एक फनकार जिसने अपने गीतों से लोगों को हंसाया भी रुलाया भी। जिसे दुनिया हिंदी सिनेमा का शहंशाह-ए-तरन्नुम के नाम से जानती है। जिसने मुफलिसी का दौर देखा और शोहरत भी। वो आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उसकी आवाज आज भी हमें उनकी याद दिलाती है। आज मोहम्मद रफी साहब की पुण्यतिथि है।