पिछले दो माह से बारिश न होने से हिमाचल में सूखे के हालात बन गए हैं। प्रदेश की 335 पेयजल योजनाएं प्रभावित हो चुकी हैं, जिससे गांवों में लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। जल शक्ति विभाग के हमीरपुर जोन को छोड़कर अन्य तीनों धर्मशाला, मंडी और शिमला जोन में पेयजल योजनाओं में 25 से 75 फीसदी तक पानी घट गया है। राज्य की सिंचाई योजनाओं पर सूखे की मार से प्रभावित स्कीमों की सरकार ने रिपोर्ट तलब की है। बागवान सूखे के कारण बगीचों में खाद डालने से वंचित रह गए हैं। बागवानी विशेषज्ञ डा. एसपी भारद्वाज कहते हैं कि बगीचों में नमी का इंतजार करें और अभी तैलियों को न छेड़ें। किसान गेहूं की बिजाई नहीं कर पाए हैं।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश पर निर्भर किसान गेहूं की बिजाई नमी होने पर ही करें। सूखे के कारण पानी घटने से प्रभावित 335 परियोजनाएं पर निर्भर करीब 74.84 फीसदी ग्रामीण आबादी को पानी का संकट झेलना पड़ रहा है। इन परियोजनाएं से पानी जुटाने वाली कुल 78,327 की आबादी को पानी की कमी हुई है। इन क्षेत्रों में विभाग ने अभी तक पेयजल की कोई सुविधा मुहैया नहीं करवाई है। जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ नवीन पुरी कहते हैं कि अक्तूबर में सूखा रहने से प्रदेश की कुल 335 पेयजल स्कीमें प्रभावित हुई हैं। इन परियोजनाओं का पानी 25 से 75 फीसदी तक घटने के कारण जल संकट हुआ है। सिंचाई योजनाओं की रिपोर्ट जिलों से मांग ली हैं।