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हिमाचल में सूखे के हालात, 335 पेयजल योजनाएं प्रभावित, गांवों में जलसंकट

विपिन काला, अमर उजाला, शिमला Published by: Krishan Singh Updated Thu, 05 Nov 2020 10:34 AM IST
drought situation in Himachal, people suffering from drinking water crisis
सूखा-सांकेतिक

पिछले दो माह से बारिश न होने से हिमाचल में सूखे के हालात बन गए हैं। प्रदेश की 335 पेयजल योजनाएं प्रभावित हो चुकी हैं, जिससे गांवों में लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। जल शक्ति विभाग के हमीरपुर जोन को छोड़कर अन्य तीनों धर्मशाला, मंडी और शिमला जोन में पेयजल योजनाओं में 25 से 75 फीसदी तक पानी घट गया है। राज्य की सिंचाई योजनाओं पर सूखे की मार से प्रभावित स्कीमों की सरकार ने रिपोर्ट तलब की है। बागवान सूखे के कारण बगीचों में खाद डालने से वंचित रह गए हैं। बागवानी विशेषज्ञ डा. एसपी भारद्वाज कहते हैं कि बगीचों में नमी का इंतजार करें और अभी तैलियों को न छेड़ें। किसान गेहूं की बिजाई नहीं कर पाए हैं।



कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश पर निर्भर किसान गेहूं की बिजाई नमी होने पर ही करें। सूखे के कारण पानी घटने से प्रभावित 335 परियोजनाएं पर निर्भर करीब 74.84 फीसदी ग्रामीण आबादी को पानी का संकट झेलना पड़ रहा है। इन परियोजनाएं से पानी जुटाने वाली कुल 78,327 की आबादी को पानी की कमी हुई है। इन क्षेत्रों में विभाग ने अभी तक पेयजल की कोई सुविधा मुहैया नहीं करवाई है। जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ नवीन पुरी कहते हैं कि अक्तूबर में सूखा रहने से प्रदेश की कुल 335 पेयजल स्कीमें प्रभावित हुई हैं। इन परियोजनाओं का पानी 25 से 75 फीसदी तक घटने के कारण जल संकट हुआ है। सिंचाई योजनाओं की रिपोर्ट जिलों से मांग ली हैं। 

सूखे से प्रभावित पेयजल योजनाएं

जल शक्ति विभाग जोन                     सूखे से प्रभावित पेयजल योजनाएं
1. शिमला                                          206
2. धर्मशाला                                        85
3. मंडी                                             44
4. हमीरपुर                                          0 
 

 क्या कहते हैं मौसम विभाग के अधिकारी

 मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह कहते हैं कि अक्तूबर में अमूमन बारिश कम ही रहती है। अभी हफ्ते तक बारिश के कोई आसार नहीं हैं। वर्ष 2017 में भी बारिश कम हुई थी।

वर्ष 2004 में 102 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई थी और 92.8 एमएम बारिश रिकॉर्ड की थी। इस साल अक्तूबर, 2020 में बारिश 0.4 फीसदी हुई, जो कि -99 फीसदी दर्ज की गई।

अक्तूबर सूखा जाने के कारण प्रदेश की पेयजल और सिंचाई योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं हैं। इस सूखे से बागबानी क्षेत्रों को बड़ा नुकसान हुआ है। - महेंद्र सिंह, राजस्व, जलशक्ति एवं बागवानी मंत्री
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