लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Rajasthan ›   Rajasthan CM issue will arise after Bharat Jodo Yatra CM Ashok Gehlot vs Sachin Pilot

Rajasthan: क्या डोटासरा बयानबाजी पर गहलोत को मानेंगे दोषी?, भारत जोड़ो यात्रा के बाद फिर उठेगा सीएम का मुद्दा

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: उदित दीक्षित Updated Wed, 30 Nov 2022 05:58 PM IST
सार

केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से दो दिन में 25 सितंबर को हुए सियासी घटनाक्रम के बाद हुई बयानबाजी पर रिपोर्ट देने को कहा है। ऐसे में सबसे ज्यादा उलझन में डोटासरा ही हैं, क्योंकि बयानबाजी करने वालों में अशोक गहलोत, सचिन पायलट सहित कई अन्य बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं।

Rajasthan CM issue will arise after Bharat Jodo Yatra CM Ashok Gehlot vs Sachin Pilot
मंगलवार को केसी वेणुगोपाल ने सीएम गहलोत और पायलट से की थी चर्चा। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

राजस्थान में कांग्रेस नेताओं की एक-दूसरे के खिलाफ होने वाली बयानबाजी पर रोक लगा दी गई। अगर, इसके बाद भी सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के नेता ऐसा करते हैं तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। इस तरह की कड़ी चेतावनी संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दोनों गुट के नेताओं को दी है। इससे साफ है कि नेताओं की बयानबाजी पर सीजफायर हो गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि भारत जोडो यात्रा के बाद एक बार फिर यह दोनों गुट आमने-सामने हो सकते हैं। 



ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग का अभी समाधान नहीं हुआ है। पायलट गुट के विधायक और गुर्जर समाज अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान के नेताओं ने भारत जोड़ो यात्रा तक शांत रहने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि यात्रा के जाने के बाद एक बार फिर पायलट को सीएम बनाने की मांग जोर पकड़ सकती है। 


उधर, मंगलवार को जयपुर आए केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से दो दिन में 25 सितंबर को हुए सियासी घटनाक्रम के बाद हुई बयानबाजी पर रिपोर्ट देने को कहा है। ऐसे में सबसे ज्यादा उलझन में डोटासरा ही हैं, क्योंकि बयानबाजी करने वालों में अशोक गहलोत, सचिन पायलट सहित कई अन्य बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं। 24 नवंबर को तो गहलोत ने पायलट को गद्दार तक कह दिया था। इसके बाद दोनों नेता आमने-सामने आ गए थे। डोटासरा गहलोत गुट के नेता माने जाते हैं। ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या डोटासरा अन्य नेताओं के साथ-साथ गहलोत और पायलट की बयानबाजी की रिपोर्ट भी आलाकमान को भेजेंगे? 

मंगलवार को क्या हुआ?
49 नवंबर मंगलवार को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल जयपुर आए थे। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बनाई गई कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक की। इस बैठक में सीएम गहलोत, सचिन पायलट सहित कांग्रेस के करीब 35 बड़े नेता शामिल हुए। बैठक में वेणुगोपाल ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर, अब किसी ने एक दूसरे के खिलाफ एक शब्द भी बोला तो आज वह जहां है, कल वहां नहीं होगा। यानी पार्टी उसे बाहर का रास्ता दिखा देगी। 

बैठक में दी गई इस चेतावनी के साथ वेणुगोपाल ने करीब 30 मिनट तक गहलोत और पायलट के साथ चर्चा की। जिसके वेणुगोपाल गहलोत-पायलट को साथ लेकर बाहर आए। उन्होंने पार्टी में सबकुछ ठीक होने का संदेश देते हुए कहा- दिस इज राजस्थान (यह राजस्थान है)। इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सब एकजुट हैं। राहुल गांधी ने कहा है कि गहलोत और पायलट असेट्स (बहुमूल्य) ही हैं। सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान में उत्साह और ऊर्जा के साथ स्वागत किया जाएगा। यह सभी वर्गों के लोगों की भागीदारी के साथ एक ऐतिहासिक यात्रा होगी। हम सब मिलकर पार्टी को मजबूत करेंगे, हमें कोई उकसा नहीं सकता है।

क्या कहा था गहलोत ने? 
24 नवंबर को सीएम अशोक गहलोत ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू में पायलट के खिलाफ कई गंभीर बातें कहीं थीं। गहलोत ने कहा कि पायलट ने गद्दारी की है, वह मुख्यमंत्री नहीं बनाए जा सकते। उन्हें तो दस विधायकों तक का समर्थन भी नहीं है। उन्हें कोई स्वीकार नहीं करेगा। पायलट की गद्दारी को मैंने और हमारे विधायकों ने भुगता है। हमें 34 दिन होटलों में रहना पड़ा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान भी इसमें शामिल थे।  

पायलट ने किया था पलटवार
गहलोत के बयान का सचिन पायलट ने पलटवार किया था। उन्होंने कहा था कि इस तरह के अनुभवी व्यक्ति को ऐसे शब्द शोभा नहीं देते। गहलोत मुझे निकम्मा, नाकारा, गद्दार और न जाने क्या-क्या कह रहे हैं, लेकिन ऐसी भाषा बोलना मेरी परवरिश का हिस्सा नहीं रही। मेरा बार-बार नाम लेने, कीचड़ उछालने और आरोप-प्रत्यारोप करने से कोई फायदा नहीं होने वाला। कोई नेता इतना अनुभव रखता हो, वरिष्ठ हो और जिसे पार्टी ने इतना कुछ दिया हो, उसके लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता। इस तरह के झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने की उनसे उम्मीद नहीं थी।

25 सितंबर को क्या हुआ था? 
कांग्रेस आलाकमान ने अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर विधायक दल की बैठक में भेजा था। विधायकों ने बैठक से दूरी बनाई और आलाकमान के निर्देशों की अवहेलना की। तीन वरिष्ठ विधायकों के घर पर उन्होंने बैठक कर गहलोत पर भरोसा जताया था। उनका आरोप था कि अजय माकन सचिन पायलट के पक्ष में एक लाइन के प्रस्ताव पर मुहर लगवाना चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने बैठक का बहिष्कार किया। बैठक के बाद माकन ने शांति धारीवाल, धर्मेंद्र राठौड़ और महेश जोशी सहित तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनहीनता की रिपोर्ट हाईकमान को दी थी। जिसके बाद तीनों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया था। तीनों नेता अपने जवाब भी दे चुके हैं। इसके बाद भी कांग्रेस आलाकमान ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इससे नाराज होकर राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने पद से इस्तीफा दिया था।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed