चंडीगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक व्यक्ति की अपील ठुकराते हुए जिला आयोग के फैसले को बरकरार रखा है। डेराबस्सी के रहने वाले एनके हजारा सिंह ने मनीमाजरा स्थित न्यू इंडिया इश्योरेंस कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दी थी। 28 जनवरी 2021 को जिला उपभोक्ता आयोग ने शिकायत खारिज कर दी थी।
एनके हजारा सिंह अपनी कार की चाबी एक दुकान के काउंटर पर रखकर भूल गए। जहां कार पार्क की थी, वहां गाड़ी नहीं मिली। जब वे दुकान में गए तो काउंटर पर चाबी नहीं थी। इस संबंध में वे बीमा क्लेम के लिए बीमा कंपनी में गए। जहां पर क्लेम रद्द कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में बीमा कंपनी के खिलाफ शिकायत दी। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग चंडीगढ़ ने उनकी शिकायत खारिज कर दी थी। जिला उपभोक्ता आयोग से शिकायत खारिज होने के बाद उन्होंने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में अपील की लेकिन वहां उनकी अपील ठुकरा दी गई।
शिकायतकर्ता की लापरवाही के कारण खारिज हुई शिकायत और अपील
दुकान पर चाबी भूल गए शिकायतकर्ता एनके हजारा सिंह ने वर्ष 2017 में एक मारुति स्विफ्ट वीडीआई कार खरीदी थी। इसके लिए डेराबस्सी के विजया बैंक से छह लाख रुपये का लोन लिया था। 21 अक्तूबर, 2018 को शिकायतकर्ता खरीदारी के लिए कार से बाजार गए थे। लगभग 11 बजे उन्होंने अपनी कार राम लीला मैदान, डेराबस्सी में पार्क की थी। वह एक फुटवियर की दुकान पर गए थे। यह दुकान रविंद्र कुमार नामक दुकानदार की थी।
शिकायतकर्ता के मुताबिक, उन्होंने कार की चाबी दुकान के काउंटर पर रखी थी, मगर जूते खरीदने के बाद उनकी चाबी काउंटर पर नहीं थी। वहीं कार भी राम लीला मैदान से गायब थी। डेराबस्सी थाने में अगले दिन चोरी का केस दर्ज हुआ था। पुलिस कार को ढूंढ नहीं पाई थी और मामले की अनट्रेस्ड रिपोर्ट बनी थी।
लापरवाही बरतने पर क्लेम रद्द किया
इस बीच शिकायतकर्ता ने इंश्योरेंस कंपनी के पास क्लेम दायर किया था, मगर वह अस्वीकार कर दिया गया। कंपनी का कहना था कि शिकायतकर्ता ने लापरवाही बरती थी। शिकायतकर्ता का क्लेम पॉलिसी की चौथी शर्त के उल्लंघन के चलते रद्द किया गया था। केस में राज्य उपभोक्ता आयोग ने कहा कि केस रिकॉर्ड देखने के बाद पता चलता है कि शिकायतकर्ता ने गाड़ी की चाबी दुकान के काउंटर पर रखी थी।
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहीं नहीं कहा कि वह चाबी भूल गया था या खुद पता होते हुए काउंटर पर चाबी रखी थी। राज्य उपभोक्ता आयोग ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि कई ग्राहक दुकान में आए होंगे। दुकान के काउंटर पर चाबी पड़ी होगी। यह कोई भी चोरी कर सकता है।
राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने मामले में बीमा की चौथी शर्त को लेकर राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के 9 जनवरी 2018 के आदेश की भी व्याख्या की। वह मामला रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी बनाम दलजीत सिंह और कश्मीर सिंह बाथ का था। उसमें कहा गया था कि व्यक्ति अपनी इंश्योरर्ड गाड़ी को गुम होने या क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। इसी आधार पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने शिकायतकर्ता का अपील खारिज कर दिया।
विस्तार
चंडीगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक व्यक्ति की अपील ठुकराते हुए जिला आयोग के फैसले को बरकरार रखा है। डेराबस्सी के रहने वाले एनके हजारा सिंह ने मनीमाजरा स्थित न्यू इंडिया इश्योरेंस कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दी थी। 28 जनवरी 2021 को जिला उपभोक्ता आयोग ने शिकायत खारिज कर दी थी।
एनके हजारा सिंह अपनी कार की चाबी एक दुकान के काउंटर पर रखकर भूल गए। जहां कार पार्क की थी, वहां गाड़ी नहीं मिली। जब वे दुकान में गए तो काउंटर पर चाबी नहीं थी। इस संबंध में वे बीमा क्लेम के लिए बीमा कंपनी में गए। जहां पर क्लेम रद्द कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में बीमा कंपनी के खिलाफ शिकायत दी। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग चंडीगढ़ ने उनकी शिकायत खारिज कर दी थी। जिला उपभोक्ता आयोग से शिकायत खारिज होने के बाद उन्होंने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में अपील की लेकिन वहां उनकी अपील ठुकरा दी गई।
शिकायतकर्ता की लापरवाही के कारण खारिज हुई शिकायत और अपील
दुकान पर चाबी भूल गए शिकायतकर्ता एनके हजारा सिंह ने वर्ष 2017 में एक मारुति स्विफ्ट वीडीआई कार खरीदी थी। इसके लिए डेराबस्सी के विजया बैंक से छह लाख रुपये का लोन लिया था। 21 अक्तूबर, 2018 को शिकायतकर्ता खरीदारी के लिए कार से बाजार गए थे। लगभग 11 बजे उन्होंने अपनी कार राम लीला मैदान, डेराबस्सी में पार्क की थी। वह एक फुटवियर की दुकान पर गए थे। यह दुकान रविंद्र कुमार नामक दुकानदार की थी।
शिकायतकर्ता के मुताबिक, उन्होंने कार की चाबी दुकान के काउंटर पर रखी थी, मगर जूते खरीदने के बाद उनकी चाबी काउंटर पर नहीं थी। वहीं कार भी राम लीला मैदान से गायब थी। डेराबस्सी थाने में अगले दिन चोरी का केस दर्ज हुआ था। पुलिस कार को ढूंढ नहीं पाई थी और मामले की अनट्रेस्ड रिपोर्ट बनी थी।
लापरवाही बरतने पर क्लेम रद्द किया
इस बीच शिकायतकर्ता ने इंश्योरेंस कंपनी के पास क्लेम दायर किया था, मगर वह अस्वीकार कर दिया गया। कंपनी का कहना था कि शिकायतकर्ता ने लापरवाही बरती थी। शिकायतकर्ता का क्लेम पॉलिसी की चौथी शर्त के उल्लंघन के चलते रद्द किया गया था। केस में राज्य उपभोक्ता आयोग ने कहा कि केस रिकॉर्ड देखने के बाद पता चलता है कि शिकायतकर्ता ने गाड़ी की चाबी दुकान के काउंटर पर रखी थी।
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहीं नहीं कहा कि वह चाबी भूल गया था या खुद पता होते हुए काउंटर पर चाबी रखी थी। राज्य उपभोक्ता आयोग ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि कई ग्राहक दुकान में आए होंगे। दुकान के काउंटर पर चाबी पड़ी होगी। यह कोई भी चोरी कर सकता है।
राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने मामले में बीमा की चौथी शर्त को लेकर राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के 9 जनवरी 2018 के आदेश की भी व्याख्या की। वह मामला रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी बनाम दलजीत सिंह और कश्मीर सिंह बाथ का था। उसमें कहा गया था कि व्यक्ति अपनी इंश्योरर्ड गाड़ी को गुम होने या क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। इसी आधार पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने शिकायतकर्ता का अपील खारिज कर दिया।