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Kharmas 2021: आज से खरमास शुरू, जानिए सुख-सौभाग्य के लिए खरमास में क्या करें क्या न करें
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Thu, 16 Dec 2021 07:45 AM IST
सार
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रहों के राजा भगवान सूर्य जब देवताओं के गुरु बृहस्पति देव की राशि धनु में गोचर करते हैं, तब खरमास का महीना लगता है।
Kharmas 2021: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में नित्यप्रति सूर्य भगवान की पूजा करना और आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करना बहुत फलदाई माना जाता है।
Kharmas 2021: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रहों के राजा भगवान सूर्य जब देवताओं के गुरु बृहस्पति देव की राशि धनु में गोचर करते हैं, तब खरमास का महीना लगता है। 15 दिसंबर की मध्यरात्रि के बाद 03 बजकर 40 मिनट पर खरमास आरंभ होने के साथ ही सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। आइए जानते वह कौन से कार्य हैं जिनको करने से हमारे पुण्यों में वृद्धि होती है और वहीं कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें इस महीने में करना अशुभ माना गया है।
भगवान भास्कर की पूजा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में नित्यप्रति सूर्य भगवान की पूजा करना और आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करना बहुत फलदाई माना जाता है। इनकी आराधना करने अथवा जल द्वारा अर्घ्यने से सभी दोष नष्ट हो जाते हैं। पाप नाशक और पुण्य वृद्धि कारक भगवान सूर्य को इस मंत्र- 'सूर्यदेव महाभाग ! त्र्योक्य तिमिरापह। मम पूर्व कृतंपापं क्षम्यतां परमेश्वरः। को पढ़ते हुए अर्घ्य देने से आयु, विद्या बुद्धि और यश की प्राप्ति होती है। उत्तम स्वास्थ्य, शिक्षा, संतान और यश-कीर्ति की प्राप्ति, सामाजिक प्रतिष्ठा, प्रतियोगिता में सफलता, करियर में कामयाबी के लिए लोगों को प्रातः उदय होते लाल सूर्य की आराधना करनी चाहिए। जिनको बार-बार चोट लगती हो, शरीर में कैल्शियम की कमी हो, दुर्घटना के शिकार अधिक होते हों या फिर अपनी जान जाने का भय हो, यदि वे दोपहर 'अभिजीत' मुहूर्त में सूर्य की आराधना करें तो उन्हें बहुत लाभ होगा। संध्याकाल में सूर्य की आराधना करने से प्राणी को जीवनपर्यंत अन्न-जल एवं भौतिक वस्तुओं का पूर्णसुख मिलता है।
इष्टदेव की आराधना
खरमास में व्यक्ति को अपने इष्टदेव की पूजा-सेवा करने एवं दान-पुण्य करने से पुण्यों में वृद्धि होती है एवं जीवन में आए संकट दूर होने लगते हैं। इस महीने भगवान विष्णु के किसी भी अवतार और शिव परिवार की उपासना करना विशेष फलदाई है।
दान-पुण्य
गरीब लोगों और जरुरतमंदों की मदद करने से आप पर ईश्वर का आशीर्वाद बना रहता है। तिल,गुड़,गर्म कपड़े,कंबल आदि इस महीने में दान करना शुभ माना गया।
नदियों में स्नान
खरमास में पवित्र तीर्थ स्थानों पर जाकर पवित्र नदियों में स्नान कर दान करना बहुत पुण्यकारक माना गया है। श्री रामचरितमानस एवं गीता का पाठ करना चाहिए ऐसा करने से हमारे पुण्य में वृद्धि होती हैं।
क्या न करें
ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस महीने में मुंडन, गृहप्रवेश, सगाई एवं शादी-विवाह आदि जैसे मांगलिक कार्य करना अशुभ माना गया है। खरमास महीने में मकान, जमीन, प्लॉट या रियल स्टेट से जुड़ी चीजों का क्रय करना अच्छा नहीं माना गया है।
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