तीन सौ करोड़ से नए रूप में दिखेंगे पर्यटन स्थल
तपोस्थली में बनेगा पार्क, बुद्ध मंदिर, गेस्ट हाउस
अलवारा झील, शीतला धाम मंदिर और शहजादपुर में भी होगा सुंदरीकरण
अमर उजाला ब्यूरो
मंझनपुर।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कौशाम्बी को सजाने व संवारने की पहल शुरू कर दी है। किए गए वादे के तहत उन्होंने बुद्ध की तपोस्थली को भव्य रूप देने के लिए तीन सौ करोड़ की लागत का प्रस्ताव तैयार कराया है। पर्यटकों को हर वह सुविधा तपोस्थली में मिले जिसकी उन्हें जरूरत है, प्रस्ताव में इसका पूरा ख्याल रखा गया है। तपोस्थली के अलावा अलवारा झील, शीतला धाम मंदिर का सुंदरीकरण होगा। इसके अलावा क्रांतिकारी दुर्गा भाभी के गांव शहजादपुर का भी कायाकल्प किया जाएगा। प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है।
कौशाम्बी के पर्यटन स्थल जल्द ही नए रूप में दिखेंगे। डिप्टी सीएम के निर्देश पर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने तीन सौ करोड़ की लागत का प्रस्ताव तैयार कराया है। यह प्रस्ताव अंर्तराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान के सदस्य धर्मराज मौर्य की देखरेख में तैयार हुआ है। प्रस्ताव में तपोस्थली के बाद शीतलाधाम को वरीयता दी गई है। तपोस्थली में भव्य पार्क, बौद्ध मंदिर, गेस्ट हाउस, सड़क, फौव्वारा, बच्चों के लिए अलग से पार्क आदि बनेगा। प्रस्ताव में विदेशी पर्यटकों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा गया है। सुविधाएं उच्च श्रेणी की होंगी ताकि पर्यटक कौशाम्बी में ठहर कर यहां के इतिहास से रूबरू हों। इसके अलावा शीतला धाम मंदिर का भी सुंदरीकरण होगा। अलवारा झील को खूबसूरत बनाया जाएगा। यहां भी पार्क की व्यवस्था के साथ ही बोटिंग की सुविधा होगा। क्रांतिकारी दुर्गा भाभी के गांव शहजादपुर में विकास कार्य कराए जाएंगे। यह प्रस्ताव स्वीकृत हो गया है। इसको लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के सदस्य धर्मराज मौर्य, डीएम मनीष कुमार वर्मा, सीडीओ डॉ. दिनेश कुमार सिंह की कई बैठकें हो चुकी हैं। बजट स्वीकृत होते ही पर्यटन स्थलों में विकास कार्य शुरू हो जाएंगे।
कौशाम्बी को नई पहचान देंगे पर्यटन स्थल
पर्यटन स्थलों की अब तक उपेक्षा होती रही है। तपोस्थली समेत अन्य धार्मिक स्थलों का उद्धार कराने के इसके पहले तमाम दावे किए गए थे लेकिन कभी कार्य नहीं कराया गया। अब यदि भाजपा सरकार में इन पर्यटन स्थलों का कायाकल्प होता है तो कौशाम्बी को एक नई पहचान मिलेगी। अब तक विदेश व देश के कोने-कोने से आने वाले पर्यटक यहां की दुर्दशा को लेकर सवाल खड़े करते थे। यदि विकास कार्य हुए और पर्यटकों को सुविधाएं मिलीं तो वही गुणगान भी करेंगे।
पर्यटन के जरिए बढ़ेगा राजस्व
पर्यटन स्थलों का यदि विकास होता है तो राजस्व में भी इजाफा होगा। पर्यटकों के आने पर यहां का कारोबार भी बढे़गा। इसकी प्रबल संभावना को देखते हुए ही इस कार्य में तेजी लाई गई है। जानकारों का कहना है कि सुविधाएं मिलने पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
प्रस्ताव तैयार हो चुका है। प्रस्ताव को लेकर कई बार मीटिंग भी हो चुकी है। सभी बिंदुओं की बारीकी से जांच कराने के बाद इसका प्रंजेटेशन दिया गया है। तीन सौ करोड़ की लागत से तपोस्थली के अलावा अन्य धार्मिक स्थलों का सुंदरीकरण कराया जाएगा।
धर्मराज मौर्य
सदस्य अंर्तराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान