पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में दोषी परमजीत सिंह भ्योरा ने एक बार फिर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी 93 वर्षीय वृद्ध अस्वस्थ मां से घर जाकर मिलने की इजाजत मांगी है।
भ्यौरा ने कहा कि राजीव गांधी की हत्या के दोषियों को भी 15 दिन की पैरोल दी गई थी तो ऐसे में उसे भी यह लाभ दिया जा सकता है। याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार व आईजी (जेल) को 14 फरवरी के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इससे पहले भी भ्योरा ने अपनी मां से मिलने के लिए पैरोल देने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने गत माह याचिका का निपटारा करते हुए उसे जेल में ही अपनी मां से मिलने की इजाजत दे दी थी।
इसके लिए पंजाब के डीजीपी, सीबीआई और चंडीगढ़ प्रशासन को इस मुलाकात के लिए सभी संभव सुविधाएं देने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा था कि भ्योरा की मां अब 93 वर्ष की हो चुकी हैं। ऐसे में उन्हें भी अपने बेटे से एक बार मिलकर कुछ बातचीत करने की चाह होगी। हाईकोर्ट को इस मामले को मानवीयता के आधार पर देखना होगा।
अब भ्योरा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि भ्योरा की मां को उनके खराब सेहत के कारण हाईकोर्ट के आदेशों के तहत भ्योरा से जेल में नहीं मिलवाया जा सका।। डॉक्टर और पंचायत ने भी कह दिया है कि उसकी मां सफर नहीं कर सकती हैं। ऐसे में भ्योरा ही अपनी मां से मिल सकता है। भ्योरा के वकील सिमरनजीत सिंह ने हाईकोर्ट को राजीव गांधी के केस का हवाला देते हुए कहा कि उनके हत्यारे को भी मद्रास हाईकोर्ट ने 15 दिन की पैरोल दी थी। ऐसे में भ्यरा को भी कुछ समय की पैरोल दी जा सकती है ताकि वह अपनी वृद्ध और अस्वस्थ मां से मिल सके।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में दोषी परमजीत सिंह भ्योरा ने एक बार फिर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी 93 वर्षीय वृद्ध अस्वस्थ मां से घर जाकर मिलने की इजाजत मांगी है।
भ्यौरा ने कहा कि राजीव गांधी की हत्या के दोषियों को भी 15 दिन की पैरोल दी गई थी तो ऐसे में उसे भी यह लाभ दिया जा सकता है। याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार व आईजी (जेल) को 14 फरवरी के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इससे पहले भी भ्योरा ने अपनी मां से मिलने के लिए पैरोल देने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने गत माह याचिका का निपटारा करते हुए उसे जेल में ही अपनी मां से मिलने की इजाजत दे दी थी।
इसके लिए पंजाब के डीजीपी, सीबीआई और चंडीगढ़ प्रशासन को इस मुलाकात के लिए सभी संभव सुविधाएं देने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा था कि भ्योरा की मां अब 93 वर्ष की हो चुकी हैं। ऐसे में उन्हें भी अपने बेटे से एक बार मिलकर कुछ बातचीत करने की चाह होगी। हाईकोर्ट को इस मामले को मानवीयता के आधार पर देखना होगा।
अब भ्योरा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि भ्योरा की मां को उनके खराब सेहत के कारण हाईकोर्ट के आदेशों के तहत भ्योरा से जेल में नहीं मिलवाया जा सका।। डॉक्टर और पंचायत ने भी कह दिया है कि उसकी मां सफर नहीं कर सकती हैं। ऐसे में भ्योरा ही अपनी मां से मिल सकता है। भ्योरा के वकील सिमरनजीत सिंह ने हाईकोर्ट को राजीव गांधी के केस का हवाला देते हुए कहा कि उनके हत्यारे को भी मद्रास हाईकोर्ट ने 15 दिन की पैरोल दी थी। ऐसे में भ्यरा को भी कुछ समय की पैरोल दी जा सकती है ताकि वह अपनी वृद्ध और अस्वस्थ मां से मिल सके।