आखिर शिवसेना का मुखिया कौन होगा? असली शिवसेना विवाद पर चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से 30 जनवरी तक लिखित में बयान मांगा है। चुनाव आयोग में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान उद्धव गुट के वकील ने पार्टी में आंतरिक चुनाव कराने या यथास्थिति बनाए रखने का अनुरोध किया, लेकिन आयोग ने इस पर चुप्पी साध रखी है। आयोग ने दोनों गुटों से 30 जनवरी तक लिखित दलीलें पेश करने को कहा है। शिंदे गुट ने चुनाव आयोग में दलील दी है कि बाल ठाकरे के बाद पार्टी का कोई प्रमुख है ही नहीं। चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों ने असली शिवसेना के रूप में अपने दावे के समर्थन में महीनों में हजारों दस्तावेज जमा किए हैं।
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