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पिता के परिवार की महिला से संबंधों को लेकर घर में रोजाना का क्लेश। काफी समझाने के बाद भी पिता का न मानना और करोड़ों की प्रॉपर्टी इस महिला के नाम करने की धमकी देना। इस पारिवारिक झगड़े का अंजाम यह हुआ कि अपने छोटे भाई की संपत्ति बचाने के लिए 23 साल की अविवाहित बेटी ने 12 लाख की सुपारी देकर पिता को शूटरों से मौत के घाट उतरवा दिया। मामला परतापुर के किसान मनोज हत्याकांड से जुड़ा है। जिसका सनसनीखेज खुलासा सोमवार को एसपी सिटी मानसिंह चौहान व सीओ ब्रह्मपुरी अखिलेश भदौरिया ने प्रेसवार्ता में किया।
गलत निकली नामजदगी
एसपी सिटी के अनुसार विगत एक सितंबर को मोहिउद्दीनपुर गांव में किसान मनोज कुमार की हत्या हुई थी। मनोज के भाई ने अपने एक रिश्तेदार के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जो जांच में गलत निकली थी। पुलिस ने सर्विलांस और मुखबिर तंत्र की सूचना पर मनोज की बड़ी बेटी शिखा को हिरासत में ले लिया।
क्या बोली शिखा
एसपी सिटी के अनुसार हत्यारोपी शिखा ने बताया कि उसके पिता के परिवार की ही एक महिला से करीब 24 साल से संबंध थे। इसको लेकर कई बार घर में झगड़ा भी हुआ। एक साल से वह अपने पिता से इस महिला से संबंध तोड़ने के लिए कह रही थी। लेकिन उसका पिता उल्टे धमकी देता था कि वह अपनी करोड़ों की संपत्ति में से किसी को कुछ नहीं देगा। सारी प्रॉपर्टी उस महिला के नाम ही करेगा। काफी समझाने के बाद भी न मानने पर उसने पिता की हत्या कराने की प्लानिंग बना ली थी।
एफबी फ्रेंड के सहारे शूटरों से संपर्क
एसपी सिटी ने बताया कि शिखा राजस्थान के एक डिग्री कालेज से बीकॉम कर रही है। उसकी परतापुर के अधेड़ा गांव के निवासी हिमांशु सिवाच से फेसबुक पर दोस्ती थी। शिखा ने हिमांशु से घर की सारी बातें बताकर शूटर उपलब्ध कराने को कहा। हिमांशु ने वारदात से चार दिन पहले शिखा की मुलाकात शूटर लोकेंद्र उर्फ लौकी निवासी बिसोखर मोदीनगर और हिमांशु जाट निवासी करनावल सरूरपुर से मोहिउद्दीनपुर में कराई थी। शूटरों ने हत्या करने की एवज में 20 लाख रुपये मांगे। लेकिन बाद में 12 लाख की सुपारी तय हुई थी।
चुपचाप आना, दरवाजा खुला मिलेगा
वारदात वाले दिन शिखा ने हिमांशु को कॉल कर कहा कि घर का दरवाजा खुला मिलेगा, चुपचाप शूटरों को लेकर अंदर आ जाना। तीनों आरोपियों ने जब घर में प्रवेश किया तो मनोज और उसका बड़ा भाई बराबर-बराबर में अलग-अलग चारपाई पर सो रहे थे। गफलत होने पर उन्होंने शिखा को कॉल कर बुलाया। जिसके बाद अपने कमरे से पहुंची शिखा बोली कि इस चारपाई पर मेरा पिता मनोज सोया है, जिसे गोली मारनी है। शिखा के वहां से निकलते ही दोनों हिमांशु ने मनोज का मुंह दबा लिया जबकि शूटर लोकेंद्र ने मनोज की कनपटी से सटाकर गोली मारी। हत्या के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए।
ऊधम सिंह का शूटर हिमांशु जाट
बकौल एसपी सिटी हिमांशु जाट जेल में बंद कुख्यात ऊधम सिंह का शूटर है। जो ऊधम के गांव करनावल का निवासी हैं। हिमांशु अपने साथी लोकेंद्र के साथ लूट और हत्या की कई वारदातें कर चुका है। पुलिस ने आरोपी शिखा का मोबाइल फोन और टैब भी कब्जे में ली है। इन दोनों गैजेट्स में कई और राज छुपे हो सकते हैं।
पिता के परिवार की महिला से संबंधों को लेकर घर में रोजाना का क्लेश। काफी समझाने के बाद भी पिता का न मानना और करोड़ों की प्रॉपर्टी इस महिला के नाम करने की धमकी देना। इस पारिवारिक झगड़े का अंजाम यह हुआ कि अपने छोटे भाई की संपत्ति बचाने के लिए 23 साल की अविवाहित बेटी ने 12 लाख की सुपारी देकर पिता को शूटरों से मौत के घाट उतरवा दिया। मामला परतापुर के किसान मनोज हत्याकांड से जुड़ा है। जिसका सनसनीखेज खुलासा सोमवार को एसपी सिटी मानसिंह चौहान व सीओ ब्रह्मपुरी अखिलेश भदौरिया ने प्रेसवार्ता में किया।
गलत निकली नामजदगी
एसपी सिटी के अनुसार विगत एक सितंबर को मोहिउद्दीनपुर गांव में किसान मनोज कुमार की हत्या हुई थी। मनोज के भाई ने अपने एक रिश्तेदार के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जो जांच में गलत निकली थी। पुलिस ने सर्विलांस और मुखबिर तंत्र की सूचना पर मनोज की बड़ी बेटी शिखा को हिरासत में ले लिया।
क्या बोली शिखा
एसपी सिटी के अनुसार हत्यारोपी शिखा ने बताया कि उसके पिता के परिवार की ही एक महिला से करीब 24 साल से संबंध थे। इसको लेकर कई बार घर में झगड़ा भी हुआ। एक साल से वह अपने पिता से इस महिला से संबंध तोड़ने के लिए कह रही थी। लेकिन उसका पिता उल्टे धमकी देता था कि वह अपनी करोड़ों की संपत्ति में से किसी को कुछ नहीं देगा। सारी प्रॉपर्टी उस महिला के नाम ही करेगा। काफी समझाने के बाद भी न मानने पर उसने पिता की हत्या कराने की प्लानिंग बना ली थी।
एफबी फ्रेंड के सहारे शूटरों से संपर्क
एसपी सिटी ने बताया कि शिखा राजस्थान के एक डिग्री कालेज से बीकॉम कर रही है। उसकी परतापुर के अधेड़ा गांव के निवासी हिमांशु सिवाच से फेसबुक पर दोस्ती थी। शिखा ने हिमांशु से घर की सारी बातें बताकर शूटर उपलब्ध कराने को कहा। हिमांशु ने वारदात से चार दिन पहले शिखा की मुलाकात शूटर लोकेंद्र उर्फ लौकी निवासी बिसोखर मोदीनगर और हिमांशु जाट निवासी करनावल सरूरपुर से मोहिउद्दीनपुर में कराई थी। शूटरों ने हत्या करने की एवज में 20 लाख रुपये मांगे। लेकिन बाद में 12 लाख की सुपारी तय हुई थी।
चुपचाप आना, दरवाजा खुला मिलेगा
वारदात वाले दिन शिखा ने हिमांशु को कॉल कर कहा कि घर का दरवाजा खुला मिलेगा, चुपचाप शूटरों को लेकर अंदर आ जाना। तीनों आरोपियों ने जब घर में प्रवेश किया तो मनोज और उसका बड़ा भाई बराबर-बराबर में अलग-अलग चारपाई पर सो रहे थे। गफलत होने पर उन्होंने शिखा को कॉल कर बुलाया। जिसके बाद अपने कमरे से पहुंची शिखा बोली कि इस चारपाई पर मेरा पिता मनोज सोया है, जिसे गोली मारनी है। शिखा के वहां से निकलते ही दोनों हिमांशु ने मनोज का मुंह दबा लिया जबकि शूटर लोकेंद्र ने मनोज की कनपटी से सटाकर गोली मारी। हत्या के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए।
ऊधम सिंह का शूटर हिमांशु जाट
बकौल एसपी सिटी हिमांशु जाट जेल में बंद कुख्यात ऊधम सिंह का शूटर है। जो ऊधम के गांव करनावल का निवासी हैं। हिमांशु अपने साथी लोकेंद्र के साथ लूट और हत्या की कई वारदातें कर चुका है। पुलिस ने आरोपी शिखा का मोबाइल फोन और टैब भी कब्जे में ली है। इन दोनों गैजेट्स में कई और राज छुपे हो सकते हैं।