चिलबिला चौराहे से मतगणना स्थल तक प्रशासन की तगड़ी नाकेबंदी रही। निर्धारित समय से करीब आधे घंटे देर से मतगणना शुरू हुई। सुरक्षा के मजबूत इंतजाम के बीच प्रशासनिक अव्यवस्था भी खूब रही। सुरक्षा के मजबूत किले में सुबह करीब छह बजे मंडी जाने वाले सैकड़ों लोगों ने सेंध लगा दी। वह अपनी बाइक लेकर मंडी गेट तक जा पहुंचे। प्रवेश द्वार के पास बाइक खड़ी कर वे अपने कार्य में व्यस्त हो गए।
सुबह आठ बजे से होने वाली मतगणना करीब 8.30 बजे से शुरू हुई। चिलबिला चौराहे से लेकर मतगणना स्थल महुली मंडी तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। हर दस कदम की पूरी पर फोर्स तैनात रही। चिलबिला चौराहे पर ही महुली मंडी की तरफ जाने वाले अधिकांश वाहनों को रोक दिया गया। कुछ दूर तक प्रत्याशियों के वाहन ही जा सके। अधिकारियों की गाड़ियां महुली परिसर तक पहुंची। मीडिया कर्मियों की गाड़ियां भी तीसरे बैरियर पर रोक दी गईं।
मंडी परिसर में प्रवेश के वक्त सुबह के समय तगड़ी तलाशी हुई। एक-एक व्यक्ति की गहन पड़ताल के बाद ही मतगणना परिसर में प्रवेश दिया गया। यहां चेकिंग के लिए पुरुष ही नहीं महिला सिपाही भी लगाई गई थीं। हालांकि सुरक्षा के ये तगड़े इंतजाम दोपहर तक धूप में सूख गई। चटख धूप से परेशान बैरियर पर खड़े पुलिस के जवान आस पास की दुकानों पर बैठ गए। दुकान पर बैठे जवान झुंड में मंडी की ओर जाने वालों को ही रोकते रहे, बाकी पर उनकी नजर नहीं रही। तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना परिसर में प्रशासनिक अव्यवस्था से कर्मचारियों को दो चार होना पड़ा।
चक्रवार परिणाम जानने में चकराया दिमाग
हर विधान सभा की अलग-अलग हुई चक्रवार मतगणना के परिणाम को जाने के लिए लोग परेशान रहे। यहां तक मीडिया सेंटर में भी समय से परिणाम का चार्ट नहीं भेजा गया। अव्यवस्था यह रही कि चार राउंड गणना के करीब घंटे भर बाद दूसरे राउंड का फीगर मीडिया सेंटर तक पहुंचा। देर से चार्ट भेजने का क्रम अंतिम समय तक जारी रहा। ऐसे में प्राप्त हो रहे रुझान को जानने के लिए लोग परिसर में होने के बाद भी हलाकान रहे।
एक भी बार एनाउंस नहीं किए गए परिणाम
महुली मंडी परिसर में बने मतगणना स्थल पर हर विधान सभा के परिणाम का एनाउंस करने के लिए जगह-जगह माइक लगाए गए थे। हैरत की बात यह रही कि एक भी राउंड का परिणाम माइक से एनाउंस नहीं किया गया। माइक सिर्फ शोपीस बना रहा। परिसर में मौजूद प्रशासनिक मशीनरी व प्रत्याशी और पास धारी कुछ अन्य लोगों को ऐसे चक्रवार परिणाम जानने में काफी मुश्किल हुई।
एक बजे पहुंचे खाना पैकेट पर झपटे जवान
सुरक्षा ड्यूटी में लगाए गए सैकड़ों प्रशासनिक कर्मचारी व पुलिस के सैकड़ों जवान सुबह आठ बजे के पहले वहां तैनात हो गए। सुबह से धूप में मतगणना की सुरक्षा की कमान संभालने वाले जवान एक बजे तक भूख से बेहाल हो गए। एक बजे जब पूड़ी सब्जी का पैकेट पहुंचा तो भीड़ लग गई। इससे पैकेट बांटने वालों को परेशानी हुई।
गुटखा, सुर्ती व पानी की बोतलों को बाहर निकलवाया
मतगणना कर्मचारियों को भी पुलिस की तलाशी से गुजरना पड़ा। उनके पास से मोबाइल, गुटखा, पान व पानी की बोतल रखवा ली गई। जो अकेले गया था। वह अपना सामान रखने के लिए परेशान होता रहा। गेट पर पानी की बोतलें और गुटखा दूर दूर तक फैला हुआ था। एक संग्रह अमीन घर से खाना बनवाकर झोले में लाया था। जिसे पुलिसकर्मियों ने बाहर ही रोक लिया। खुद पुलिस अधीक्षक एस आनंद , एएसपी पूर्वी अवनीश मिश्र, एएसपी पश्चिमी शिवाजी शुक्ला, पीएचक्यू से आए एएसपी सुरेंद्रनाथ पांडेय व सीओ राजदीप गेट से लेकर मतगणना परिसर में डटे रहे।
मोबाइल लेकर घुस गए पुलिसकर्मी, मोजे में मिले मोबाइल
मतगणना परिसर में कर्मचारियों, अभिकर्ताओं के साथ ही पुलिसकर्मियों के मोबाइल लेकर प्रवेश करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा था। लेकिन बहुत से पुलिसकर्मी मोबाइल लेकर प्रवेश कर गए। महिला कर्मचारियों की भी तलाशी ली गई। इस दौरान कुछ कर्मचारी मोजे व बेल्ट के नीचे छिपाकर मोबाइल ले जाने लगे। जिन्हें एलआईयू की टीम ने गेट पर ही पकड़ लिया।
चिलबिला चौराहे से मतगणना स्थल तक प्रशासन की तगड़ी नाकेबंदी रही। निर्धारित समय से करीब आधे घंटे देर से मतगणना शुरू हुई। सुरक्षा के मजबूत इंतजाम के बीच प्रशासनिक अव्यवस्था भी खूब रही। सुरक्षा के मजबूत किले में सुबह करीब छह बजे मंडी जाने वाले सैकड़ों लोगों ने सेंध लगा दी। वह अपनी बाइक लेकर मंडी गेट तक जा पहुंचे। प्रवेश द्वार के पास बाइक खड़ी कर वे अपने कार्य में व्यस्त हो गए।
सुबह आठ बजे से होने वाली मतगणना करीब 8.30 बजे से शुरू हुई। चिलबिला चौराहे से लेकर मतगणना स्थल महुली मंडी तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। हर दस कदम की पूरी पर फोर्स तैनात रही। चिलबिला चौराहे पर ही महुली मंडी की तरफ जाने वाले अधिकांश वाहनों को रोक दिया गया। कुछ दूर तक प्रत्याशियों के वाहन ही जा सके। अधिकारियों की गाड़ियां महुली परिसर तक पहुंची। मीडिया कर्मियों की गाड़ियां भी तीसरे बैरियर पर रोक दी गईं।
मंडी परिसर में प्रवेश के वक्त सुबह के समय तगड़ी तलाशी हुई। एक-एक व्यक्ति की गहन पड़ताल के बाद ही मतगणना परिसर में प्रवेश दिया गया। यहां चेकिंग के लिए पुरुष ही नहीं महिला सिपाही भी लगाई गई थीं। हालांकि सुरक्षा के ये तगड़े इंतजाम दोपहर तक धूप में सूख गई। चटख धूप से परेशान बैरियर पर खड़े पुलिस के जवान आस पास की दुकानों पर बैठ गए। दुकान पर बैठे जवान झुंड में मंडी की ओर जाने वालों को ही रोकते रहे, बाकी पर उनकी नजर नहीं रही। तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना परिसर में प्रशासनिक अव्यवस्था से कर्मचारियों को दो चार होना पड़ा।
चक्रवार परिणाम जानने में चकराया दिमाग
हर विधान सभा की अलग-अलग हुई चक्रवार मतगणना के परिणाम को जाने के लिए लोग परेशान रहे। यहां तक मीडिया सेंटर में भी समय से परिणाम का चार्ट नहीं भेजा गया। अव्यवस्था यह रही कि चार राउंड गणना के करीब घंटे भर बाद दूसरे राउंड का फीगर मीडिया सेंटर तक पहुंचा। देर से चार्ट भेजने का क्रम अंतिम समय तक जारी रहा। ऐसे में प्राप्त हो रहे रुझान को जानने के लिए लोग परिसर में होने के बाद भी हलाकान रहे।
एक भी बार एनाउंस नहीं किए गए परिणाम
महुली मंडी परिसर में बने मतगणना स्थल पर हर विधान सभा के परिणाम का एनाउंस करने के लिए जगह-जगह माइक लगाए गए थे। हैरत की बात यह रही कि एक भी राउंड का परिणाम माइक से एनाउंस नहीं किया गया। माइक सिर्फ शोपीस बना रहा। परिसर में मौजूद प्रशासनिक मशीनरी व प्रत्याशी और पास धारी कुछ अन्य लोगों को ऐसे चक्रवार परिणाम जानने में काफी मुश्किल हुई।
एक बजे पहुंचे खाना पैकेट पर झपटे जवान
सुरक्षा ड्यूटी में लगाए गए सैकड़ों प्रशासनिक कर्मचारी व पुलिस के सैकड़ों जवान सुबह आठ बजे के पहले वहां तैनात हो गए। सुबह से धूप में मतगणना की सुरक्षा की कमान संभालने वाले जवान एक बजे तक भूख से बेहाल हो गए। एक बजे जब पूड़ी सब्जी का पैकेट पहुंचा तो भीड़ लग गई। इससे पैकेट बांटने वालों को परेशानी हुई।
गुटखा, सुर्ती व पानी की बोतलों को बाहर निकलवाया
मतगणना कर्मचारियों को भी पुलिस की तलाशी से गुजरना पड़ा। उनके पास से मोबाइल, गुटखा, पान व पानी की बोतल रखवा ली गई। जो अकेले गया था। वह अपना सामान रखने के लिए परेशान होता रहा। गेट पर पानी की बोतलें और गुटखा दूर दूर तक फैला हुआ था। एक संग्रह अमीन घर से खाना बनवाकर झोले में लाया था। जिसे पुलिसकर्मियों ने बाहर ही रोक लिया। खुद पुलिस अधीक्षक एस आनंद , एएसपी पूर्वी अवनीश मिश्र, एएसपी पश्चिमी शिवाजी शुक्ला, पीएचक्यू से आए एएसपी सुरेंद्रनाथ पांडेय व सीओ राजदीप गेट से लेकर मतगणना परिसर में डटे रहे।
मोबाइल लेकर घुस गए पुलिसकर्मी, मोजे में मिले मोबाइल
मतगणना परिसर में कर्मचारियों, अभिकर्ताओं के साथ ही पुलिसकर्मियों के मोबाइल लेकर प्रवेश करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा था। लेकिन बहुत से पुलिसकर्मी मोबाइल लेकर प्रवेश कर गए। महिला कर्मचारियों की भी तलाशी ली गई। इस दौरान कुछ कर्मचारी मोजे व बेल्ट के नीचे छिपाकर मोबाइल ले जाने लगे। जिन्हें एलआईयू की टीम ने गेट पर ही पकड़ लिया।