वाराणसी। पूर्वांचल के तीन मंडल की 12 लोकसभा सीटों से किस्मत आजमाने वाले बाहुबलियों और उनके करीबियों के लिए लोकसभा चुनाव मिले-जुले असर वाला रहा। इसमें पंजाब की जेल में निरुद्ध मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के कुनबे और करीबियों का रसूख एक बार फिर पूर्वांचल में बढ़ा, वहीं गुजरात की जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद को जनता ने खारिज कर दिया। रमाकांत यादव और अजय राय भी अपनी जमानत नहीं बचा सके।
पूर्वांचल में बाहुबलियों और उनके करीबियों का सांसद या विधायक चुना जाना नई बात नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी यह सिलसिला जारी रहा। विधायक मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर सीट पर केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के मुकाबले 1,19,392 वोट के अंतर से जीत कर सांसद बने। मुख्तार के ही करीबियों में से एक और दुष्कर्म के मामले में वांछित अतुल राय ने घोसी संसदीय सीट से 1,22,568 मत ज्यादा हासिल कर जीत दर्ज की।
दूसरी ओर, भदोही से कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमाने उतरे पूर्व सांसद रमाकांत यादव को महज 25604 वोट मिले। उनकी जमानत भी नहीं बची। वाराणसी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय का भी हश्र कुछ ऐसा ही हुआ। डेढ़ लाख से ज्यादा मत पाकर भी वह लगातार दूसरी बार जमानत नहीं बचा सके। इसी सीट पर निर्दल प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमाने आए अतीक अहमद को केवल 855 वोट मिले। हालांकि अतीक अहमद ने नामांकन के बाद खुद को चुनाव मैदान से बाहर कर लिया था।
वाराणसी। पूर्वांचल के तीन मंडल की 12 लोकसभा सीटों से किस्मत आजमाने वाले बाहुबलियों और उनके करीबियों के लिए लोकसभा चुनाव मिले-जुले असर वाला रहा। इसमें पंजाब की जेल में निरुद्ध मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के कुनबे और करीबियों का रसूख एक बार फिर पूर्वांचल में बढ़ा, वहीं गुजरात की जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद को जनता ने खारिज कर दिया। रमाकांत यादव और अजय राय भी अपनी जमानत नहीं बचा सके।
पूर्वांचल में बाहुबलियों और उनके करीबियों का सांसद या विधायक चुना जाना नई बात नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी यह सिलसिला जारी रहा। विधायक मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर सीट पर केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के मुकाबले 1,19,392 वोट के अंतर से जीत कर सांसद बने। मुख्तार के ही करीबियों में से एक और दुष्कर्म के मामले में वांछित अतुल राय ने घोसी संसदीय सीट से 1,22,568 मत ज्यादा हासिल कर जीत दर्ज की।
दूसरी ओर, भदोही से कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमाने उतरे पूर्व सांसद रमाकांत यादव को महज 25604 वोट मिले। उनकी जमानत भी नहीं बची। वाराणसी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय का भी हश्र कुछ ऐसा ही हुआ। डेढ़ लाख से ज्यादा मत पाकर भी वह लगातार दूसरी बार जमानत नहीं बचा सके। इसी सीट पर निर्दल प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमाने आए अतीक अहमद को केवल 855 वोट मिले। हालांकि अतीक अहमद ने नामांकन के बाद खुद को चुनाव मैदान से बाहर कर लिया था।