न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Thu, 26 Nov 2020 10:34 PM IST
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दिल्ली पुलिस ने 720 किसानों को हिरासत में लिया है। ये किसान नेता विभिन्न संगठनों के साथ दिल्ली में दाखिल हो चुके हैं। गिरफ्तार किसानों में अधिकांश हरियाणा और पंजाब के हैं। दिल्ली प्रशासन द्वारा धरना देने के लिए जगह न देने के कारण किसान नेताओं ने राजघाट पर धरना देने का फैसला किया है। यह जानकारी संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिमन्यु कोहाड़ ने दी।
कोहाड़ ने बताया कि हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु के 720 किसानों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है। इनमें अधिकांश पंजाब और हरियाणा के किसान नेता भी हैं। उन्हें दिल्ली में मजनू का टीला गुरुद्वारा से राजघाट की तरफ मार्च करते हुए वक्त हिरासत में लिया गया। इन सभी किसानों को एक स्पोर्ट्स कांपलेक्स में रखा गया है।
इसके बावजूद ये किसान नेता राजघाट पर अनिश्चितकालीन धरना देने की जिद पर अड़े हैं। कोहाड़ ने बताया कि अपने शांतिप्रिय आंदोलन के लिए संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली में किसानों को जगह देने की मांग कर रहा है। मगर अभी तक उन्हें कोई जगह नहीं दी गई। इसलिए उन्होंने राजघाट पर ही धरना लगाने का फैसला लिया है।
आज पहुंच जाएंगे 25 हजार से अधिक किसान
उन्होंने दावा किया कि शुक्रवार तक दिल्ली में 25 हजार से अधिक किसान पहुंच जाएंगे। पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली बॉर्डर के काफी नजदीक पहुंच चुके हैं। उनके अनुसार दिल्ली कूच कार्यक्रम के तहत पंजाब से हजारों किसान जगजीत सिंह दल्लेवाल, बलबीर सिंह राजेवाल एवं जोगिंद्र सिंह उगराहां समेत अन्य किसान नेताओं के नेतृत्व में पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर चार जगह से पुलिस बैरियर पार कर चुके हैं। जबकि हरियाणा से भी दस हजार से अधिक किसान गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व में घरौंडा को पार कर के दिल्ली के नजदीक पहुंच गए हैं।
हरिनगर स्टेडियम को बनाया अस्थायी जेल
हिरासत में लिए गए किसान नेता में शिव कुमार कक्काजी, जसबीर सिंह भाटी, बलदेव सिंह सिरसा, केवी बीजू ने बताया कि सभी किसानों में जोश है और वे बड़े काफिले में ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ दिल्ली में प्रवेश को तैयार हैं। हिरासत में लिए किसानों को रखने के लिए दिल्ली पुलिस ने हरि नगर स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाया है और सभी किसानों को वहीं हिरासत में रखा गया है। किसान नेताओं ने यह साफ कर दिया है कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली में प्रवेश करेंगे और अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।
दिल्ली पुलिस ने 720 किसानों को हिरासत में लिया है। ये किसान नेता विभिन्न संगठनों के साथ दिल्ली में दाखिल हो चुके हैं। गिरफ्तार किसानों में अधिकांश हरियाणा और पंजाब के हैं। दिल्ली प्रशासन द्वारा धरना देने के लिए जगह न देने के कारण किसान नेताओं ने राजघाट पर धरना देने का फैसला किया है। यह जानकारी संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिमन्यु कोहाड़ ने दी।
कोहाड़ ने बताया कि हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु के 720 किसानों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है। इनमें अधिकांश पंजाब और हरियाणा के किसान नेता भी हैं। उन्हें दिल्ली में मजनू का टीला गुरुद्वारा से राजघाट की तरफ मार्च करते हुए वक्त हिरासत में लिया गया। इन सभी किसानों को एक स्पोर्ट्स कांपलेक्स में रखा गया है।
इसके बावजूद ये किसान नेता राजघाट पर अनिश्चितकालीन धरना देने की जिद पर अड़े हैं। कोहाड़ ने बताया कि अपने शांतिप्रिय आंदोलन के लिए संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली में किसानों को जगह देने की मांग कर रहा है। मगर अभी तक उन्हें कोई जगह नहीं दी गई। इसलिए उन्होंने राजघाट पर ही धरना लगाने का फैसला लिया है।
आज पहुंच जाएंगे 25 हजार से अधिक किसान
उन्होंने दावा किया कि शुक्रवार तक दिल्ली में 25 हजार से अधिक किसान पहुंच जाएंगे। पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली बॉर्डर के काफी नजदीक पहुंच चुके हैं। उनके अनुसार दिल्ली कूच कार्यक्रम के तहत पंजाब से हजारों किसान जगजीत सिंह दल्लेवाल, बलबीर सिंह राजेवाल एवं जोगिंद्र सिंह उगराहां समेत अन्य किसान नेताओं के नेतृत्व में पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर चार जगह से पुलिस बैरियर पार कर चुके हैं। जबकि हरियाणा से भी दस हजार से अधिक किसान गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व में घरौंडा को पार कर के दिल्ली के नजदीक पहुंच गए हैं।
हरिनगर स्टेडियम को बनाया अस्थायी जेल
हिरासत में लिए गए किसान नेता में शिव कुमार कक्काजी, जसबीर सिंह भाटी, बलदेव सिंह सिरसा, केवी बीजू ने बताया कि सभी किसानों में जोश है और वे बड़े काफिले में ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ दिल्ली में प्रवेश को तैयार हैं। हिरासत में लिए किसानों को रखने के लिए दिल्ली पुलिस ने हरि नगर स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाया है और सभी किसानों को वहीं हिरासत में रखा गया है। किसान नेताओं ने यह साफ कर दिया है कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली में प्रवेश करेंगे और अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।