अधूरे विकास कार्यों के चलते कानपुर की रैंकिंग दो अंक और लुढ़ककर 73 पर पहुंच गई है। जिले में केवल 43.85 प्रतिशत ही विकास कार्य पूरे हो सके हैं। शासन स्तर से जारी हुई रैंकिंग में हमीरपुर पहले नंबर पर है। यहां पर 91.82 प्रतिशत विकास कार्य कराए गए हैं।
कानपुर में शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विकास कार्य कराए जाते हैं। हर माह इन कार्यों की समीक्षा शासन स्तर पर होती है और फिर सभी जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है। जुलाई माह की रैंकिंग शासन ने जारी कर दी है। जून माह में जिले की रैंक 71वीं थी।
दूसरे स्थान पर बरेली और तीसरे स्थान पर सुल्तानपुर है। सबसे खराब 75वीं रैंक फर्रुखाबाद जिले की है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी मनरेगा विभाग, पंचायती राज विभाग, डीआरडीए विभाग की होती है। विभागीय कार्यों की समीक्षा में मनरेगा विभाग में 60वीं, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन विभाग में 50वीं, आवास योजना में जिले को 48वीं रैंक मिली है।
पंचायती राज विभाग में जिले को 10वीं रैंक मिली है। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. महेंद्र कुमार ने बताया कि कई विभाग लक्ष्य के सापेक्ष कार्य पूरे नहीं करा सके हैं। इस कारण रैंकिंग लुढ़क गई है। लापरवाह अफसरों को चेतावनी देकर एक माह में कार्य प्रगति सुधारने के निर्देश दिए हैं।
अधूरे विकास कार्यों के चलते कानपुर की रैंकिंग दो अंक और लुढ़ककर 73 पर पहुंच गई है। जिले में केवल 43.85 प्रतिशत ही विकास कार्य पूरे हो सके हैं। शासन स्तर से जारी हुई रैंकिंग में हमीरपुर पहले नंबर पर है। यहां पर 91.82 प्रतिशत विकास कार्य कराए गए हैं।
कानपुर में शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विकास कार्य कराए जाते हैं। हर माह इन कार्यों की समीक्षा शासन स्तर पर होती है और फिर सभी जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है। जुलाई माह की रैंकिंग शासन ने जारी कर दी है। जून माह में जिले की रैंक 71वीं थी।
दूसरे स्थान पर बरेली और तीसरे स्थान पर सुल्तानपुर है। सबसे खराब 75वीं रैंक फर्रुखाबाद जिले की है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी मनरेगा विभाग, पंचायती राज विभाग, डीआरडीए विभाग की होती है। विभागीय कार्यों की समीक्षा में मनरेगा विभाग में 60वीं, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन विभाग में 50वीं, आवास योजना में जिले को 48वीं रैंक मिली है।
पंचायती राज विभाग में जिले को 10वीं रैंक मिली है। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. महेंद्र कुमार ने बताया कि कई विभाग लक्ष्य के सापेक्ष कार्य पूरे नहीं करा सके हैं। इस कारण रैंकिंग लुढ़क गई है। लापरवाह अफसरों को चेतावनी देकर एक माह में कार्य प्रगति सुधारने के निर्देश दिए हैं।