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बच्चों से डर कर भागी थी मानिकपुर पुलिस
Pratapgarh
Published by:
Updated Tue, 09 Jul 2013 05:30 AM IST
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कुंडा (ब्यूरो)। मानिकपुर पुलिस अपनी ही करतूतों से फंसती जा रही है। पुलिस ने पहले गिरफ्तारी के दौरान ग्रामीणों पर हमला कर आरोपी छुड़ाने का आरोप लगाया। बाद में एसओ ने फोन पर धमकी मिलने की बात कही। हमले की पुलिस ने जो रिपोर्ट दर्ज की, इसमें सात से दस साल के नाबालिगों का नाम शामिल कर रखा है। सोमवार को सीओ दफ्तर पहुंच महिलाओं एवं बालकों ने अपना पक्ष रखते हुए पुलिस की करतूत बताई।
मानिकपुर थाना क्षेत्र के शहाबपुर गांव निवासी संतोष सिंह पर बीते 6 जून को प्राणघातक हमला हुआ। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद एक जुलाई को पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी को गई थी। इसी दौरान ग्रामीणों से भिड़ंत हो गई। पुलिस का आरोप रहा कि ग्रामीणों ने आरोपियों को छुड़ाने के लिए हमला कर गाड़ी तोड़ी जबकि ग्रामीणों का आरोप रहा कि पुलिस के साथ शहाबपुर के लोग गए थे। पुलिस के सामने ही पकड़ कर युवकों को पीटा जा रहा था, जिसका विरोध करने पर पुलिस हमले की कहानी रच रही है। धमकी मिलने की कहानी बताने वाले एसओ ने लिखे गए मुकदमे में गांव के नाबालिग बीरू (8) पुत्र बचऊलाल, अजय (8) पुत्र बचऊ लाल, विपिन (7) पुत्र केदारनाथ, उमेश (10) पुत्र होरीलाल यादव के साथ ही रानी देवी पत्नी हरीलाल, पार्वती पत्नी राम दुलारे, मंजू पत्नी राधेश्याम को पुलिस पर हमले का आरोपी बनाया है। इसकी जानकारी से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया है। सोमवार को महिलाएं एवं बालक सीओ सुकरमपाल तोमर से मिलकर पुलिस की करतूत बताते हुए न्याय दिलाने की मांग की।
कुंडा (ब्यूरो)। मानिकपुर पुलिस अपनी ही करतूतों से फंसती जा रही है। पुलिस ने पहले गिरफ्तारी के दौरान ग्रामीणों पर हमला कर आरोपी छुड़ाने का आरोप लगाया। बाद में एसओ ने फोन पर धमकी मिलने की बात कही। हमले की पुलिस ने जो रिपोर्ट दर्ज की, इसमें सात से दस साल के नाबालिगों का नाम शामिल कर रखा है। सोमवार को सीओ दफ्तर पहुंच महिलाओं एवं बालकों ने अपना पक्ष रखते हुए पुलिस की करतूत बताई।
मानिकपुर थाना क्षेत्र के शहाबपुर गांव निवासी संतोष सिंह पर बीते 6 जून को प्राणघातक हमला हुआ। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद एक जुलाई को पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी को गई थी। इसी दौरान ग्रामीणों से भिड़ंत हो गई। पुलिस का आरोप रहा कि ग्रामीणों ने आरोपियों को छुड़ाने के लिए हमला कर गाड़ी तोड़ी जबकि ग्रामीणों का आरोप रहा कि पुलिस के साथ शहाबपुर के लोग गए थे। पुलिस के सामने ही पकड़ कर युवकों को पीटा जा रहा था, जिसका विरोध करने पर पुलिस हमले की कहानी रच रही है। धमकी मिलने की कहानी बताने वाले एसओ ने लिखे गए मुकदमे में गांव के नाबालिग बीरू (8) पुत्र बचऊलाल, अजय (8) पुत्र बचऊ लाल, विपिन (7) पुत्र केदारनाथ, उमेश (10) पुत्र होरीलाल यादव के साथ ही रानी देवी पत्नी हरीलाल, पार्वती पत्नी राम दुलारे, मंजू पत्नी राधेश्याम को पुलिस पर हमले का आरोपी बनाया है। इसकी जानकारी से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया है। सोमवार को महिलाएं एवं बालक सीओ सुकरमपाल तोमर से मिलकर पुलिस की करतूत बताते हुए न्याय दिलाने की मांग की।