कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में तमाम देश टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। किसी देश में ड्रोन्स मेडिकल सामान पहुंचा रहे हैं तो किसी देश में रोबोट डॉक्टर्स की मदद कर रहे हैं। इस वक्त सभी देशों के लिए कोरोना के संक्रमण को ट्रैक करना जरूरी हो गया है। इसके लिए सभी देश अलग-अलग कॉन्टैक्ट ट्रैकिंग एप का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारत सरकार ने कोरोना संक्रमण को ट्रैक करने के लिए आरोग्य सेतु एप को लॉन्च किया है जिसे महज 20 दिनों में 8 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से लॉकडाउन 3.0 की घोषणा हो गई है जो कि चार मई से प्रभावी होगा और 17 मई तक जारी रहेगा।
लॉकडाउन 3.0 के साथ ही आरोग्य सेतु एप को सार्वजनिक जगहों, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए और कंटेनमेंट जोन के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। आइए समझते हैं कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आरोग्य सेतु एप कितना कारगर है और संक्रमण को रोकने में यह सरकार की कितनी मदद करता है?
आरोग्य सेतु एप कॉन्टेक्ट ट्रैकिंग एप है जो कि जीपीएस और ब्लूटूथ के आधार पर काम करता है। इन दोनों टेक्नोलॉजी की मदद से यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक किया जाता है। आरोग्य सेतु के काम करने के तरीके की बात करें तो ब्लूटूथ और जीपीएस के आधार पर यह लोगों को अलर्ट करता है। उदाहरण के तौर पर समझने की कोशिश करें तो यदि आपके फोन में आरोग्य सेतु एप है और आप किसी ऐसे इलाके हैं जाते हैं जहां पहले से कोरोना का संक्रमण पाया गया है तो आरोग्य सेतु एप आपको अलर्ट करेगा।
यह आपको बताएगा कि जिस इलाके में आप इस वक्त मौजूद हैं, वहां संक्रमण का खतरा है। आरोग्य सेतु एप यह भी बताता है कि आपकी लोकेशन से कितनी दूरी पर संक्रमण का मामला मिला है। कुल मिलाकर देखें तो आरोग्य सेतु एप आपके लिए एक सुरक्षा कवच है। आरोग्य सेतु एप कोरोना संदिग्ध यूजर्स की लोकेशन को 30 दिनों तक स्टोर करके रखता है, जबकि बिना जोखिम वालों की 45 दिन और जोखिम वालों का डाटा 60 दिन के बाद डिलीट कर दिया जाता है।
आरोग्य सेतु एप के साथ प्राइवेसी को लेकर भी सवाल उठ रहें तो आपको बता दें कि यह एप आपके फोन की गैलरी का एक्सेस नहीं लेता है और ना ही आपकी कॉन्टेक्ट लिस्ट चेक करता है। इसके अलावा आरोग्य सेतु एप आपके फोन की आइडेंटिटी चेक करता है। आरोग्य सेतु एप को ब्लूटूथ, लोकेशन और नेटवर्क का एक्सेस चाहिए।
भारत के अलावा अन्य देश भी आरोग्य सेतु जैसे एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। दक्षिण कोरिया और सिंगापुर ने इस तरह का प्रयोग पहले पहल किया। दक्षिण कोरिया में कॉन्टेक्ट ट्रैकिंग एप को निजी डेवलपर ने तैयार किया है, जबकि सिंगापुर में सरकार ने ऐसा एप लॉन्च किया है। चीन ने क्यूआर कोड का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इन देशों में एप के इस्तेमाल से पहले और बाद की स्थिति में काफी बदलाव देखने को मिला है।
शुरुआत में दक्षिण कोरिया में कोरोना के संक्रमण के मामले बहुत अधिक थे लेकिन अप्रैल के खत्म होने तक वहां सिर्फ 11,000 मामले हैं और 247 लोगों की मौत हुई है, वहीं सिंगापुर में सिर्फ 15,000 केस एक्टिव हैं और सिर्फ 14 लोगों की मौत हुई है। इन दोनों देशों में प्रति एक लाख लोगों में कोरोना से मृत्यु का औसत 2.3 फीसदी से भी कम है। ऐसे में भारत में आरोग्य सेतु एप कोरोना के खिलाफ एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है।
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में तमाम देश टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। किसी देश में ड्रोन्स मेडिकल सामान पहुंचा रहे हैं तो किसी देश में रोबोट डॉक्टर्स की मदद कर रहे हैं। इस वक्त सभी देशों के लिए कोरोना के संक्रमण को ट्रैक करना जरूरी हो गया है। इसके लिए सभी देश अलग-अलग कॉन्टैक्ट ट्रैकिंग एप का इस्तेमाल कर रहे हैं।
विज्ञापन
भारत सरकार ने कोरोना संक्रमण को ट्रैक करने के लिए आरोग्य सेतु एप को लॉन्च किया है जिसे महज 20 दिनों में 8 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से लॉकडाउन 3.0 की घोषणा हो गई है जो कि चार मई से प्रभावी होगा और 17 मई तक जारी रहेगा।
लॉकडाउन 3.0 के साथ ही आरोग्य सेतु एप को सार्वजनिक जगहों, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए और कंटेनमेंट जोन के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। आइए समझते हैं कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आरोग्य सेतु एप कितना कारगर है और संक्रमण को रोकने में यह सरकार की कितनी मदद करता है?
आगे पढ़ने के लिए लॉगिन या रजिस्टर करें
अमर उजाला प्रीमियम लेख सिर्फ रजिस्टर्ड पाठकों के लिए ही उपलब्ध हैं
आरोग्य सेतु एप कॉन्टेक्ट ट्रैकिंग एप है जो कि जीपीएस और ब्लूटूथ के आधार पर काम करता है। इन दोनों टेक्नोलॉजी की मदद से यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक किया जाता है। आरोग्य सेतु के काम करने के तरीके की बात करें तो ब्लूटूथ और जीपीएस के आधार पर यह लोगों को अलर्ट करता है। उदाहरण के तौर पर समझने की कोशिश करें तो यदि आपके फोन में आरोग्य सेतु एप है और आप किसी ऐसे इलाके हैं जाते हैं जहां पहले से कोरोना का संक्रमण पाया गया है तो आरोग्य सेतु एप आपको अलर्ट करेगा।
यह आपको बताएगा कि जिस इलाके में आप इस वक्त मौजूद हैं, वहां संक्रमण का खतरा है। आरोग्य सेतु एप यह भी बताता है कि आपकी लोकेशन से कितनी दूरी पर संक्रमण का मामला मिला है। कुल मिलाकर देखें तो आरोग्य सेतु एप आपके लिए एक सुरक्षा कवच है। आरोग्य सेतु एप कोरोना संदिग्ध यूजर्स की लोकेशन को 30 दिनों तक स्टोर करके रखता है, जबकि बिना जोखिम वालों की 45 दिन और जोखिम वालों का डाटा 60 दिन के बाद डिलीट कर दिया जाता है।
आरोग्य सेतु एप के साथ प्राइवेसी को लेकर भी सवाल उठ रहें तो आपको बता दें कि यह एप आपके फोन की गैलरी का एक्सेस नहीं लेता है और ना ही आपकी कॉन्टेक्ट लिस्ट चेक करता है। इसके अलावा आरोग्य सेतु एप आपके फोन की आइडेंटिटी चेक करता है। आरोग्य सेतु एप को ब्लूटूथ, लोकेशन और नेटवर्क का एक्सेस चाहिए।
कॉन्टेक्ट ट्रैकिंग एप से अन्य देशों को क्या हुआ फायदा?
QR Code
- फोटो : Social
भारत के अलावा अन्य देश भी आरोग्य सेतु जैसे एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। दक्षिण कोरिया और सिंगापुर ने इस तरह का प्रयोग पहले पहल किया। दक्षिण कोरिया में कॉन्टेक्ट ट्रैकिंग एप को निजी डेवलपर ने तैयार किया है, जबकि सिंगापुर में सरकार ने ऐसा एप लॉन्च किया है। चीन ने क्यूआर कोड का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इन देशों में एप के इस्तेमाल से पहले और बाद की स्थिति में काफी बदलाव देखने को मिला है।
शुरुआत में दक्षिण कोरिया में कोरोना के संक्रमण के मामले बहुत अधिक थे लेकिन अप्रैल के खत्म होने तक वहां सिर्फ 11,000 मामले हैं और 247 लोगों की मौत हुई है, वहीं सिंगापुर में सिर्फ 15,000 केस एक्टिव हैं और सिर्फ 14 लोगों की मौत हुई है। इन दोनों देशों में प्रति एक लाख लोगों में कोरोना से मृत्यु का औसत 2.3 फीसदी से भी कम है। ऐसे में भारत में आरोग्य सेतु एप कोरोना के खिलाफ एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है।
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।