हिमाचल में दर्जनों निजी स्कूल बंद हो सकते हैं। सरकार से मान्यता लिए बिना खुले स्कूलों का उच्च शिक्षा निदेशालय ब्योरा जुटा रहा है। निदेशालय में पहुंची रिपोर्ट में कई ऐसे स्कूल चिन्हित कर लिए गए हैं, जिनका सरकारी रिकॉर्ड में कोई उल्लेख नहीं है। इसी कड़ी में जिला सोलन के छह स्कूलों को नोटिस भेज कर निदेशालय ने जवाबतलबी करते हुए दस्तावेज दिखाने के आदेश दिए हैं।
हिमाचल में बिना मान्यता लिए खुले निजी स्कूलों का सभी जिलों से पांच जनवरी तक रिकॉर्ड मांगा गया है। कुछ जिलों का रिकॉर्ड निदेशालय पहुंच गया है लेकिन कुछ ने अभी तक रिपोर्ट नहीं भेजी है। ऐसे में निदेशालय ने जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर पांच जनवरी तक रिपोर्ट देने को कहा है।
इस रिपोर्ट के आधार पर बिना मान्यता खुले स्कूलों से पहले जवाब मांगा जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर स्कूलों को बंद करने का फैसला भी लिया जा सकता है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया है कि सरकार के ध्यान में आया है कि कई निजी स्कूल बिना मान्यता प्राप्त किए खुले हैं।
यह स्कूल निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग एक्ट 1997 की अवहेलना कर रहे हैं। यह स्कूल शैक्षणिक सत्र समाप्त होने पर ऑडिट रिपोर्ट भी नहीं दे रहे हैं। ऐसे में सरकार ने बिना मान्यता खुले निजी स्कूलों की धरपकड़ करने का फैसला लिया है।
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की हर गतिविधि को अब उनके अभिभावकों से साझा किया जाएगा। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सूबे के सरकारी स्कूलों में भी विशेष डायरी लगाने की शुरुआत होने जा रही है।
डायरी में होमवर्क से लेकर अन्य गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी। गुणात्मक शिक्षा देने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशालय ने यह नई पहल करने का फैसला लिया है। शैक्षणिक सत्र 2019-20 से इसकी शुरुआत होगी।
इस नई योजना के तहत स्कूली विद्यार्थियों की डायरियों पर होमवर्क, बच्चों से जुड़ी जानकारी लिखी जाएगी। स्कूल से लिखे जाने वाले रिमार्क्स पर अभिभावकों से हस्ताक्षर करवाना अनिवार्य किया जाएगा। अभिभावकों से सुझाव भी मांगे जाएंगे। परियोजना निदेशालय का मानना है कि निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की हर गतिविधि पर अभिभावक नजर रखते हैं।
स्कूल से आने के बाद घर पर भी बच्चों को वह स्वयं पढ़ाते हैं और स्कूल प्रबंधन के लगातार संपर्क में रहते हैं। लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ ऐसा नहीं होता है। ऐसे में अभिभावकों की सहभागिता से शिक्षा में गुणात्मकता बढ़ाने के लिए यह योजना तैयार की है।
प्रदेश में स्थित चार मेडिकल कॉलेजों में भी आईजीएमसी और टांडा की तर्ज पर फैकल्टी का अलग से काडर बनाया जाएगा। एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसरों की एक बार किसी मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति होने के बाद अन्य कॉलेजों में बदली नहीं होगी।
नाहन, चंबा, नेरचौक और हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की स्थायी नियुक्ति के लिए सरकार ने यह नई नीति बनाई है। प्रदेश सरकार ने वीरवार को इसकी अधिसूचना जारी की है। प्रदेश सरकार ने नए खोले गए मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की नियुक्ति के लिए आईजीएमसी शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज में नियुक्त एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसरों से आवेदन आमंत्रित किए हैं।
आवेदन करने वालों को मेडिकल कॉलेज में समायोजित करने के बाद पदोन्नति दी जाएगी। अगर किसी पद के लिए दो या दो से अधिक आवेदन प्राप्त होंगे तो वरिष्ठता के आधार पर ही चयन होगा। इसके अलावा इन कॉलेजों में होने वाली सीधी भर्ती भी अलग कैडर में शामिल होगी।
हिमाचल में दर्जनों निजी स्कूल बंद हो सकते हैं। सरकार से मान्यता लिए बिना खुले स्कूलों का उच्च शिक्षा निदेशालय ब्योरा जुटा रहा है। निदेशालय में पहुंची रिपोर्ट में कई ऐसे स्कूल चिन्हित कर लिए गए हैं, जिनका सरकारी रिकॉर्ड में कोई उल्लेख नहीं है। इसी कड़ी में जिला सोलन के छह स्कूलों को नोटिस भेज कर निदेशालय ने जवाबतलबी करते हुए दस्तावेज दिखाने के आदेश दिए हैं।
हिमाचल में बिना मान्यता लिए खुले निजी स्कूलों का सभी जिलों से पांच जनवरी तक रिकॉर्ड मांगा गया है। कुछ जिलों का रिकॉर्ड निदेशालय पहुंच गया है लेकिन कुछ ने अभी तक रिपोर्ट नहीं भेजी है। ऐसे में निदेशालय ने जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर पांच जनवरी तक रिपोर्ट देने को कहा है।