पंजाब के होशियारपुर जिले के गांव बैरमपुर ख्याला में रविवार को उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद के मूल निवासी एक मजदूर के छह वर्षीय बच्चे की 300 फुट गहरे बोरवेल गिरने से मौत हो गई। इस दौरान बचाव अभियान करीब आठ घंटे चला लेकिन बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। हादसा सुबह करीब 10 बजे उस वक्त हुआ जब बच्चा एक लावारिस कुत्ते से बचने के लिए खेत में लगभग आठ इंच चौड़े ट्यूबवेल के पाइप पर चढ़ गया और संतुलन खोकर बोलवेल में जा गिरा।
पाइप संकरी होने के कारण बच्चा करीब 100 फुट नीचे जाकर फंस गया। उसे बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई। टीम ने सुनाम के गुरिंदर मंगवाल की सहायता से शाम करीब छह बजे बच्चे को बाहर निकाल लिया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बता दिया। जानकारी के मुताबिक राजेंद्र कुमार, निवासी शेखूपुरा खास, जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश वर्तमान में गांव धूरियां में झुग्गी बस्ती में रह रहा है।
रविवार को उनकी पत्नी अपने परिवार के साथ गांव बैरमपुर ख्याला में खेतों में काम कर रही थीं और उनके बच्चे आसपास में खेल रहे थे। इस दौरान एक लावारिस कुत्ता राजिंद्र कुमार के छह वर्षीय बेटे रितिक रोशन के पीछे भागा तो कुत्ते से बचने के लिए रितिक रोशन नजदीक खेत में जमीन से लगभग तीन फुट ऊंचे बोरवेल के पाइप पर चढ़ गया। इस दौरान कुत्ते के काटने के डर से बच्चा संभल नहीं पाया और बोरी से ढके 300 फुट गहरे बोरवेल की पाइप में जा गिरा। साथ के बच्चों ने हादसे की सूचना रितिक रोशन के माता-पिता को दी।
बच्चे के बोरवेल में गिरने की खबर पाकर गांव बैरमपुर और ख्याला के साथ-साथ आसपास गांवों के लोग भी बच्चे को बचाने के लिए घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। हर कोई इस बच्चे को बचाने के लिए अपने तौर पर प्रयास करने लगा। इसके बाद एनडीआरएफ को भी सूचित किया गया। मौके पर डॉक्टरों की टीम भी बुलाई गई।
बोरवेल में फंसे बच्चे को जीवित रखने के लिए बाबा दीप सिंह सेवादल एवं वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान मनजोत सिंह तलवंडी अपनी पूरी टीम के साथ ऑक्सीजन के सिलिंडर लेकर पहुंचे और पाइप के जरिये बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाई। बच्चा करीब 100 फुट की गहराई में पाइप में फंसा था। कड़ी मशक्कत के बाद शाम करीब छह बजे एनडीआरएफ की टीम ने बच्चे के हाथ में पाइप और रस्सी की सहायता से फंदा डाल कर उसे खींच कर बाहर निकाल लिया। उस वक्त बच्चा बेहोश था, जिसे तुरंत एंबुलेंस के जरिये सिविल अस्पताल होशियारपुर लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बता दिया। डीसी संदीप हंस ने बताया कि बच्चे की मौत दम घुटने से हुई है और सरकार की ओर से उसके परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
पांच भाई बहनों में सबसे छोटा था रितिक
रितिक रोशन पांच भाई बहनों में सबसे छोटा था। उसके चार और भाई-बहन हैं, जिनमें से रितिक और उसके भाई के अलावा तीन बहनें भी हैं। रितिक की मां बिमला देवी बिलखते हुए बार-बार अपने बेटे को बचाने की गुहार लगा रही थी, जबकि रितिक का पिता किसी काम से यूपी गया हुआ था।
सरकार ने 2019 में सभी खुले बोरवेल को बंद करने का आदेश दिया था
सरकार ने करीब तीन साल पहले 2019 में सभी खुले बोरवेल को बंद करने का आदेश दिया था। उस दौरान दो साल के बच्चे फतेहवीर की सुनाम में बोरवेल में गिरने के बाद करीब 110 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था लेकिन फतेहवीर की जान नहीं बची थी। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी खुले बोरवेल को बंद करने का आदेश जारी किया था।
सभी उपायुक्तों को इस तरह के बोरवेल को भरने और प्लग करने के लिए तत्काल उपाय करने के काम में विभिन्न विभागों को शामिल होने के लिए एक पत्र भी जारी किया गया था। इस संबंध में जारी आदेश में पंजाब सरकार ने उपायुक्तों को बंद पड़े बोरवेलों को सील करने और बंद न करने पर आपराधिक कार्रवाई शुरू करने को कहा था।
पंजाब सरकार ने आदेश दिया था कि इस तरह के बोरवेल में किसी भी तरह की दुर्घटना पर भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत भूमि मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। हालांकि, रविवार के मामले में बोरवेल का उपयोग नियमित सिंचाई के लिए किया जाता था और एक दिन पहले ही मरम्मत के लिए इसे खोला गया था। बोरवेल की पाइप जमीन से करीब तीन फुट ऊंची थी।
सिलसिलेवार घटनाक्रम
- सुबह करीब दस बजे रितिक रोशन बोरवेल में गिरा
- सूचना के बाद इलाके के लोग अपने तौर पर बच्चे को निकालने का प्रयास करते रहे
- खबर पाकर बाबा दीप सिंह सेवादल के लोग ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर वहां पहुंचे
- 11 बजे तक प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे
- करीब 12 बजे एनडीआरएफ और सेना की टीम पहुंची
- 12:30 बजे के करीब बोरवेल से निकालने के लिए प्रशासन ने रेस्क्यू शुरू किया
- करीब एक बजे एनडीआरएफ की इंजीनियर्स की टीम भी पहुंची
- 2:30 बजे के करीब बच्चे को निकालने के लिए सुनाम से गुरिंदर मंगवाल भी वहां पहुंचे
- 4:30 के करीब सीएमओ से फोन पर बात करने के बाद गुरिंदर को काम करने की इजाजत मिली
- अपने एक सहायक और दो एनडीआरएफ जवानों के साथ गुरिंदर ने काम शुरू किया
- करीब बीस मिनट बाद गुरिंदर ने बच्चे की बाजू में फंदा फंसा लिया
- तीन-चार फुट ऊपर आने पर फंदे की गांठ खुल गई
- दोबारा पाइप और रस्सी डालकर फिर से फंदा बाजू में डाला गया
- करीब 30 फुट ऊपर आकर पाइप में बच्चा फंस गया
- दोबारा एक और पाइप डाल कर फंदा डाला गया
- डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद रितिक को बाहर निकाला गया
विस्तार
पंजाब के होशियारपुर जिले के गांव बैरमपुर ख्याला में रविवार को उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद के मूल निवासी एक मजदूर के छह वर्षीय बच्चे की 300 फुट गहरे बोरवेल गिरने से मौत हो गई। इस दौरान बचाव अभियान करीब आठ घंटे चला लेकिन बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। हादसा सुबह करीब 10 बजे उस वक्त हुआ जब बच्चा एक लावारिस कुत्ते से बचने के लिए खेत में लगभग आठ इंच चौड़े ट्यूबवेल के पाइप पर चढ़ गया और संतुलन खोकर बोलवेल में जा गिरा।
पाइप संकरी होने के कारण बच्चा करीब 100 फुट नीचे जाकर फंस गया। उसे बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई। टीम ने सुनाम के गुरिंदर मंगवाल की सहायता से शाम करीब छह बजे बच्चे को बाहर निकाल लिया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बता दिया। जानकारी के मुताबिक राजेंद्र कुमार, निवासी शेखूपुरा खास, जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश वर्तमान में गांव धूरियां में झुग्गी बस्ती में रह रहा है।
रविवार को उनकी पत्नी अपने परिवार के साथ गांव बैरमपुर ख्याला में खेतों में काम कर रही थीं और उनके बच्चे आसपास में खेल रहे थे। इस दौरान एक लावारिस कुत्ता राजिंद्र कुमार के छह वर्षीय बेटे रितिक रोशन के पीछे भागा तो कुत्ते से बचने के लिए रितिक रोशन नजदीक खेत में जमीन से लगभग तीन फुट ऊंचे बोरवेल के पाइप पर चढ़ गया। इस दौरान कुत्ते के काटने के डर से बच्चा संभल नहीं पाया और बोरी से ढके 300 फुट गहरे बोरवेल की पाइप में जा गिरा। साथ के बच्चों ने हादसे की सूचना रितिक रोशन के माता-पिता को दी।
बच्चे के बोरवेल में गिरने की खबर पाकर गांव बैरमपुर और ख्याला के साथ-साथ आसपास गांवों के लोग भी बच्चे को बचाने के लिए घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। हर कोई इस बच्चे को बचाने के लिए अपने तौर पर प्रयास करने लगा। इसके बाद एनडीआरएफ को भी सूचित किया गया। मौके पर डॉक्टरों की टीम भी बुलाई गई।
बोरवेल में फंसे बच्चे को जीवित रखने के लिए बाबा दीप सिंह सेवादल एवं वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान मनजोत सिंह तलवंडी अपनी पूरी टीम के साथ ऑक्सीजन के सिलिंडर लेकर पहुंचे और पाइप के जरिये बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाई। बच्चा करीब 100 फुट की गहराई में पाइप में फंसा था। कड़ी मशक्कत के बाद शाम करीब छह बजे एनडीआरएफ की टीम ने बच्चे के हाथ में पाइप और रस्सी की सहायता से फंदा डाल कर उसे खींच कर बाहर निकाल लिया। उस वक्त बच्चा बेहोश था, जिसे तुरंत एंबुलेंस के जरिये सिविल अस्पताल होशियारपुर लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बता दिया। डीसी संदीप हंस ने बताया कि बच्चे की मौत दम घुटने से हुई है और सरकार की ओर से उसके परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।