सूखा पीड़ित मराठवाड़ा क्षेत्र के बांधों में केवल 3 फीसद पानी ही बचा है। परंपरागत रूप से पानी की कम उपलब्धता वाले इस क्षेत्र में बांधों के अंदर मौजूद यह जलस्तर आज तक की सबसे कम मात्रा में बचा है। ऐसे ही चलता रहा तो जल्द ही मराठवाड़ा रेगिस्तान में तब्दील हो जाएगा।