न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जालंधर (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Wed, 21 Apr 2021 10:20 AM IST
इस्तीफे के बाद आईजी कुंवर विजय प्रताप मुखर हो गए हैं। उन्होंने कोटकपूरा और बहिबलकलां मामले में पंजाब सरकार, एडवोकेट जनरल (एजी) अतुल नंदा और सुप्रीम कोर्ट के वकील एचएस फूलका को सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है।
कुंवर विजय ने आरोप लगाया कि मेरे सरकार को लिखे पत्रों के बाद भी गवाहों को सुरक्षा नहीं मिली। हमारी लीगल टीम कमजोर थी। जिस दिन हाईकोर्ट ने मामला खारिज किया, उस दिन भी एजी मेडिकल लीव पर चले गए थे। इसके अलावा मेरे इस्तीफा का बड़ा कारण सुप्रीम कोर्ट के वकील एचएस फूलका हैं। उन्होंने निचली अदालत में केस लड़ने से इनकार कर दिया था।
अमर उजाला से बातचीत में कुंवर विजय प्रताप ने कहा कि वह बेअदबी और गोलीकांड के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी मिले थे। कैप्टन ने एजी अतुल नंदा को खास हिदायत दी थी कि इन मामलों में खुद पेश होना है और पूरी पैरवी करनी है, लेकिन एजी केस में पेश नहीं हुए। जिस दिन हाईकोर्ट ने मामला खारिज किया, उस दिन भी एजी मेडिकल लीव पर चले गए। इस बात का रिकॉर्ड भी सामने आना चाहिए कि वे कितनी तारीखों पर अदालत में पेश हुए और कब-कब मेडिकल छुट्टी ली। कुंवर ने कहा कि हमारी लीगल टीम कमजोर थी। हमें सरकारी वकीलों ने उल्टा टार्चर किया।
मेरे इस्तीफे का बड़ा कारण एडवोकेट फूलका
कुंवर ने कहा कि उन्होंने अगर इस्तीफा दिया है तो इसका बड़ा कारण सुप्रीम कोर्ट के वकील एचएस फूलका हैं। फूलका से उन्होंने कहा था कि वे निचली अदालत व हाईकोर्ट में आकर इन केसों की पैरवी करें। उनकी तरफ से गरूर भरा उत्तर आया कि वे निचली अदालतों में नहीं जाते। अगर वे केस में आकर खड़े हो जाते तो हमें यह सरकारी वकील उलझा नहीं पाते। कुंवर ने फूलका को आगाह किया कि वे ज्यादा न बोलें, वरना मेरे पर पास बोलने को काफी कुछ है।
विजय प्रताप ने कहा, आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि मैंने कितने पत्र सरकार को लिखे कि केस में गवाहों की मजबूती से गवाही दिलानी है, इसलिए सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। इसका कोई असर नहीं हुआ। अब गवाह कितने साल खड़े रह सकते हैं? अब नए सिरे से जांच होगी तो वक्त लगेगा, लेकिन गवाहों को खड़ा नहीं रखा जा सकता। उन पर दबाव डाला जाता है, डराया धमकाया जाता है। लेकिन मैं साफ कह हूं कि मैं नई एसआईटी का हिस्सा नहीं रहूंगा, चाहे मुझे अप्रत्यक्ष तौर पर मदद के लिए कहा जाए।
खाकी उतार काला कोट पहनेंगे कुंवर विजय
कुंवर विजय प्रताप अब खाकी वर्दी उतार काला कोट पहनेंगे। पुलिस की नौकरी से निकलते ही वे वकालत करने की तैयारी में जुट गए हैं। वे चंडीगढ़ से लॉ ग्रेजुएट हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की धरती है। यहां पर बेअदबी व ड्रग का धंधा करने वाले कैसे रह सकते हैं? उनको खदेड़ा जाएगा और इसकी पूरी तैयारी है। वे काला कोट पहनकर जरूरतमंदों की सेवा करेंगे और उन लोगों की कानूनी सहायता करेंगे जिनके साथ धक्के हो रहे हैं या जिनकी सुनवाई नहीं हो रही है। जरूरत पड़ी तो बेअदबी व गोलीकांड के केस को भी लड़ेंगे।
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इस्तीफे के बाद आईजी कुंवर विजय प्रताप मुखर हो गए हैं। उन्होंने कोटकपूरा और बहिबलकलां मामले में पंजाब सरकार, एडवोकेट जनरल (एजी) अतुल नंदा और सुप्रीम कोर्ट के वकील एचएस फूलका को सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है।
कुंवर विजय ने आरोप लगाया कि मेरे सरकार को लिखे पत्रों के बाद भी गवाहों को सुरक्षा नहीं मिली। हमारी लीगल टीम कमजोर थी। जिस दिन हाईकोर्ट ने मामला खारिज किया, उस दिन भी एजी मेडिकल लीव पर चले गए थे। इसके अलावा मेरे इस्तीफा का बड़ा कारण सुप्रीम कोर्ट के वकील एचएस फूलका हैं। उन्होंने निचली अदालत में केस लड़ने से इनकार कर दिया था।