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Rajasthan: सरकारी नौकरी में बढ़ सकता है आरक्षण, जानें किस वर्ग को मिलेगा फायदा?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: अरविंद कुमार Updated Thu, 24 Nov 2022 08:47 AM IST
सार

राजस्थान में सरकारी नौकरी करने की चाहत रखने वाले युवाओं के लिए खुशखबरी है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण का दायरा बढ़ने वाला है। अशोक गहलोत की सरकार पूर्व सैनिकों को कैटेगरी वाइज रिजर्वेशन देने पर विचार कर रही है।

सरकारी नौकरी में बढ़ सकता है आरक्षण
सरकारी नौकरी में बढ़ सकता है आरक्षण - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

राजस्थान सरकार की ओर से राज्य की सरकारी नौकरियों और भर्तियों में पूर्व सैनिकों को श्रेणीवार आरक्षण मिल सकता है। सरकार उम्मीदवारों को ये लाभ देने पर विचार कर रही है। अशोक गहलोत सरकार ने अधिकांश राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में सरकारी नौकरी में पूर्व सैनिकों को मिल रहे आरक्षण के नियमों का अध्ययन कराया है।



बता दें कि सरकारी नौकरी में ये आरक्षण देने वालों की लिस्ट में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक अन्य शामिल हैं। सरकारी बयान के मुताबिक, इनमें ऐसे बड़े राज्यों की विस्तृत जानकारी ली गई है। जहां पूर्व सैनिकों को भर्तियों में पांच प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण दिया जा रहा है। विभिन्न राज्यों के भर्ती आयोगों और चयन बोर्ड की भर्ती विज्ञप्तियों का भी अध्ययन किया गया है।


उदाहरण के तौर पर केंद्र सरकार की नौकरी, दिल्ली पुलिस भर्ती, महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग, पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड भर्ती आयोग और पंजाब पुलिस भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण श्रेणीवार निर्धारित करने के बाद ही विज्ञप्तियां जारी की जाती हैं।

क्यों जरूरी है ये आरक्षण?
बाड़मेर के बायतु से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले ओबीसी आरक्षण में हुई विसंगतियों का मुद्दा उठाते हुए उन्हें दूर करने का लिए कई बार आंदोलन कर चुके हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुख्य सचिव उषा शर्मा की ओर से विभिन्न सैनिक संगठनों, पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल और सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक से भी विस्तृत चर्चा की गई है। महाधिवक्ता के साथ बैठक में उन्होंने भी पूर्व सैनिकों का आरक्षण क्षैतिज कम्पार्टमेंट वाइज करने को विधिक रूप से उचित माना।

ऐसे में कहा जा रहा है कि ऐसा किए जाने पर अन्य आरक्षित श्रेणी के पूर्व सैनिकों को भी समग्र रूप से सीधी भर्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। साथ ही पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों में से पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों (पूर्व सैनिकों के अलावा) के लिए भी सम्यक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा। इस आरक्षण का समर्थन करने वालों का कहना है, पूर्व सैनिकों की वर्तमान भर्ती नियमों में नौकरी मिलने के बाद उनका समायोजन उनसे संबंधित श्रेणी में किया जाता है।

इस व्यवस्था से पूर्व सैनिकों का अपनी श्रेणी में समायोजन होने के कारण एससी-एसटी वर्ग के पूर्व सैनिकों का चयन कम हो पा रहा है। साथ ही पूर्व सैनिकों के लिए निर्धारित आरक्षण उपरांत चयनित अभ्यर्थियों के अपने वर्ग में समायोजित हो जाने के कारण कुछ भर्तियों में पिछड़ा वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जो पूर्व सैनिक नहीं हैं। उनका भी समुचित प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है।

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