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Chandigarh: बाल कल्याण परिषद की क्रेच के बदतर हालात, न CCTV कैमरे न कोई मूलभूत सुविधाएं

प्रियंका ठाकुर, संवाद न्यूज एजेंसी, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Fri, 26 May 2023 11:00 AM IST
सार

मातृत्व हितलाभ अधिनियम 2017 (मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 2017) में क्रेच बनाने के न्यूनतम दिशानिर्देश में सुरक्षा के मद्देनजर के अंदर सीसीटी कैमरे लगाने की बात कही गई है। सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल कर सुपरवाइजर निगरानी कर सकते हैं।

Many drawbacks in creches of Indian Council for Child Welfare chandigarh
सेक्टर 23 के बाल भवन में चल रही क्रेच - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी।

विस्तार

चंडीगढ़ में भारतीय बाल कल्याण परिषद के अंतर्गत चंडीगढ़ में खुले क्रेच में बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है। सेक्टर-23 के बाल भवन में क्रेच के कमरों में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। इसके अलावा मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। क्रेच में छह महीने से लेकर 12 साल तक के 25 से अधिक बच्चे रह रहे हैं। यदि बच्चों के साथ कोई दुर्घटना हो जाए तो उसका साक्षी कोई नहीं होगा। नन्हे बच्चे जो ठीक से बोल भी नहीं पाते उनकी सुरक्षा के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा एहतियात नहीं बरती जा रही है।


मातृत्व हितलाभ अधिनियम में सीसीटीवी लगाने का जिक्र
मातृत्व हितलाभ अधिनियम 2017 (मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 2017) में क्रेच बनाने के न्यूनतम दिशानिर्देश में सुरक्षा के मद्देनजर के अंदर सीसीटी कैमरे लगाने की बात कही गई है। सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल कर सुपरवाइजर निगरानी कर सकते हैं। इसके अलावा खाना बनाने और रखने के लिए पर्याप्त बर्तन और चीजों का होना जरूरी है। आधारभूत संरचना में शौचालय, पंखा और बिजली अधिक जाने पर इनवर्टर की सुविधा आदि होनी चाहिए।


केवल विभागीय क्रेच में लगे हैं कैमरे
53 में से जो क्रेच सरकारी विभागों में है वहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। लेकिन उनके अलावा अन्य जगह पर खुले क्रेच में कैमरे की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है। इसमें कई कॉलोनी के क्रेच की स्थिति खराब है। जिन अभिभावकों के बच्चे सामान्य क्रेच में जा रहे हैं उन्होंने प्रश्न उठाया कि वह बिना सुरक्षा और बिना सुविधाओं के अपने बच्चों को वहां कैसे छोड़ दें। साथ ही यह भी प्रश्न किया कि सभी क्रेच को सामान्य मानक के अनुसार क्यों नहीं चलाया जा रहा है।

सुविधाओं के अभाव में बच्चों को नहीं भेज पा रहे क्रेच
नाम न बताने की शर्त पर एक अभिभावक ने कहा कि क्रेच में सुरक्षा के अलावा मूलरूप सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। सेक्टर-23 के क्रेच में फ्रिज बहुत पुराना है जिसे एक अन्य अभिभावक ने ही दिया था। इसके अलावा 12 साल तक के बच्चों के क्रेच में रहने के बावजूद उनके लिए पढ़ाई पर आधारित गतिविधियां आयोजित नहीं कराई जातीं। अभिभावक अतिरिक्त पैसे देने को भी तैयार हैं पर कम से कम क्रेच में बच्चे कुछ तो नया सीखें। साथ ही उन्होंने इन्वर्टर न होने से बिजली जाने पर होने वाली परेशानी के बारे में बताया।

फंड की कमी
सेक्टर-23 के क्रेच अधिकारी नरेश ने आधारभूत संरचना की कमी और गतिविधियों की कमी पर बताया कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में फंड नहीं है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि क्रेच में रखने की फीस भी बहुत कम है जिससे वह अन्य गतिविधियां नहीं कर पाते।


जिन क्रेच में कैमरे नहीं हैं उनकी जानकारी ली जाएगी और क्रेच संबंधी दिशानिर्देश अनुसार कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे। जरूरत की चीजों की मांग कर दी गई है। इसके अलावा पालना योजना के तहत आंगनबाड़ी और क्रेच को मिलाकर पूरी व्यवस्था का पुनर्गठन किया जा रहा है। - पालिका अरोड़ा, समाज कल्याण विभाग निदेशक
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