहेगा इंसान को पीने के पानी के लाले पड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि गिरते भू-जल स्तर के कारण हरियाणा प्रदेश एक-एक बूंद पानी को तरसने को मजबूर होगा।
अभय सिंह ने कहा कि हरियाणा के प्रसिद्ध जल विज्ञानी एसपी गुप्ता के अनुसार अगर भू-जल स्तर इसी तरह घटता रहा तो पानी की राशनिंग करने की नौबत भी आ सकती है। गिरते भू-जल स्तर के कारण कृषि का धंधा चौपट हो जाएगा और पहले ही हरियाणा के अधिकतर जिलों को भू-जल स्तर की दृष्टि से डार्कजोन घोषित कर दिया गया है।
इनेलो नेता ने कहा कि उनको आज दादूपुर-नलवी नहर की संघर्ष समिति के सदस्यों ने ज्ञापन देकर अम्बाला, यमुनानगर एवं कुरुक्षेत्र आदि जिलों में गिरते भू-जल स्तर के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने दादूपुर-नलवी नहर की योजना रद्द करने से इस क्षेत्र के किसानों के कृषि के धंधे पर विपरीत असर पड़ा है।
भू-जल स्तर प्रति वर्ष 10 से 12 फीट तक नीचे जा रहा है। संघर्ष समिति के सदस्यों ने आग्रह किया कि वह प्री-बजट बैठक में दादूपुर-नलवी योजना को दोबारा चालू करने के लिए सरकार से मौजूदा बजट सत्र में राशि प्रस्तावित करने के लिए अपना पक्ष रखें। जिससे किसानों को पानी की आवश्यकता को देखते हुए राहत मिल सके।
इनेलो नेता ने बताया कि यह योजना 1985 में जननायक चौधरी देवी लाल ने 13 करोड़ रुपए की राशि सहित स्वीकृत करके मंजूर की थी। जमीन अधिग्रहण प्रक्त्रिस्या 2004 में 166 करोड़ रुपए का मुआवजा देकर शुरू की गई थी। दादूपुर-नलवी योजना इस इलाके की जीवनरेखा है जिसको भाजपा सरकार ने 2017 में रद्द करके अपना किसान विरोधी चेहरा उजागर किया है।