टनकपुर के अपर सहायक अभियंता बीसी कुआर्बी का घेराव करते पेयजल किल्लत से जूझ रहे सैलानीगोठ और बिचई
- फोटो : CHAMPAWAT
टनकपुर (चंपावत)। गर्मी आने से पहले ही सैलानीगोठ और बिचई के लोग पेयजल किल्लत जूझ रहे हैं। इससे नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार को जल संस्थान के एएई बीएस कुआर्बी का घेराव किया। पेयजल आपूर्ति सुचारु करने की मांग की। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी गई।
सामाजिक कार्यकर्ता हरीश प्रसाद के नेतृत्व में सैलानीगोठ और पूर्वी बिचई के ग्रामीणों ने गांव में पिछले कुछ सप्ताह से अनियमित पेयजल आपूर्ति का आरोप लगाया। कहा कि इसके चलते लोग पानी ढोने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों ने जल जीवन मिशन के तहत बिछाई जा रही पेयजल लाइन में भी अनियमितता का आरोप लगा जांच की मांग की। कहा कि नई लाइन बिछने के बाद भी पानी की आपूर्ति सुचारु नहीं हो रही है।
पानी न मिलने के बावजूद लगातार बिल चुकाने पड़ रहे हैं। मोहनपुर की ग्राम प्रधान राधिका चंद और ज्ञानखेड़ा के प्रधान रवि कुमार ने बताया कि जल संस्थान की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं।
जल्द ही पेयजल संकट दूर न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई। घेराव करने वालों में अशोक राय, भुवन कलौनी, कमल राय, मनोज राय, सचिन राय, सदानंद जोशी, ललित पांडेय, शेखर पांडेय, चंद्रशेखर कलौनी, योगेश चंद आदि थे।
हैंडपंप के आसरे बुझ रही चंपावत के कई मुहल्लों की प्यास
चंपावत। मैदानी क्षेत्र टनकपुर ही नहीं, पर्याप्त जल स्रोत वाले पहाड़ में भी प्यास बुझाने को लोग भटक रहे हैं। चंपावत नगर के कई इलाकों में पानी की अनियमित आपूर्ति से लोग पानी ढोने के लिए दूरदराज जाने को मजबूर हैं।
भैरवां, कनलगांव आदि क्षेत्रों मेें लोग नौले और हैंडपपों के आसरे हैं। डीडी जोशी, लक्ष्मीलाल साह, विजय तड़ागी, गंगानाथ, भागीरथी देवी, विमला देवी, दुर्गा जोशी, आशा देवी, लक्ष्मण सिंह, निर्मल सिंह के घर की लाइनों में पेयजल कम आ रहा है। हैंडपंप से भी साफ पानी नहीं मिल पा रहा है पानी को पहले उबालना पड़ता है।
जल संस्थान के एएई परमानंद पुनेठा का कहना है कि जाड़ों में बेहद कम बारिश होने के चलते तीन जल स्रोत का स्तर 40 प्रतिशत कम हो गया है। चंपावत नगर क्षेत्र को 25 लाख लीटर पानी रोजाना जरूरत है, लेकिन उपलब्धता करीब 12 लाख लीटर की है।
टनकपुर (चंपावत)। गर्मी आने से पहले ही सैलानीगोठ और बिचई के लोग पेयजल किल्लत जूझ रहे हैं। इससे नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार को जल संस्थान के एएई बीएस कुआर्बी का घेराव किया। पेयजल आपूर्ति सुचारु करने की मांग की। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी गई।
सामाजिक कार्यकर्ता हरीश प्रसाद के नेतृत्व में सैलानीगोठ और पूर्वी बिचई के ग्रामीणों ने गांव में पिछले कुछ सप्ताह से अनियमित पेयजल आपूर्ति का आरोप लगाया। कहा कि इसके चलते लोग पानी ढोने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों ने जल जीवन मिशन के तहत बिछाई जा रही पेयजल लाइन में भी अनियमितता का आरोप लगा जांच की मांग की। कहा कि नई लाइन बिछने के बाद भी पानी की आपूर्ति सुचारु नहीं हो रही है।
पानी न मिलने के बावजूद लगातार बिल चुकाने पड़ रहे हैं। मोहनपुर की ग्राम प्रधान राधिका चंद और ज्ञानखेड़ा के प्रधान रवि कुमार ने बताया कि जल संस्थान की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं।
जल्द ही पेयजल संकट दूर न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई। घेराव करने वालों में अशोक राय, भुवन कलौनी, कमल राय, मनोज राय, सचिन राय, सदानंद जोशी, ललित पांडेय, शेखर पांडेय, चंद्रशेखर कलौनी, योगेश चंद आदि थे।
हैंडपंप के आसरे बुझ रही चंपावत के कई मुहल्लों की प्यास
चंपावत। मैदानी क्षेत्र टनकपुर ही नहीं, पर्याप्त जल स्रोत वाले पहाड़ में भी प्यास बुझाने को लोग भटक रहे हैं। चंपावत नगर के कई इलाकों में पानी की अनियमित आपूर्ति से लोग पानी ढोने के लिए दूरदराज जाने को मजबूर हैं।
भैरवां, कनलगांव आदि क्षेत्रों मेें लोग नौले और हैंडपपों के आसरे हैं। डीडी जोशी, लक्ष्मीलाल साह, विजय तड़ागी, गंगानाथ, भागीरथी देवी, विमला देवी, दुर्गा जोशी, आशा देवी, लक्ष्मण सिंह, निर्मल सिंह के घर की लाइनों में पेयजल कम आ रहा है। हैंडपंप से भी साफ पानी नहीं मिल पा रहा है पानी को पहले उबालना पड़ता है।
जल संस्थान के एएई परमानंद पुनेठा का कहना है कि जाड़ों में बेहद कम बारिश होने के चलते तीन जल स्रोत का स्तर 40 प्रतिशत कम हो गया है। चंपावत नगर क्षेत्र को 25 लाख लीटर पानी रोजाना जरूरत है, लेकिन उपलब्धता करीब 12 लाख लीटर की है।