भारत-पाकिस्तान के बीच पुल का काम करती समझौता एक्सप्रेस गाड़ी के पहिए एक बार फिर रुक गए हैं, जिस वजह से अटारी स्टेशन वीरान-सा हो गया है। सोमवार को पाकिस्तान के वाघा रेलवे स्टेशन से आने वाली समझौता एक्सप्रेस के लिए अटारी स्टेशन के कुछ मीटर दूरी पर स्थापित किए गए सिग्नल को डाउन नहीं किया गया।
वहीं अटारी स्टेशन से पाकिस्तान जाने वाली इस गाड़ी के लिए अटारी स्टेशन मास्टर अरविन्द गुप्ता द्वारा जारी किए जाने वाले पेपर लिंक क्लियर टिकट पर्ची पर हस्ताक्षर करने की जरूरत नहीं पड़ी। दोनों देशों के बीच चलने वाली यह पहली ऐसी रेलगाड़ी है, जिसको पाकिस्तान भेजने के लिए सिग्नल को डाउन नहीं करना पड़ता।
इस गाड़ी को अटारी रेलवे स्टेशन मास्टर द्वारा उक्त पर्ची पर हस्ताक्षर करने के बाद पाकिस्तान रवाना कर दिया जाता है। यह व्यवस्था गाड़ी के शुरू होने के साथ ही स्थापित हो गई थी, जो आज तक चल रही है। इस पर्ची का उद्देश्य अटारी स्टेशन से इंटरनेशनल बॉर्डर पर स्थित गेट नंबर 103 तक रास्ता साफ होने की जानकारी देना है।
पाकिस्तान सरकार द्वारा समझौता एक्सप्रेस को बंद करने की घोषणा के बाद रविवार को भारत सरकार ने भी दिल्ली-अटारी के बीच चलने वाली गाड़ी बंद करने की घोषणा कर दी थी। यही गाड़ी अटारी स्टेशन पर पहुंचने के बाद पाकिस्तान जाने के लिए समझौता एक्सप्रेस के नाम से जानी जाती है। गाड़ी बंद होने से आज अटारी स्टेशन वीरान पड़ा था।
वहां पर कार्यरत कस्टम, इमीग्रेशन, रेलवे स्टाफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी स्टेशन पर पहुंचे हुए थे। अरविंद कुमार के अनुसार उन्हें दिल्ली से संदेश मिल गया था कि दिल्ली-अटारी के बीच चलने वाली गाड़ी अनिश्चित काल के लिए रद्द कर दी गई है। इसी गाड़ी से आने वाले यात्रियों को अटारी से वाघा भेजा जाता है। यह गाड़ी रद्द होने से समझौता एक्सप्रेस अपने-आप ही रद्द हो गई। यह गाड़ी दोबारा कब चलेगी, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है।
कोई समय था जब इस गाड़ी से पाकिस्तान से 600-700 लोग आते थे। अटारी स्टेशन से पाकिस्तान जाने वाले यात्रियों की संख्या भी लगभग इतनी ही होती थी। पिछले एक-दो वर्ष से इस गाड़ी के माध्यम से भारत-पाकिस्तान आने-जाने वालों की संख्या में भारी कमी हो गई है।
समझौता एक्सप्रेस के यात्रियों की संख्या में भारी कमी क्यों आई, इस पर अटारी रेलवे स्टेशन के अधिकारी कुछ भी जानकारी देने में असमर्थ है। सूत्रों के अनुसार इस गाड़ी का प्रयोग फेरी वाले करते रहे हैं। अब फेरी वाले इस गाड़ी का प्रयोग नहीं करते।
समझौता और थार एक्सप्रेस के रैक ईद की स्पेशल गाड़ियों के लिए इस्तेमाल
पाकिस्तानी रेल मंत्री शेख राशिद अहमद ने समझौता एक्सप्रेस रेल परिचालन को बंद करने के निर्णय की समीक्षा करने के भारत के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। ट्रेनों को बंद करने की समीक्षा करने के अनुरोध पर विदेश कार्यालय द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। शेख राशिद अहमद ने कहा वह भारत के इस अनुरोध को अस्वीकार करते हैं।
जब तक वह रेल मंत्री हैं, तब तक समझौता और थार एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन नहीं होगा। समझौता और थार के लिए उपयोग किए जा रहे रैक पाकिस्तान में स्थानीय एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए किया जाएगा। वर्तमान में इन रैक का उपयोग ईद की विशेष ट्रेनों के लिए किया जाएगा।
भारत-पाकिस्तान के बीच पुल का काम करती समझौता एक्सप्रेस गाड़ी के पहिए एक बार फिर रुक गए हैं, जिस वजह से अटारी स्टेशन वीरान-सा हो गया है। सोमवार को पाकिस्तान के वाघा रेलवे स्टेशन से आने वाली समझौता एक्सप्रेस के लिए अटारी स्टेशन के कुछ मीटर दूरी पर स्थापित किए गए सिग्नल को डाउन नहीं किया गया।
वहीं अटारी स्टेशन से पाकिस्तान जाने वाली इस गाड़ी के लिए अटारी स्टेशन मास्टर अरविन्द गुप्ता द्वारा जारी किए जाने वाले पेपर लिंक क्लियर टिकट पर्ची पर हस्ताक्षर करने की जरूरत नहीं पड़ी। दोनों देशों के बीच चलने वाली यह पहली ऐसी रेलगाड़ी है, जिसको पाकिस्तान भेजने के लिए सिग्नल को डाउन नहीं करना पड़ता।
इस गाड़ी को अटारी रेलवे स्टेशन मास्टर द्वारा उक्त पर्ची पर हस्ताक्षर करने के बाद पाकिस्तान रवाना कर दिया जाता है। यह व्यवस्था गाड़ी के शुरू होने के साथ ही स्थापित हो गई थी, जो आज तक चल रही है। इस पर्ची का उद्देश्य अटारी स्टेशन से इंटरनेशनल बॉर्डर पर स्थित गेट नंबर 103 तक रास्ता साफ होने की जानकारी देना है।