बीते दिनों बिहार के मधुबनी जिले के स्थानीय पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता अविनाश झा ऊर्फ बुद्धिनाथ झा का अपहरण कर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई। इस बीच जिला पुलिस ने दावा किया है कि अविनाश की हत्य प्रेम प्रसंग को लेकर की गई है। वहीं, मृतक के परिवार वालों ने पुलिस के इस दावे को इंकार कर दिया है। अविनाश के परिजनों आरोप लगाया कि पुलिस बुद्धनाथ की हत्या करने वाले 'मेडिकल माफिया' को बचाने के लिए अपराध में शामिल असली दोषियों को गिरफ्तार नहीं कर इसे अब प्रेम प्रसंग बता रही है।
बेनीपट्टी पुलिस उपाधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने इस मामले में छह लोगों की गिरफ्तारी और हत्याकांड का खुलासा होने का दावा करते हुए कहा कि जांच और गिरफ्तारी के बाद इस मामले में त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग का पहलू सामने आया है। सिंह ने बताया कि इस मामले में पहले एक महिला पूर्णकला देवी की गिरफ्तारी की गई, उसके बाद रौशन कुमार साह, बिट्टू कुमार पंडित, दीपक कुमार पंडित, पवन कुमार पंडित और मनीष कुमार को गिरफ्तार किया गया।
त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग को लेकर की गई हत्या- पुलिस का दावा
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार महिला से पवन एक तरफा प्रेम करता था जबकि बुद्धिनाथ झा के साथ महिला ने प्रेम की बात स्वीकारी है। सिंह ने बताया कि पवन नहीं चाहता था कि बुद्धिनाथ झा और पूर्णकला आपस में बात करें। पवन पूर्णकला पर बुद्धीनाथ से बात नहीं करने का दबाव डालता था। उन्होंने आगे कहा कि पवन और रौशन ने त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग को लेकर बुद्धिनाथ की हत्या कर दी थी। इस बीच पुलिस बुद्धिनाथ के परिवार द्वारा लगाए गए आरोप कि उक्त क्षेत्र में संचालित नर्सिंग होम और अस्पताल करने वालों ने उनकी हत्या की, इसकी भी जांच कर रही है। स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि उसने अपनी ऑनलाइन समाचार रिपोर्टों में कई 'फर्जी' नर्सिंग होम और अस्पतालों के बारे में जानकारी का खुलासा किया था।
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम और सूचना का अधिकार अधिनियम का उपयोग करते हुए बुद्धिनाथ झा ने इस साल फरवरी में बेनीपट्टी और धकजरी में 19 अवैध पैथोलॉजी लैब को बंद करवाया था। गौरतलब है कि 9 नवंबर से लापता बुद्धिनाथ झा का शव पुलिस ने 12 नवंबर को सड़क किनारे से बरामद किया था।
पीसीआई ने राज्य के मुख्य सचिव व डीजीपी से मांगी रिपोर्ट
उधर, भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने बिहार के एक पत्रकार की मौत के मामले का बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया और राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से रिपोर्ट मांगी। एक आधिकारिक बयान में पीसीआई के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सी के प्रसाद ने पत्रकार अविनाश झा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर चिंता व्यक्त की। पीसीआई ने एक बयान में कहा कि मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति प्रसाद ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है।
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बीते दिनों बिहार के मधुबनी जिले के स्थानीय पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता अविनाश झा ऊर्फ बुद्धिनाथ झा का अपहरण कर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई। इस बीच जिला पुलिस ने दावा किया है कि अविनाश की हत्य प्रेम प्रसंग को लेकर की गई है। वहीं, मृतक के परिवार वालों ने पुलिस के इस दावे को इंकार कर दिया है। अविनाश के परिजनों आरोप लगाया कि पुलिस बुद्धनाथ की हत्या करने वाले 'मेडिकल माफिया' को बचाने के लिए अपराध में शामिल असली दोषियों को गिरफ्तार नहीं कर इसे अब प्रेम प्रसंग बता रही है।
बेनीपट्टी पुलिस उपाधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने इस मामले में छह लोगों की गिरफ्तारी और हत्याकांड का खुलासा होने का दावा करते हुए कहा कि जांच और गिरफ्तारी के बाद इस मामले में त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग का पहलू सामने आया है। सिंह ने बताया कि इस मामले में पहले एक महिला पूर्णकला देवी की गिरफ्तारी की गई, उसके बाद रौशन कुमार साह, बिट्टू कुमार पंडित, दीपक कुमार पंडित, पवन कुमार पंडित और मनीष कुमार को गिरफ्तार किया गया।
त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग को लेकर की गई हत्या- पुलिस का दावा
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार महिला से पवन एक तरफा प्रेम करता था जबकि बुद्धिनाथ झा के साथ महिला ने प्रेम की बात स्वीकारी है। सिंह ने बताया कि पवन नहीं चाहता था कि बुद्धिनाथ झा और पूर्णकला आपस में बात करें। पवन पूर्णकला पर बुद्धीनाथ से बात नहीं करने का दबाव डालता था। उन्होंने आगे कहा कि पवन और रौशन ने त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग को लेकर बुद्धिनाथ की हत्या कर दी थी। इस बीच पुलिस बुद्धिनाथ के परिवार द्वारा लगाए गए आरोप कि उक्त क्षेत्र में संचालित नर्सिंग होम और अस्पताल करने वालों ने उनकी हत्या की, इसकी भी जांच कर रही है। स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि उसने अपनी ऑनलाइन समाचार रिपोर्टों में कई 'फर्जी' नर्सिंग होम और अस्पतालों के बारे में जानकारी का खुलासा किया था।
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम और सूचना का अधिकार अधिनियम का उपयोग करते हुए बुद्धिनाथ झा ने इस साल फरवरी में बेनीपट्टी और धकजरी में 19 अवैध पैथोलॉजी लैब को बंद करवाया था। गौरतलब है कि 9 नवंबर से लापता बुद्धिनाथ झा का शव पुलिस ने 12 नवंबर को सड़क किनारे से बरामद किया था।
पीसीआई ने राज्य के मुख्य सचिव व डीजीपी से मांगी रिपोर्ट
उधर, भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने बिहार के एक पत्रकार की मौत के मामले का बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया और राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से रिपोर्ट मांगी। एक आधिकारिक बयान में पीसीआई के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सी के प्रसाद ने पत्रकार अविनाश झा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर चिंता व्यक्त की। पीसीआई ने एक बयान में कहा कि मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति प्रसाद ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है।