लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Chandigarh ›   Chandigarh Administrator started Aahar kranti today

चंडीगढ़: प्रशासक ने की आहार क्रांति की शुरुआत, बोले- यह दवा है, जिससे मनुष्य स्वस्थ रह सकता है

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Tue, 29 Mar 2022 11:34 PM IST
सार

ट्रस्ट की तरफ से अब चंडीगढ़ और पंजाब में आहार क्रांति के बारे में लोगों को बताया जाएगा। संस्था के सदस्यों का कहना है कि इस विकराल समस्या का निवारण हरित क्रांति से पहले के समय में हो रहे इस्तेमाल मोटे अनाज के सेवन पर वापस लौटना ही है और यही आहार क्रांति है।

आहार क्रांति की शुरुआत करते प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित।
आहार क्रांति की शुरुआत करते प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने मंगलवार को यूटी गेस्ट हाउस में आहार क्रांति की शुरुआत की। इस मौके उन्होंने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान मनुष्य की आधारभूत आवश्यकता है लेकिन इनमें सबसे महत्वपूर्ण है आहार क्योंकि यह एक ऐसी दवा है, जिससे मनुष्य स्वस्थ रह सकता है। प्रशासक ने कहा कि हम जैसा खाते हैं, वैसा ही बन जाते हैं। 



प्रशासक ने कहा कि आहार की मात्रा के बारे में गांधीजी ने हमेशा एक न्यूनतम दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि खाना उतना ही खाना चाहिए, जितना आवश्यक हो। मन को खुश करने के लिए ज्यादा खाने से बचना चाहिए। कहा कि जो भी खाना खाएं, उसे चबाकर खाएं। 

आहार क्रांति को लेकर कार्यक्रम का आयोजन निवेदिता ट्रस्ट की तरफ से आयोजित किया गया। ट्रस्ट के फाउंडर व पीजीआई के डॉ. वरिंदर ने कहा पिछले कई वर्षों में मनुष्य का रहन-सहन बिल्कुल बदल गया है। शारीरिक परिश्रम न के बराबर रह गया है। 

मशीनीकरण व कंप्यूटरीकरण ने इंसान को पूरा दिन टेबल कुर्सी पर बैठा दिया है इसलिए लोग कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वर्ष 2030 तक भारत में डायबिटीज की वजह से दवाओं व अन्य से 6 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होगा क्योंकि भारत में लगभग 70 फीसदी लोग उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, मोटापा, एलर्जी और थायराइड आदि के शिकार हो रहे हैं। कहा कि हरित क्रांति के आने से पहले सभी भारतीय मोटा अनाज खाते थे। मोटे अनाज में 5 मिलेट्स का उपयोग होता था, जिन्हें हम समय के साथ बिल्कुल भूल गए लेकिन अब यही मिलेट्स मनुष्य को रोगों से मुक्ति दिलाएंगे।

मोटे अनाज के सेवन पर लौटना होगा, यही है आहार क्रांति 
ट्रस्ट की तरफ से अब चंडीगढ़ और पंजाब में आहार क्रांति के बारे में लोगों को बताया जाएगा। संस्था के सदस्यों का कहना है कि इस विकराल समस्या का निवारण हरित क्रांति से पहले के समय में हो रहे इस्तेमाल मोटे अनाज के सेवन पर वापस लौटना ही है और यही आहार क्रांति है।

बताया कि निवेदिता ट्रस्ट का उद्देश्य मनुष्य को संपूर्ण स्वास्थ्य की ओर ले जाना है और आहार क्रांति जिसमें, मिलेट्स यानी मोटा अनाज, किचन गार्डन में उगे शुद्ध आर्गेनिक सब्जियां व फल, धीमी आंच पर कुकिंग, गाय का दूध, सुपर फूड व आयुर्वेद का प्रचलन, प्रसार व व्यवहार में लाना है। इस टीम में डॉ. लिपिका गुलियानी, डॉ. नवनीत कौर, अंजू बाला, प्रेसिडेंट मीनाक्षी अग्निहोत्री, डॉ. बबीता पठानिया, शिवानी सिंह व अन्य हैं।

प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने मंगलवार को यूटी गेस्ट हाउस में आहार क्रांति की शुरुआत की।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

;