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पाकिस्तान के लाहौर के किले में शनिवार को महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में स्थानीय पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। बता दें महाराजा की इस नौ फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण लाहौर किले में जून में किया गया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पुलिस ने इस मामले के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर ईशनिंदा कानून के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिये जाने को लेकर आरोपी दोनों व्यक्ति क्रोधित थे। महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य के नेता थे, जिन्होंने 19 वीं शताब्दी में उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर में शासन किया था।
गिरफ्तार किए गए आरोपी पाकिस्तान में मौलाना खैम रिज्वी के तहरीक-लब्बैक नाम के संगठन से जुड़े बताए गए हैं। उधर, इस घटना से अचंभित किले की देखरेख का जिम्मा निभाने वाली अर्ध सरकारी संगठन वाल्ड सिटी ऑफ लाहौर अथॉरिटी ने ईद के बाद प्रतिमा को जल्द से जल्द ठीक कराने की बात कही है।
वाल्ड सिटी ऑफ लाहौर अथॉरिटी की प्रवक्ता तानिया कुरैशी ने पीटीआई से कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को होने से रोकने के लिए किले की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। प्रतिमा को अगले हफ्ते तक दोबारा ठीक करा लिया जाएगा। एक बार सबकुछ पहले जैसा हो जाने पर इसे आम लोगों के देखने के लिए खोल दिया जाएगा।
पीओके में जुटे 150 आतंकी
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए खत्म होने के बाद पाकिस्तान लगातार भारत में अशांति फैलाने की साजिश रच रहा है। खबर है कि पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और जम्मू-कश्मीर से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दर्जन भर आतंकी शिविरों को फिर सक्रिय कर दिया गया है। करीब 150 से ज्यादा आतंकी भारत में घुसपैठ के लिए तैयार हैं।
दरअसल, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की मई 2019 तक की समयसीमा देखते हुए लगभग पूरी तरह बंद हुए आतंकी शिविरों में पिछले सप्ताह के दौरान सक्रियता बढ़ गई है। शीर्ष खुफिया सूत्रों के मुताबिक पीओके के कोटली, रावलकोट, बाघ और मुजफ्फराबाद में आतंकी शिविर फिर सक्रिय हो गए हैं। इसे देखते हुए भारतीय सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।