पंजाब में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जो न कर सके उसके लिए अब मुख्यमंत्री चन्नी ने नया रास्ता और नई योजना अख्तियार की है। योजना के मुताबिक मुख्यमंत्री चन्नी का नया 'प्लान केबल' अमल में आने जा रहा है। इस प्लान में न सिर्फ केवल माफियाओं पर शिकंजा कसा जाएगा, बल्कि अवैध प्राइवेट बस ऑपरेटरों से लेकर रेत माफियाओं पर शिकंजा कसने का खाका तैयार कर लिया गया है। अगले एक सप्ताह के भीतर जिम्मेदार अधिकारी और योजना बनाने वाले रणनीतिकार मुख्यमंत्री चन्नी को न सिर्फ रिजल्ट के बारे में अवगत कराएंगे, बल्कि सीएम चन्नी खुद इस प्रभावकारी योजना के परिणामों से दिल्ली आलाकमान को अवगत कराएंगे। ताकि इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर नया ड्राफ्ट बनाया जा सके।
पंजाब में चुनाव नजदीक आते ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उनके रणनीतिकार कई योजनाओं पर लगातार काम कर रहे हैं। उनकी टीम से जुड़े ऐसी ही रणनीतियों पर काम करने वाले एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बीते सप्ताह ही चन्नी ने ऑपरेशन 'प्लान केबल' तैयार कर लिया था। कांग्रेस के उक्त रणनीतिकार के मुताबिक पंजाब में तमाम समस्याओं के साथ-साथ जिस तरीके से केबल का सिंडिकेट काम कर रहा है, उसे तोड़ना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री चन्नी ने प्लान केबल के तहत न सिर्फ केबल ऑपरेटरों की सांठगांठ बल्कि प्राइवेट बस माफिया और रेत माफियाओं के गठजोड़ को भी इसी प्लान के तहत खत्म करना है।
टीवी कनेक्शन की मासिक दर सौ रुपये तय
प्लान केबल के तहत चरणजीत सिंह चन्नी ने जिम्मेदार अधिकारियों और अपने रणनीतिकारों को गठजोड़ को खत्म करने के लिए केबल टीवी कनेक्शन की मासिक दर सौ रुपये तय करने की घोषणा कर दी है। पिछले सप्ताह हुई बैठक के दौरान चन्नी ने अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर बताया था कि परिवहन और केवल के ऐसे सभी धंधों में बादल परिवार का स्वामित्व है। उन्होंने कहा कि लोगों को लूटने का धंधा अब किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्लान केबल के तहत चन्नी ने कहा कि पूरे पंजाब में इसके लिए विजिलेंस टीम का गठन किया जाए और यह तय किया जाए कि कोई भी केबल ऑपरेटर 100 रुपये से अधिक प्रति माह की दर से लोगों से नहीं वसूलेगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया अगर ऐसी कोई शिकायत उनके पास आती है तो न सिर्फ केबल ऑपरेटर का लाइसेंस रद्द किया जाएगा बल्कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं जिन अधिकारियों को इस सांठगांठ को खत्म करने की जिम्मेदारी दी गई है उनके खिलाफ भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। चन्नी ने सिर्फ केबल मामले में ही लोगों को राहत देने की घोषणा नहीं की, बल्कि इस दौरान चन्नी ने कहा कि जितने भी बस परमिट अवैध है उन सभी को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाए।
कैप्टन ने की इन समस्याओं की अनदेखी
दरअसल 2017 में जब पंजाब में सत्ता परिवर्तन हुआ और कांग्रेस सत्ता में आई तो तय यही हुआ था कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब में चल रहे अवैध बसों के कारोबार से लेकर अवैध खनन और यहां के सबसे बड़े केबल ऑपरेटर माफियाओं के खिलाफ न सिर्फ कार्रवाई करेंगे बल्कि एक नई व्यवस्था बनाकर इस पूरे सिंडिकेट को खत्म कर देंगे। पंजाब से जुड़े वरिष्ठ एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का कहना है कि शुरुआत के डेढ़ साल तक तो आलाकमान इसी उम्मीद में रहा कि आज नहीं तो कल कैप्टन अमरिंदर बगैर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के दखल के इस पर कार्यवाही करना शुरू करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कोविड के दौरान दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान को जो सूचनाएं और जानकारियां मिलीं वह इस ओर इशारा करती थीं कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार इन तीन मुद्दों पर पूरी तरीके से आंख मूंदे हुए है। कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि यही वजह रही कि बार-बार आगाह करने के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब तमाम मुद्दों के साथ इन तीन प्रमुख समस्याओं की ओर ध्यान देना बंद कर दिया है तो अनबन शुरू हुई और नतीजतन कैप्टन अमरिंदर सिंह बतौर मुख्यमंत्री पंजाब से अपनी कुर्सी गंवा बैठे।
दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व की ओर से पंजाब की हर गतिविधि पर नजर रखने वाली कोर कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि चन्नी की इस योजना को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने न सिर्फ सराहा है बल्कि इसे तुरंत ही अमल में लाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके अलावा पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने जिस तरीके से पंजाब में अभी भी रेत माफियाओं के सिंडिकेट और एक ट्राली रेत की कीमत का खुलासा कर अपनी ही सरकार को घेरा है, उस पर भी केंद्रीय नेतृत्व ने पंजाब सरकार को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि बस सिंडिकेट, केबल सिंडिकेट और रेत माफियाओं पर शिकंजा कसना न सिर्फ पंजाब सरकार की प्राथमिकताओं में है, बल्कि उससे छुटकारा दिलाना उनकी प्राथमिकता में है। आने वाले विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस के एजेंडे में यह तीन मुद्दे प्रमुख रूप से शामिल भी रहेंगे।
विस्तार
पंजाब में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जो न कर सके उसके लिए अब मुख्यमंत्री चन्नी ने नया रास्ता और नई योजना अख्तियार की है। योजना के मुताबिक मुख्यमंत्री चन्नी का नया 'प्लान केबल' अमल में आने जा रहा है। इस प्लान में न सिर्फ केवल माफियाओं पर शिकंजा कसा जाएगा, बल्कि अवैध प्राइवेट बस ऑपरेटरों से लेकर रेत माफियाओं पर शिकंजा कसने का खाका तैयार कर लिया गया है। अगले एक सप्ताह के भीतर जिम्मेदार अधिकारी और योजना बनाने वाले रणनीतिकार मुख्यमंत्री चन्नी को न सिर्फ रिजल्ट के बारे में अवगत कराएंगे, बल्कि सीएम चन्नी खुद इस प्रभावकारी योजना के परिणामों से दिल्ली आलाकमान को अवगत कराएंगे। ताकि इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर नया ड्राफ्ट बनाया जा सके।
पंजाब में चुनाव नजदीक आते ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उनके रणनीतिकार कई योजनाओं पर लगातार काम कर रहे हैं। उनकी टीम से जुड़े ऐसी ही रणनीतियों पर काम करने वाले एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बीते सप्ताह ही चन्नी ने ऑपरेशन 'प्लान केबल' तैयार कर लिया था। कांग्रेस के उक्त रणनीतिकार के मुताबिक पंजाब में तमाम समस्याओं के साथ-साथ जिस तरीके से केबल का सिंडिकेट काम कर रहा है, उसे तोड़ना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री चन्नी ने प्लान केबल के तहत न सिर्फ केबल ऑपरेटरों की सांठगांठ बल्कि प्राइवेट बस माफिया और रेत माफियाओं के गठजोड़ को भी इसी प्लान के तहत खत्म करना है।
टीवी कनेक्शन की मासिक दर सौ रुपये तय
प्लान केबल के तहत चरणजीत सिंह चन्नी ने जिम्मेदार अधिकारियों और अपने रणनीतिकारों को गठजोड़ को खत्म करने के लिए केबल टीवी कनेक्शन की मासिक दर सौ रुपये तय करने की घोषणा कर दी है। पिछले सप्ताह हुई बैठक के दौरान चन्नी ने अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर बताया था कि परिवहन और केवल के ऐसे सभी धंधों में बादल परिवार का स्वामित्व है। उन्होंने कहा कि लोगों को लूटने का धंधा अब किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्लान केबल के तहत चन्नी ने कहा कि पूरे पंजाब में इसके लिए विजिलेंस टीम का गठन किया जाए और यह तय किया जाए कि कोई भी केबल ऑपरेटर 100 रुपये से अधिक प्रति माह की दर से लोगों से नहीं वसूलेगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया अगर ऐसी कोई शिकायत उनके पास आती है तो न सिर्फ केबल ऑपरेटर का लाइसेंस रद्द किया जाएगा बल्कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं जिन अधिकारियों को इस सांठगांठ को खत्म करने की जिम्मेदारी दी गई है उनके खिलाफ भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। चन्नी ने सिर्फ केबल मामले में ही लोगों को राहत देने की घोषणा नहीं की, बल्कि इस दौरान चन्नी ने कहा कि जितने भी बस परमिट अवैध है उन सभी को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाए।
कैप्टन ने की इन समस्याओं की अनदेखी
दरअसल 2017 में जब पंजाब में सत्ता परिवर्तन हुआ और कांग्रेस सत्ता में आई तो तय यही हुआ था कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब में चल रहे अवैध बसों के कारोबार से लेकर अवैध खनन और यहां के सबसे बड़े केबल ऑपरेटर माफियाओं के खिलाफ न सिर्फ कार्रवाई करेंगे बल्कि एक नई व्यवस्था बनाकर इस पूरे सिंडिकेट को खत्म कर देंगे। पंजाब से जुड़े वरिष्ठ एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का कहना है कि शुरुआत के डेढ़ साल तक तो आलाकमान इसी उम्मीद में रहा कि आज नहीं तो कल कैप्टन अमरिंदर बगैर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के दखल के इस पर कार्यवाही करना शुरू करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कोविड के दौरान दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान को जो सूचनाएं और जानकारियां मिलीं वह इस ओर इशारा करती थीं कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार इन तीन मुद्दों पर पूरी तरीके से आंख मूंदे हुए है। कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि यही वजह रही कि बार-बार आगाह करने के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब तमाम मुद्दों के साथ इन तीन प्रमुख समस्याओं की ओर ध्यान देना बंद कर दिया है तो अनबन शुरू हुई और नतीजतन कैप्टन अमरिंदर सिंह बतौर मुख्यमंत्री पंजाब से अपनी कुर्सी गंवा बैठे।
दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व की ओर से पंजाब की हर गतिविधि पर नजर रखने वाली कोर कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि चन्नी की इस योजना को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने न सिर्फ सराहा है बल्कि इसे तुरंत ही अमल में लाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके अलावा पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने जिस तरीके से पंजाब में अभी भी रेत माफियाओं के सिंडिकेट और एक ट्राली रेत की कीमत का खुलासा कर अपनी ही सरकार को घेरा है, उस पर भी केंद्रीय नेतृत्व ने पंजाब सरकार को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि बस सिंडिकेट, केबल सिंडिकेट और रेत माफियाओं पर शिकंजा कसना न सिर्फ पंजाब सरकार की प्राथमिकताओं में है, बल्कि उससे छुटकारा दिलाना उनकी प्राथमिकता में है। आने वाले विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस के एजेंडे में यह तीन मुद्दे प्रमुख रूप से शामिल भी रहेंगे।