भाखड़ा डैम के पानी के स्तर ने पिछले 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वर्तमान में डैम लबालब है। अभी जलस्तर 1629.87 फुट पहुंच चुका है। जो दस जुलाई की तारीख में अब तक का सर्वाधिक है।
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने पंजाब सरकार को इस बाबत अलर्ट कर दिया है। बरसात अधिक होने पर कभी भी फ्लड गेट खोले जा सकते हैं और पानी छोड़ा जा सकता है।
इससे दस से अधिक जिले प्रभावित होंगे। इससे बड़े नुकसान का अंदेशा सरकार को सता रहा है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन उत्तराखंड में हुई त्रासदी को लेकर इस समय भय का माहौल है।
बोर्ड के अधिकारियों की पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के साथ बैठक हो चुकी है। बोर्ड के चेयरमैन एबी अग्रवाल ने बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि पानी का यह बढ़ा हुआ स्तर बर्फ पिघलने और प्री मानसून की बरसात के कारण हुआ है।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि पानी छोड़ने की नौबत आई भी तो यह पानी एक सुनियोजित ढंग से छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले छह सात दिनों में भाखड़ा का जल स्तर 1645 फीट के ऊपर जा सकता है।
पिछले वर्ष से 84 फुट अधिक पानी
बृहस्पतिवार को भाखड़ा में पानी का स्तर 1,629.87 फुट पहुंच चुका है जो कि पिछले वर्ष की अपेक्षा 84 फुट अधिक है। इसी तरह पौंग डैम का पानी का स्तर भी बढ़कर 1,340.68 फुट पहुंच गया है जो कि पिछले वर्ष की अपेक्षा 48 फुट अधिक है।
अतिक्रमण के कारण कम हो रही है क्षमता
सतलुज और ब्यास में तीन लाख क्यूसिक की क्षमता थी। इस समय इनमें 70 से 75 हजार क्सूसिक पानी छोड़ा जाए तो शोर मच जाता है। अतिक्रमण के कारण इन नदियों की क्षमता कम हो रही है। किसी जमाने में इन नदियों की क्षमता आठ लाख क्यूसिक होती थी।
1978 में आई बाढ़ के बाद बीबीएमबी के अधिकारियों ने बाढ़ के खतरों को ध्यान में रखते हुए भाखड़ा का जल स्तर हर साल जुलाई के अंत तक 1650 फुट और सितंबर में 1680 फुट तक रखने का निर्णय लिया है। सितंबर तक पौंग डैम में यह पैमाना 1390 फुट का तय किया है।
नदियों के किनारों पर 24 घंटे चौकसी के आदेश
पंजाब के सिंचाई मंत्री जनमेजा सिंह सेखों ने बीबीएमबी के संभावित बाढ़ के अलर्ट के मद्देनजर राज्य में नहरों और नदियों के किनारों पर 24 घंटे चौकसी रखने के निर्देश दिए हैं।
विभाग के मुख्य इंजीनियरों को राज्य की संवेदनशील जगहों पर निगरानी के लिए एसडीओ, जेई, की ड्यूटी लगाने और निगरानी के लिए मेड और बेलदार तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
संभावित बाढ़ पर नजर रखने के लिए सरकार ने राज्यस्तरीय फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जो 24 घंटे काम करेंगे। अगले आदेश तक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपना स्टेशन छोड़कर नहीं जाएंगे।