राजस्थान के खेल मंत्री के एक ट्वीट ने प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है। सरकार पर लगातार ब्यूरोक्रेसी हावी होने के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन हर बार इसे दरकिनार कर दिया जाता था। अब खेल मंत्री के ट्वीट ने एक बार फिर इन आरोप को हवा दे दी है।
दरअसल, खेल मंत्री अशोक चांदना ने रात दस बजे एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- 'माननीय मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है की मुझे इस जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज कुलदीप रांका जी को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री है'।
चांदना के ट्वीट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन पर काम पर दबाव है। उन्होंने तनाव में आकर ऐसा बयान दे दिया होगा। हमें इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। मेरी अभी उनसे बात नहीं हुई है। वहीं, राजस्थान के एक अन्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मुझे यकीन है कि मुख्यमंत्री इस मसले पर बात करेंगे। यह पार्टी की जिम्मेदारी है कि अशोक चांदना के ट्वीट को गंभीरता से लें। मैं भी व्यक्तिगत रूप से चांदना से बात करूंगा।
ब्यूरोक्रेसी हावी होने के लगातार लग रहे आरोप
प्रदेश की गहलोत सरकार पर ब्यूरोक्रेसी हावी होने के आरोप लगातार लग रहे हैं। विधायक गणेश घोघरा, राजेंद्र बिधूड़ी, धीरज गुर्जर और सीएम गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा भी इसे लेकर कई बार नाराजगी जता चुके हैं। अब खेल मंत्री चांदना के ट्वीट ने सरकार की सब कुछ ठीक है कि छवि पर एक बार फिर सवाल उठा दिए हैं।
विधायक गणेश घोघरा भी सीएम को भेज चुके हैं इस्तीफा
इससे पहले विधायक गणेश घोघरा ने मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा दिया था। अपने पत्र में उन्होंने लिखा था- मैं सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक हूं, लेकिन मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि राजस्थान सरकार द्वारा उक्त पदों पर पदासीन होने के बाद भी मेरी बातों को अनदेखा किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मेरी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। मुझे मेरी विधानसभा क्षेत्र की जनता की समस्याओं की आवाज उठाने पर दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इन सभी बातों को मद्देनजर रखते हुए मैं विधायक पद से अपना त्यागपत्र प्रेषित करता हूं।
पूनिया बोले-जहाज डूबने वाला है
खेल मंत्री अशोक चांदना के इस्तीफे की पेशकश करने के बाद प्रदेश की विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी सरकार पर तंज कसा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि जहाज डूबने वाला है...2023 के रुझान आना शुरू हो गए है।
शेखावत बोले- तो युवाओं का क्या हाल होगा?
कंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, स्किल डेवलपमेंट और यूथ अफेयर्स मंत्री अशोक चांदना ने अपने पदभार को 'जलालत' भरा बताते हुए सीएम गहलोत से मुक्त करने की मांग की है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे युवा द्वारा ये शब्द कहना कांग्रेस सरकार को सामंतवादी साबित करता है। युवा मामलों के मंत्री यदि जलालत का अनुभव कर रहे हैं तो राज्य के युवाओं का क्या हाल होगा?
विस्तार
राजस्थान के खेल मंत्री के एक ट्वीट ने प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है। सरकार पर लगातार ब्यूरोक्रेसी हावी होने के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन हर बार इसे दरकिनार कर दिया जाता था। अब खेल मंत्री के ट्वीट ने एक बार फिर इन आरोप को हवा दे दी है।
दरअसल, खेल मंत्री अशोक चांदना ने रात दस बजे एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- 'माननीय मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है की मुझे इस जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज कुलदीप रांका जी को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री है'।
चांदना के ट्वीट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन पर काम पर दबाव है। उन्होंने तनाव में आकर ऐसा बयान दे दिया होगा। हमें इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। मेरी अभी उनसे बात नहीं हुई है। वहीं, राजस्थान के एक अन्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मुझे यकीन है कि मुख्यमंत्री इस मसले पर बात करेंगे। यह पार्टी की जिम्मेदारी है कि अशोक चांदना के ट्वीट को गंभीरता से लें। मैं भी व्यक्तिगत रूप से चांदना से बात करूंगा।
ब्यूरोक्रेसी हावी होने के लगातार लग रहे आरोप
प्रदेश की गहलोत सरकार पर ब्यूरोक्रेसी हावी होने के आरोप लगातार लग रहे हैं। विधायक गणेश घोघरा, राजेंद्र बिधूड़ी, धीरज गुर्जर और सीएम गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा भी इसे लेकर कई बार नाराजगी जता चुके हैं। अब खेल मंत्री चांदना के ट्वीट ने सरकार की सब कुछ ठीक है कि छवि पर एक बार फिर सवाल उठा दिए हैं।
विधायक गणेश घोघरा भी सीएम को भेज चुके हैं इस्तीफा
इससे पहले विधायक गणेश घोघरा ने मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा दिया था। अपने पत्र में उन्होंने लिखा था- मैं सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक हूं, लेकिन मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि राजस्थान सरकार द्वारा उक्त पदों पर पदासीन होने के बाद भी मेरी बातों को अनदेखा किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मेरी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। मुझे मेरी विधानसभा क्षेत्र की जनता की समस्याओं की आवाज उठाने पर दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इन सभी बातों को मद्देनजर रखते हुए मैं विधायक पद से अपना त्यागपत्र प्रेषित करता हूं।
पूनिया बोले-जहाज डूबने वाला है
खेल मंत्री अशोक चांदना के इस्तीफे की पेशकश करने के बाद प्रदेश की विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी सरकार पर तंज कसा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि जहाज डूबने वाला है...2023 के रुझान आना शुरू हो गए है।
शेखावत बोले- तो युवाओं का क्या हाल होगा?
कंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, स्किल डेवलपमेंट और यूथ अफेयर्स मंत्री अशोक चांदना ने अपने पदभार को 'जलालत' भरा बताते हुए सीएम गहलोत से मुक्त करने की मांग की है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे युवा द्वारा ये शब्द कहना कांग्रेस सरकार को सामंतवादी साबित करता है। युवा मामलों के मंत्री यदि जलालत का अनुभव कर रहे हैं तो राज्य के युवाओं का क्या हाल होगा?