भाजपा और जजपा का गठबंधन हो चुका है और अब दोनों सियासी दल मिलकर सूबे की नई सरकार भी बनाने जा रहे हैं। लेकिन इस जुगलबंदी के लिए सरकार को बिना किसी मतभेद और मनभेद के चलाने हेतु बेहद जरूरी होगा इनके ‘संकल्प पत्र’ और ‘जन सेवा पत्र’ में तालमेल। दरअसल, ये पत्र भाजपा और जजपा दोनों के वे घोषणा पत्र हैं, जिनके बूते दोनों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव लड़ा था।
इन पत्रों में शामिल लोकलुभावने वादे लेकर दोनों दल जनता के द्वार पहुंचे थे। लेकिन इन घोषणा पत्रों में कई वादे जुदा थे, अब उन्हीं वादों पर दोनों दलों को तालमेल बिठाकर सहमति जताते हुए आगे बढ़ना होगा। हरियाणा में जब रणभेरी बजी, तो उस वक्त भाजपा और जजपा दोनों ही अलग राहों पर चलते हुए चुनावी जंग में कूदे थे।
इसे सियासत ही कहेंगे कि उस वक्त रण में आलम यह था कि भाजपा नेताओं के निशाने पर जजपा थी और जजपा के निशाने पर भाजपा। मगर हरियाणा की सियासत में ऐसा भी मोड़ आएगा कि भाजपा और जजपा को जनादेश के बाद एक होना पड़ेगा, यह शायद ही किसी ने सोचा होगा। इस चुनावी समर में दोनों दलों ने अपने समर्थन में जनादेश के लिए ‘संकल्प पत्र’ और ‘जन सेवा पत्र’ का बड़ा सहारा लिया।
हर वर्ग को साधते हुए इसमें सभी के लिए ढेरों वादे किए गए। जजपा के वादे भाजपा की अपेक्षाकृत कुछ ज्यादा लोकलुभावने थे। जजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान खुले मंच से जनता के समक्ष अपने वादों को बार-बार दोहराते हुए ये दावा किया था कि यदि सत्ता में आने के बाद इन वादों को जरूर पूरा किया जाएगा।
अब जब जनादेश सामने आया, तो हालात कुछ ऐसे बन गए कि चुनाव में एक-दूसरे के धुर विरोधी रही भाजपा व जजपा को सत्ता पर काबिज होने के लिए सियासी मजबूरियां नजदीक खींच लाई। सत्ता हासिल करने को दोनों ने हाथ मिलाया और अब जजपा और भाजपा दोनों ही गठबंधन की सरकार का हिस्सा हैं। लेकिन इसमें पेच अब यह फंस गया है कि गठबंधन की इस सरकार में भाजपा का ‘संकल्प पत्र’ लागू होगा या जजपा का ‘जन सेवा पत्र’।
सूत्रों के अनुसार भाजपा और जजपा के बीच एक मिनीमम कॉमन एजेंडा पर ये गठबंधन हुआ है, जिसमें जजपा ने भाजपा से मांग रखी है कि सरकार उनके जन सेवा पत्र में जनता से किए गए वादों को पूरा करने में प्रतिबद्धता दिखाएगी। भाजपा ने भी जजपा को इसके लिए आश्वस्त किया है। अब देखना यह है कि भाजपा सरकार बनाने के बाद जजपा के कितने वादों को धरातल पर उतारती है।
भाजपा का वादा - किसानों के लिए फसली ऋणों पर 5 हजार करोड़ के ब्याज और जुर्माना माफ करने के लक्ष्य को पूरा करेंगे।
जजपा का वादा- किसानों के सहकारी बैंकों का पूरा कर्जा माफ होगा। किसानों की जमीनों की नीलामी पर पाबंदी लगाई जाएगी। समर्थन मूल्य से कम फसल खरीद को अपराध घोषित किया जाएगा।
भाजपा का वादा - गरीबों के लिए अंत्योदय मंत्रालय का गठन करेंगे, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग सुचारू रूप से केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकें।
जजपा का वादा - प्राइवेट स्कूलों में गरीबों के बच्चों के आरक्षण को बढ़ाकर 20 फीसद किया जाएगा और दाखिला सरकार के माध्यम से होगा।
भाजपा का वादा - सरकारी कर्मचारियों की सभी वेतन विसंगतियों को दूर किया जाएगा। वरिष्ठता सूची प्रकाशित करेंगे।
जजपा का वादा - कर्मचारियों की पुरानी पेंशन नीति बहाली होगी। अस्थायी, अनुबंधित, सभी कच्चे कर्मचारियों के लिए सेवा सुरक्षा नियम बनाएंगे। सभी कर्मचारियों को कैशलेस मेडिकल सुविधा देंगे।
भाजपा का वादा - युवाओं के लिए मुद्रा लोन स्कीम प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित करवाएंगे, युवा विकास एवं स्व रोजगार नामक एक नया मंत्रालय बनाएंगे।
जजपा का वादा - हरियाणा में ‘रोजगार मेरा अधिकार’ अधिनियम पास किया जाएगा। प्रदेश की 75 प्रतिशत नौकरियां हरियाणा के युवाओं के लिए आरिक्षत की जाएगी।
भाजपा का वादा- हर गांव में खेल स्टेडियमम और व्यायामशाला का निर्माण, हर जिले में पांच लाख इनामी जिला स्तरीय कबड्डी, कुश्ती व बाक्सिंग प्रतियोगिता होगी।
जजपा का वादा - प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं की प्रोत्साहन राशि दोगुनी होगी और सरकारी नौकरी की गांरटी होगी। हर लोकसभा क्षेत्र में एक खेल महाविद्यालय बनाया जाएगा।
भाजपा का वादा - आयुष्मान योजना के तहत सभी परिवार जिनकी सलाना आय 1.8 लाख रुये से कम है या जिनकी जोत 5 एकड़ तक है, उन्हें उच्च स्तरीय सुविधाएं मुफ्त प्राप्त करने का अवसर देंगे।
जजपा का वादा - प्रदेश में स्वास्थ्य का अधिकार कानून बनाएंगे। हर गांव में एक एंबुलेंस 24 घंटे रहेगी। पांच लाख रुपये तक के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी।
भाजपा का वादा - सरकार बनने के बाद बुजुर्गों की पेंशन 3 हजार की जाएगी।
जजपा का वादा - सरकार बनने के बाद बुजुर्गों की पेंशन 5100 रुपये की जाएगी।
जजपा चाहती है कि सरकार बनने के बाद बुजुर्गों को 5100 रुपये पेंशन, प्राइवेट रोजगार में हरियाणा के युवाओं का 75 प्रतिशत आरक्षण और किसानों के कर्ज माफी की घोषणा लागू की जाए। हमने किसी शर्त पर नहीं, बल्कि मिनीमम कॉमन एजेंडा पर समर्थन दिया है और इसमें हमारा लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ प्रदेश के लोगों की सेवा करना है। -दिग्विजय चौटाला, जजपा नेता
भाजपा और जजपा का गठबंधन हो चुका है और अब दोनों सियासी दल मिलकर सूबे की नई सरकार भी बनाने जा रहे हैं। लेकिन इस जुगलबंदी के लिए सरकार को बिना किसी मतभेद और मनभेद के चलाने हेतु बेहद जरूरी होगा इनके ‘संकल्प पत्र’ और ‘जन सेवा पत्र’ में तालमेल। दरअसल, ये पत्र भाजपा और जजपा दोनों के वे घोषणा पत्र हैं, जिनके बूते दोनों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव लड़ा था।
इन पत्रों में शामिल लोकलुभावने वादे लेकर दोनों दल जनता के द्वार पहुंचे थे। लेकिन इन घोषणा पत्रों में कई वादे जुदा थे, अब उन्हीं वादों पर दोनों दलों को तालमेल बिठाकर सहमति जताते हुए आगे बढ़ना होगा। हरियाणा में जब रणभेरी बजी, तो उस वक्त भाजपा और जजपा दोनों ही अलग राहों पर चलते हुए चुनावी जंग में कूदे थे।
इसे सियासत ही कहेंगे कि उस वक्त रण में आलम यह था कि भाजपा नेताओं के निशाने पर जजपा थी और जजपा के निशाने पर भाजपा। मगर हरियाणा की सियासत में ऐसा भी मोड़ आएगा कि भाजपा और जजपा को जनादेश के बाद एक होना पड़ेगा, यह शायद ही किसी ने सोचा होगा। इस चुनावी समर में दोनों दलों ने अपने समर्थन में जनादेश के लिए ‘संकल्प पत्र’ और ‘जन सेवा पत्र’ का बड़ा सहारा लिया।